Siddharthnagar News: शिक्षा मित्रों ने बाइक रैली निकाल सांसद से लगाई गुहार
Siddharthnagar News: सांसद ने कहा कि शिक्षा मित्र पिछले 22 वर्षों से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। आप सभी के समस्याओं के समाधान के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से जोरदार पैरवी किया गया है। आगे भी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से वार्ता करके स्थाई समाधान के लिए बात किया जाएगा।
Siddharthnagar News: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव के नेतृत्व में रविवार को सांसद जगदंबिका पाल को उनके आवास पर ज्ञापन सौंपा। सैकड़ों शिक्षा मित्रों ने बीएसए कार्यालय से बाइक रैली निकाल कर सांसद को छह सूत्रीय मांग पत्र देते हुए कहा कि डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों की समस्या निराकरण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं देश के प्रधानमंत्री से वार्ता करें।
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ज्ञापन लेने के बाद आवास पर शिक्षा मित्रों को सम्बोधित करते हुए सांसद ने कहा कि शिक्षा मित्र पिछले 22 वर्षों से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। आप सभी के समस्याओं के समाधान के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से जोरदार पैरवी किया गया है। आगे भी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से वार्ता करके स्थाई समाधान के लिए बात किया जाएगा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्र गांव के गरीब शोषित वंचित पिछड़ों के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। जिन्हें पिछले छह वर्ष से 10 हजार अल्प मानदेय दिया जा रहा है। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है।
आर्थिक तंगी और मानसिक अवसाद के चलते 6000 शिक्षा मित्र मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। जिला संरक्षक श्याम नारायण त्रिपाठी ने कहा 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से समायोजन निरस्त होने के बाद आरटीई एक्ट संशोधित कानून भारत का राजपत्र संसद का कानून बना था। जिसमें जिस पद पर जो था उसको चार वर्ष की छूट देकर योग्यता पूरी करने का समय दिया गया था। सरकार ने उसको 18 वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षा मित्रों पर लागू नहीं किया, रिलैक्सेशन नहीं दिया गया है। इस अवसर पर अशोक कुमार मिश्रा, केसरी प्रसाद, जगदीश कुमार, राम प्रकाश, यार मोहम्मद, रामु निराला, राघवेंद्र मिश्र, रूबी खातून, अर्चना श्रीवास्तव, अमित सिंह, संकटा प्रसादज राधेश्याम यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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शिक्षा मित्रों के प्रमुख मांगे
- भारत का राजपत्र 10 अगस्त 2017 के अनुसार जो रिलैक्सेशन राजपत्र में दिया गया था। उसे 22 वर्ष से सेवारत शिक्षा मित्रों पर लागू करके सहायक अध्यापक बनाया जाए।
- टीईटी और सीटीईटी पास कर चुके शिक्षा मित्रों को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के आधार पर आयु सीमा और अनुभव को आधार बनाकर बिना किसी परीक्षा के सहायक अध्यापक बनाया जाए।
- शेष शिक्षा मित्रों को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नियमावली बनाकर समायोजित करके 12 माह का नियमित वेतनमान निर्धारित किया जाए।
- मृतक शिक्षा मित्र परिवार को आर्थिक मदद एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान की जाए।
- जो शिक्षा मित्र मूल विद्यालय जाने से वंचित रह गए थे उन्हें सुविधा अनुसार विद्यालय एवं महिला शिक्षा मित्रों को उनके ससुराल के जनपद में स्थानांतरित करने का आदेश क्या जाए।