Sonbhadra News: डीएम ने आईजीआरएस प्रकरण में शिथिलता बरतने वाले 19 अधिकारियों का रोका वेतन

Sonbhadra News: डीएम चंद्र विजय सिंह ने मारपीट के प्रकरणों में गलत ढंग से मेडिकल बनाए जाने की शिकायत का संज्ञान लेते हुए, सरकारी अस्पतालों में डाॅक्टरों द्वारा सीधे मेडिकल बनाए जाने पर रोक लगा दी है।;

Update:2022-08-25 17:31 IST

Sonbhadra News (Photo- Social Media)

Sonbhadra News: मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले आईजीआरएस पर आॅनलाइन दर्ज कराई जाने वाली शिकायतों के निस्तारण में बरती जा रही शिथिलता पर डीएम चंद्र विजय सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है। इसको लेकर जहां अग्रिम आदेश तक 19 अधिकारियों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। वहीं इसके लिए 21 को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है।

बताया गया कि इस मामले में जिला पंचायत राज अधिकरी, उप निदेशक कृषि, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला पिछड़ावर्ग कल्याण अधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत पिपरी के वेतन भुगतान के रोक लगाते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है। वहीं उप जिलाधिकारी सदर, उप जिलाधिकारी घोरावल, उप जिलाधिकारी दुद्धी और उप जिलाधिकारी ओबरा को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

तहसीलदार सदर, तहसीलदार घोरावल, तहसीलदार दुद्धी, तहसीलदार ओबरा, खंड विकास अधिकारी चतरा, खण्ड विकास अधिकारी घोरावल, खंड विकास अधिकारी राबर्ट्सगंज, सहायक खंड विकास अधिकारी चतरा, सहायक खंड विकास अधिकारी दुद्धी, सहायक खंड विकास अधिकारी घोरावल, सहायक खंड विकास अधिकारी नगवां, सहायक खंड विकास अधिकारी राबर्ट्सगंज के भी वेतन भुगतान पर रोक लगाते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दिया गया है। पूर्ति निरीक्षक दुद्धी, प्रभारी चिकित्साधिकारी/अधीक्षक राबर्ट्सगंज के वेतन आहरण पर भी रोक लगाते हुए आईजीआरएस प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से निस्तारण का निर्देश दिया गया है।

मेडिकल के लिए डीएम-सीएमओ से लेना होगा आदेशः

डीएम चंद्र विजय सिंह ने मारपीट के प्रकरणों में गलत ढंग से मेडिकल बनाए जाने की शिकायत का संज्ञान लेते हुए, सरकारी अस्पतालों में डाॅक्टरों द्वारा सीधे मेडिकल बनाए जाने पर रोक लगा दी है। इसको लेकर जारी निर्देश में कहा गया है कि यह बात संज्ञान में आई है कि भूमि व अन्य विवादित प्रकरणों में दो पक्षों के मध्य मार-पीट हो जाती है। इस दौरान पक्षों द्वारा जिन्हें चोट आई है और जिन्हें चोट नहीं आई है, के द्वारा स्थानीय सामुदायिक और प्राथमिक चिकित्सालय में मेडिकल कराया जा रहा है। कतिपय चिकित्सकों द्वारा उत्कोच लेकर गलत ढंग से मेडिकल रिपोर्ट अंकित की जा रही है, यह स्थिति अत्यंत आपत्तिजनक है। निर्देशित किया गया है कि ऐसे प्रकरणों मंें डीएम अथवा सीएमओ के आदेश के बिना पक्षों का मेडिकल कदापि न किया जाए। आदेश की अवहेलना पाए जाने पर संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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