Shravasti News: कहानी सुनाओ प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, बताई गईं लेखन की बारीकियां
Shravasti News: बताया गया कि 'कहानी के भीतर कहानी', जिसे एम्बेडेड कथा भी कहा जाता है जो एक साहित्यिक उपकरण है जिसमें एक कहानी के भीतर एक चरित्र दूसरी कहानी (पहली के भीतर) का वर्णनकर्ता होना चाहिए ।;
Shravasti:जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इकौना में कहानी सुनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का शुभारंभ डायट प्राचार्य व उप शिक्षा निदेशक सन्तोष कुमार सिंह के मार्गदर्शन एवं दिशा -निर्देशन में किया गया। प्रतियोगिता में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं नें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान प्रतियोगिता शुरू होने से पूर्व कार्यक्रम समन्वयक व डायट प्रवक्ता गिरीश प्रसाद मिश्र ने निर्णायक मंडली के सदस्यों महामाया राजकीय महाविद्यालय भिट्ठी प्राचार्य धर्मेंद्र कुमार गुप्ता, महामाया राजकीय इंटर कॉलेज भिट्ठी के सहायक अध्यापिका रितिक साहू, एसआरजी बेसिक शिक्षा विभाग श्रावस्ती संत कुमार का स्वागत के साथ प्रतिभागियों को प्रतियोगिता से संबंधित नियमों से अवगत कराया गया ।
निर्णायक मंडली के सदस्यों ने संयुक्त रूप से सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय भवनियापुर शुभम कुमार पाठक, हरिहरपुर रानी संजीवनी सिंह और सहायक अध्यापिका उच्च प्राथमिक विद्यालय तेंदुआ सिरसिया को चयनित किया गया जो राज्य स्तर (scert) पर आयोजित कहानी सुनाने की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे ।
कहानियों की बारीकियां बताई गई
इस दौरान निर्णायक मंडली के सदस्य महामाया राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य धर्मेंद्र कुमार गुप्ता ने प्रतिभागियों की कहानियों का विसद विवेचन करते हुए उन्हें कहानियों की बारीकियां से अवगत कराया। बताया गया की "कहानी के भीतर कहानी", जिसे एम्बेडेड कथा भी कहा जाता है जो एक साहित्यिक उपकरण है जिसमें एक कहानी के भीतर एक चरित्र दूसरी कहानी (पहली के भीतर) का वर्णनकर्ता होना चाहिए । यह भी बताया कि कहानियों के भीतर कहानियों की कई परतों को कभी-कभी जिसे नेस्टेड कहानियाँ भी कहा जाता है । एक नाटक में एक संक्षिप्त नाटक हो सकता है, जैसे शेक्सपियर के नाटक हेमलेट में; एक फिल्म में पात्रों को एक छोटी फिल्म देखते हुए दिखाया जा सकता है; या एक उपन्यास में उपन्यास के भीतर एक छोटी कहानी हो सकती है।
कहानियों को कैसे बनाया जाये मनोरंजक
कहानी के भीतर एक कहानी का उपयोग कविताओं और गीतों सहित सभी प्रकार के कथन में किया जा सकता है। साथ ही बताया कि कहानियों के भीतर की कहानियों का इस्तेमाल पाठक या दर्शक के मनोरंजन को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है, या अन्य पात्रों को सबक सिखाने के लिए उदाहरण के रूप में कार्य किया जा सकता है। इसके साथ आंतरिक कहानी में अक्सर बाहरी कहानी के पात्रों के लिए एक प्रतीकात्मक और मनोवैज्ञानिक महत्व होता है। दो कहानियों के बीच अक्सर कुछ समानता होती है, और आंतरिक कहानी की कल्पना का उपयोग बाहरी कहानी में सच्चाई को उजागर करने के लिए किया जा सकता है।
बताया गया कि अक्सर कहानी के भीतर की कहानियों का इस्तेमाल न केवल बाहरी कहानी में, बल्कि वास्तविक दुनिया में भी विचारों पर व्यंग्य करने के लिए किया जाता है। जब एक कहानी को कथानक के हिस्से के रूप में बताए जाने के बजाय किसी अन्य कहानी के भीतर बताया जाता है, तो यह लेखक को पात्रों के पाठक की धारणाओं पर खेलने की अनुमति देता है । ऐसे में कहानीकार के इरादे और विश्वसनीयता स्वचालित रूप से सवालों के घेरे में आ जाती है। इसलिए इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि कहानी सवालों के घेरे में न आए।
कहानी के भीतर की कहानी
इसके साथ ही कहानी के भीतर की कहानियाँ पात्रों या घटनाओं की पृष्ठभूमि का खुलासा कर सकती हैं, कथानक को प्रभावित करने वाले मिथकों और किंवदंतियों के बारे में बता सकती हैं, या कथानक से अलग हटकर भी लग सकती हैं। बताया की कुछ मामलों में, कहानी के भीतर की कहानी बाहरी कहानी के कथानक की कार्रवाई में शामिल होती है। दूसरों में आंतरिक कहानी स्वतंत्र होती है, और इसे या तो छोड़ा जा सकता है या अलग से खड़ा किया जा सकता है, हालाँकि कई सूक्ष्म कनेक्शन खो सकते हैं। अक्सर आंतरिक कहानियों का एक से अधिक स्तर होता है, जो गहराई से निहित कथा को जन्म देता है। अंत में डायट प्रवक्ता व कार्यक्रम समन्वय गिरीश प्रसाद मिश्र ने चयनित शिक्षकों को राज्य स्तर पर श्रावस्ती जनपद को गौरवान्वित करने हेतु अग्रिम शुभकामनाएं दी। इस दौरान डायट प्रवक्ता ओम प्रकाश यादव, डॉ अमित कुमार पाठक, रवि प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे