Siddharthnagar: कृषि विभाग ने 15 दुकानों पर की छापेमारी, 8 दुकानों से लिए धान के नमूने

Siddharthnagar: बुधवार को कृषि विभाग की टीम ने कुल 15 दुकानों में छापेमारी करते हुए 8 दुकानों से धान के विभिन्न प्रजातियों के बीज नमूने लिए। वहीं तीन दुकानदारों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया।

Report :  Intejar Haider
Update:2022-06-01 19:09 IST

Siddharthnagar: नकली बीज, खाद और कीटनाशक बेंचकर किसानों को ठगने वालों की खैर नहीं है। बुधवार को ज़िले के डुमरियागंज तहसील क्षेत्र (Dumariaganj Tehsil Area) में जांच के लिए पहुंचे जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह (District Agriculture Officer CP Singh) ने यह चेतावनी दुकानदारों को दी। कृषि विभाग की टीम (agriculture department team) ने कुल 15 दुकानों में छापेमारी करते हुए आठ दुकानों से धान के विभिन्न प्रजातियों के बीज नमूने लिए। वहीं तीन दुकानदारों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी की जो किसानों को पक्की रसीद देने में आनाकानी कर रहे थे। विभागीय जांच की भनक मिलते ही कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र में भी हड़कंप मच गया और अधिकतर दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गई।

कृषि विभाग ने एराइज 6444 व पयनियर 27 पी 63 धान बीज का नमूना

कस्बा स्थित ओम बीज भंडार से टीम ने एराइज 6444 व पयनियर 27 पी 63 धान बीज का नमूना लिया। उत्तम कृषि सेवा केंद्र व संतोष बीज भंडार से प्रसन्ना और संपूर्णा प्रजाति के बीज नमूने लिए गए। जनता बीज भंडार से बीपीटी 5204 व संपूर्णा धान बीज के नमूने जांच के लिए लिए गए। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जांच में अगर गुणवत्ता व जमाव में कमी मिली तो नियमानुसार मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

जांच के क्रम में नेशनल बीज भंडार का संचालक दुकान बंद कर फरार हो गया जिसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए दुकान पर चस्पा कराया गया। जनता बीज भंडार और उत्तम कृषि सेवा केंद्र पर किसानों को खरीद की रसीद नहीं दी जा रही थी जिसके लिए उनके खिलाफ भी नोटिस जारी की गई। कृषि अधिकारी ने कहा कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर तीनों दुकानदारों पर कार्रवाई होगी।

किसान कल्याण केंद्र का निर्माण रुका

डुमरियागंज में राजकीय बीज गोदाम के पिछले हिस्से में बन रहे किसान कल्याण केंद्र का निर्माण कार्य बुधवार को निरीक्षण के बाद जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह (District Agriculture Officer CP Singh) ने रोकवा दिया। निर्माण मानक अनुरूप नहीं हो रहा था। दोयम दर्जे के ईट से जोड़ी गई दीवाल भी उनके आदेश पर ध्वस्त कराई गई। निर्माण के लिए गिराई गई ईंट को वापस कराया गया। उन्होंने जोड़ाई में प्रयुक्त होने वाले मसालों का भी निरीक्षण किया। ठीकेदार व विभागीय जेई को चेतावनी दी कि अगर निर्माण मानक के अनुसार नहीं हुआ तो भुगतान रोक दिया जाएगा।

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