स्मार्ट सिटी बनाने वाले शहर का है ये हाल, देख रह जाएंगे दंग

कानपुर को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा करने वाली नगर निगम व जिला प्रशासन की जमीनी हकीकत अगर आपको देखनी है तो कल्याणपुर विधानसभा के वार्ड 19 के नई बस्ती मिर्जापुर में देखने को मिल जाएगी।

Update: 2020-03-17 10:25 GMT

कानपुर: कानपुर को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा करने वाली नगर निगम व जिला प्रशासन की जमीनी हकीकत अगर आपको देखनी है तो कल्याणपुर विधानसभा के वार्ड 19 के नई बस्ती मिर्जापुर में देखने को मिल जाएगी। यहां न तो चलने के लिए ठीक-ठाक सड़कें हैं और न ही जल निकासी के लिए नालियां। सफाई की स्थिति तो बेहद खराब है। और तो और यहां रहने वाले लोगों ने जैसे तैसे मकान तो बना लिए लेकिन बिजली के खंभे न होने के कारण बांस बल्लियों पर विद्युत लाइन अपने घर तक ले जाने को मजबूर है और आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रही है।

जबकि कल्याणपुर विधानसभा की विधायक का नीलमा कटियार प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं और तो और भारत के राष्ट्रपति का भी निवास आज के समय में कल्याणपुर विधानसभा में ही है लेकिन फिर भी इसी विधानसभा में कुछ दूरी पर बसे मिर्जापुर की नई बस्ती के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

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क्या बोली जनता-

नई बस्ती मिर्जापुर के रहने वाले नीलू शुक्ला ने बताया कि यहां पर ना तो बिजली के खंभे हैं जिसके चलते बहुत दूर से बांस के सहारे बिजली के तार लाए हैं। बरसात में तो मोहल्ला तालाब का स्वरूप ले लेता है और निकलने में बहुत दिक्कतें होती हैं क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जिसको लेकर कई बार क्षेत्रीय विधायक व पार्षद से भी कहा गया है और अभी तक कुछ नहीं हुआ है।

कल्याणपुर के पनकी रोड पर स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले आलोक ने बताया वे नई बस्ती मिर्जापुर में रहते है और मोहल्ला से मूलभूत सुविधाओं कोसों दूर है। जिसके चलते यहां के लोगों को हर चीज के लिए संघर्ष करना पड़ता है चाहे वह बिजली व्यवस्था हो या फिर सड़कें। कई बार विधायक से लेकर संसद तक गुहार लगाई है कि मोहल्ले का विकास करा दिया जाए लेकिन अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है।

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नई बस्ती मिर्जापुर के रहने वाले श्यामू त्रिवेदी ने बताया कि ना तो सड़कें हैं ना ही ना लिया और ना ही बिजली के खंभे कई बार विधायक, सांसद व पार्षद से कहा गया लेकिन किसी ने अभी तक कोई भी मदद मोहल्ले की नहीं करी है जिसके चलते मूलभूत सुविधाओं से नई बस्ती मिर्जापुर आज भी कोसों दूर है। बरसात में तो हालात कुछ ऐसे हो जाते हैं कि हम लोग अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज पाते हैं क्योंकि हर सड़क पर सिर्फ पानी ही पानी भरा होता है निकलने की जगह नहीं होती है।

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