नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों एसआईटी करेगी की जांच

जिलों में हिंसक प्रदर्शनों की विशेष जांच समिति एसआईटी करेगी। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। डीजीपी ने कहा है कि हर जिले में एसआईटी गठित की जाएगी।

Update:2019-12-26 20:24 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ काफी हिंसक प्रदर्शन हुए। तो वहीं दिल्‍ली भी अछूता नहीं रहा। जिसको देखते हुए यूपी पुलिस ने इस संबंध में पूरे प्रदेश में 327 मुकदमे दर्ज किए हैं। 1113 लोगों को गिरफ्तार किया और 5558 लोगों के खिलाफ ऐहतियातन कार्रवाई की। इस हिंसक प्रदर्शन में कुल 19 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 288 पुलिसकर्मी घायल हो गए जिनमें से 61 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है।

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यूपी पुलिस के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि राज्‍य के अनेक जिलों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्‍ट डालने के मामले में 93 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 19409 सोशल मीडिया पोस्‍टों के खिलाफ आवश्‍यक कार्रवाई की गई। इसके अलावा 9372 ट्विटर, 9856 फेसबुक और 181 यूट्यूब प्रोफाइल्‍स को बंद करवाया गया।

जिलों में हिंसक प्रदर्शनों की एसआईटी करेगी जांच

विभिन्‍न जिलों में हिंसक प्रदर्शनों की विशेष जांच समिति एसआईटी करेगी। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। डीजीपी ने कहा है कि हर जिले में एसआईटी गठित की जाएगी। इस बीच, हिंसा के दौरान हुई मौतों को लेकर यूपी पुलिस को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की तरफ से नोटिस भेजा गया है। एनएचआरसी ने चार हफ्तों में डीजीपी ओपी सिंह से जवाब मांगा है।

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300 से ज्यादा लोगों को भेजे जा रहे नोटिस

हिंसक प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को भी चिह्नित कर आवश्‍यक कार्रवाई की जा रही है। रामपुर, गोरखपुर, लखनऊ और मेरठ समेत कई जिलों में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में संलिप्त पाए गए 300 से ज्यादा लोगों को प्रशासन ने नोटिस जारी किए हैं। इन लोगों को अपनी स्थिति समझाने या सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए भुगतान करने को कहा गया है।

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