Atiq-Ashraf के हत्यारों से पहले दिन मिले इन सवालों के जवाब, हिरासत में लिए गए लवलेश के तीन दोस्त
Atiq-Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ हत्याकांड के शूटरों ने रिमांड के पहले दिन हत्या की वजह पूछने पर अपना पुराना बयान दोहराया है। हालांकि जब उनसे स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने पूछा कि वह किसी और को भी चुन सकते थे, उन्होंने अतीक व अशरफ को ही क्यों टारगेट किया तो तीनों ने चुप्पी साध ली।
Atiq-Ashraf Murder Case: अतीक और अशरफ हत्याकांड के शूटरों को कोर्ट के आदेश के बाद दोपहर दो बजे के करीब तीनों शूटरों लवलेश तिवारी, सनी सिंह व अरुण मौर्य को एसआईटी ने अपनी कस्टडी में ले लिया। इसके बाद क्राइम ब्रांच दफ्तर में ले जाकर पूछताछ शुरू की गई। एसआईटी कस्टडी रिमांड के पहले दिन दो राउंड में पूछताछ हुई। उन्होंने हत्या की वजह पूछने पर फिर अपना पुराना बयान दोहराया कि वह नाम कमाना चाहते थे।
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अतीक अहमद और अशरफ अहमद हत्याकांड के शूटरों ने रिमांड के पहले दिन हत्या की वजह पूछने पर अपना पुराना बयान दोहराया कि वह नाम कमाना चाहते थे। हालांकि जब उनसे स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम एसआईटी अफसरों ने पूछा कि वह किसी और को भी चुन सकते थे, उन्होंने अतीक व अशरफ को ही क्यों टारगेट किया तो तीनों ने चुप्पी साध ली। तो वहीं, पुलिस तीनों शूटरों को लेकर रिमांड के दूसरे दिन घटनास्थल पर पहुंच सकती है।
जबकि दूसरी तरफ अतीक अहमद और अशरफ अहमद हत्याकांड के शूटरों के पहले दिन के पूछताछ के बाद गुरुवार की सुबह मुख्य आरोपी लवलेश तिवारी के तीन करीबी दोस्तों को बांदा से एसआईटी ने हिरासत में लिया है। जिससे साफ हो रहा है कि एसआईटी को पहले दिन की आरोपियों ने पूछताछ में कई अहम सवालों के जवाब मिलें होगें। जिसके बाद एसआईटी ने बांदा से तीन लोगों को हिरासत में लिया है।
अभी तक की जांच में सीसीटीवी फुटेज में कहीं भी शूटर बाईक पर नहीं दिखें है। ये लोग 12 अप्रैल को लखनऊ से बस से प्रयागराज पहुंचे थे। 13 को कोर्ट में ही अतीक अशरफ को मारने का प्लान था। कालविन अस्पताल से डेढ़ किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन के सामने होटल में ये तीनों रुके थे। इन तीनों हमलावरों ने डर पर काबू पाने के लिए जय श्री राम का नारा लगाएं थें। वहीं शूटरों का कहना है कि अब जेल में इज्जत बढ़ गई है, कोई काम नहीं करवा रहा है।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब जानकारी सामने आ रही है कि दोनों गैंगस्टर भाइयों की हत्या की एक दिन पहले भी कोशिश की गई थी। अतीक की हत्या के आरोपियों लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने 14 अप्रैल को तब उसे मारने की कोशिश की थी, जब उन्हें सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाना था। लेकिन तब माफिया के आसपास भारी फोर्स थी और तीनों ने उसकी हत्या करने का इरादा बदल दिया था।
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पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले ही यह देख लिया था कि अतीक को किस तरह मेडिकल चेकअप के लिए लाया जाता है। पुलिस कहां गाड़ी खड़ी करती है और फिर वे लोग कितना पैदल चलते हैं। इसी रास्ते में उन्होंने हत्या की प्लानिंग की। अतीक की हत्या को लेकर अब तक सवाल उठ रहे हैं कि इन हत्यारों के पीछे जरूर कोई ताकत है। हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल है। तीनों का कहना है कि उन्होंने बड़ा माफिया बनने और नाम कमाने के मकसद से इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।
तीनों आरोपियों की पुलिस कस्टडी समाप्त होने के बाद इनका नारको टेस्ट भी कराया जा सकता है ताकि उनके बयानों की सच्चाई पता चल सके। इस बीच जांच से जुड़े कुछ सूत्रों ने बताया कि इन लोगों को जिगाना पिस्तौल गैंगस्टर जितेंद्र मान गोगी से मिली थी, जो दिल्ली के रोहिणी की अदालत में हुए शूटआउट में मारा गया था। सनी सिंह की मई 2021 में गोगी से मुलाकात हुई थी और तभी उससे पिस्तौल ली थी।