Sonbhadra News: बालू का अवैध खनन कर पर्यावरण को पहुंचाई थी क्षति, यूपीपीसीबी ने ठोंकी 2.12 करोड़ की पेनाल्टी
Sonbhadra News Today: एनजीटी से मिले निर्देश के क्रम में, अवैध खनन से पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले पांच पट्टाधारकों के खिलाफ 2,12,61,075 करोड़ की क्षतिपूर्ति का निर्धारण किया गया है।
Sonbhadra News: रेत-खेत (काश्तकारी) खनन पट्टे की आड़ में बालू का अवैध खनन (Illegal sand mining ) करने वाले पट्टाधारकों के खिलाफ राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से बड़ी कार्रवाई सामने आई है। एनजीटी से मिले निर्देश के क्रम में, अवैध खनन से पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले पांच पट्टाधारकों के खिलाफ 2,12,61,075 करोड़ की क्षतिपूर्ति का निर्धारण (imposed penalty) किया गया है। इसकी रिपोर्ट भी एनजीटी (NGT) (नेशनल ग्रीन ट्रिªब्यूनल) में दाखिल कर दी गई है। अब इसको लेकर अगली सुनवाई की तिथि 21 अक्टूबर मुकर्रर की गई है। एनजीटी की तरफ से, रिपोर्ट पर मुहर लगाने के साथ ही, क्षतिपूर्ति के वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
बताते चलें कि एनजीटी की तरफ से गत 28 फरवरी 2021 और 13 जुलाई 2022 को अलग-अलग केस की सुनवाई करते हुए, अवैध खनन के लिए दोषी पाए गए पट्टाधारकों के खिलाफ पर्यावरणीय क्षति का आंकलन और क्षतिपूर्ति निर्धारण का निर्देश दिया गया था। इसके क्रम में सूबे के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से सोनभद्र स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के जरिए संबंधित पट्टाधारकों को नोटिस कर जवाब मांगा गया और मौके पर की गई जांच के परिप्रेक्ष्य में पांच पट्टाधारकों के खिलाफ 2,12,61,075 करोड़ की क्षतिपूर्ति तय की गई। बताया जा रहा है कि क्षतिपूर्ति निर्धारण की रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल कर ली गई है। अब इस मसले पर अंतिम निर्णय एनजीटी की तरफ से लिया जाना है। एनजीटी की तरफ से, इसको लेकर निर्देश मिलते ही, संबंधित पट्टाधारकों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
इन-इन पट्टाधारकों पर गिरी गाज, इनको-इनको भरनी होगी क्षतिपूर्तिः
काश्तकारी परमिट की आड़ में अवैध खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने को दोषी पाए गए पट्टाधारक शंकर निवासी अगोरी खास के खिलाफ 67.65 लाख, सोनी देवी निवासी अगोरी खास के खिलाफ 17.22 लाख, शिवप्रसाद निवासी रेड़िया के खिलाफ 32,01,600, लालमनी निवासी अगोरी खास के खिलाफ 47,60,100, तपेशी निवासी अगोरी खास के खिलाफ 48,12,375 रूपये क्षतिपूर्ति का निर्धारण किया गया है। यूपीपीसीबी की इस कार्रवाई से जहां हड़कंप की स्थिति है। वहीं काश्तकारी परमिट की आड़ में, काश्तकारों को फर्म का कथित पार्टनर बनाकर, नदी तल से बालू उठाने वाले, कथित सिंडीकेट की भी नींद उड़ गई है।
यह था मामला, प्रशासन भी लगा चुका है एक करोड़ से अधिक की पेनाल्टी
काश्तकारी परमिट वाले नौ बालू पट्टों की आड़ में अवैध खनन की शिकायत को लेकर एनजीटी में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर डीएम, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्टेट लेवल इनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथारिटी यूपी की टीम गठित कर मौके की जांच तथा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई थी। जांच में टीम ने पाया कि रेत-खेत की कई बालू साइटों पर बालू का अवैध खनन और नियम के विपरीत पोकलेन का प्रयोग किया गया है। इसके लिए जहां जिला प्रशासन ने एक करोड़ से अधिक की पेनाल्टी लगाकर रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद एनजीटी की तरफ से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति निर्धारण के भी निर्देश दिए गए, जिसके क्रम में, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से भी खनन क्षेत्र में क्षतिपूर्ति को लेकर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है।