Sonbhadra News: कलियुगी मां को मिली उम्रकैद, दो मासूम बच्चों की कुंए में फेंककर की थी हत्या

Sonbhadra News: 23 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने यह फैसला सुनाया।

Update:2023-01-25 20:51 IST

Sonbhadra mother got life imprisonment (Social Media)

Sonbhadra News: कहते हैं कि पूत कपूत हो सकता है लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती। ... लेकिन इस फलसफे को झुठलाने वाली कलियुगी मां को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके लिए 23 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने यह फैसला सुनाया।

अदालत में पेश किए गए सबूतों और अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों के आधार पर मां देवंती देवी को जहां घटना को दोषी करार दिया गया। वहीं उसे उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाने के साथ ही, अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक वर्ष की अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश पारित किया।

वारदात के बाद पड़ोस में जाकर दी थी जानकारी, इसके बाद हो गई थी फरार

अभियोजन कथानक के मुताबिक बीजपुर थाना क्षेत्र के पिंडारी ग्राम पंचायत अंतर्गत टोला कैमाडांड निवासी राघवदास पुत्र नान्हक ने बीजपुर थाने पहुचंकर तहरीर दी। पुलिस को अवगत कराया कि वह 25 मार्च 2020 की सुबह 11 बजे अपनी पत्नी तथा बहु देवंती पत्नी विजय सिंह गोंड के साथ अपने भाई गोपाल के यहां जन्मदिन मनाने गया था।

बहू के साथ उसके तीनों बच्चे अन्नू 6 वर्ष, अनुज 3 वर्ष और दीपांशु एक वर्ष भी गए थे। दोपहर बाद तीन बजे उनकी बहू, बच्चों के साथ घर आ गई। थोड़ी देर बाद उनकी पत्नी भी घर आ गई। शाम छह बजे जब उसकी पत्नी शौच के लिए चली गई। उसी समय उनकी बहू ने अपने तीनों बच्चों को घर के पास स्थित कुएं में डाल दिया। उसके बाद पड़ोस में रामदुलारे के घर जाकर बताया कि उसने तीनों बच्चों को कुएं में डाल दिया है। दो बच्चे डूब गए हैं और एक जिंदा है.. यह कहते हुए भाग गई।

उधर, रामदुलारे के घर के लोग इसको लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया। मौके पर गांव के काफी लोग जुट गए। इसके बाद तीनों बच्चों को बाहर निकालकर एनटीपीसी के धनवंतरि चिकित्सालय ले जाया गया, जहां अनुज और दीपांशु को मृत घोषित कर दिया गया। अन्नू ने बताया कि उसकी मां ने ही उसे और उसके भाइयों को कुएं में डाल दिया था। राघवदास का कहना था कि उसकी बहू बहुत ही गुस्सैल है जो बच्चों को मारती थी।

उसका पति कमाने के लिए बाहर गया है। इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने हत्या और हत्या के प्रयास की धारा में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। इसके बाद पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए देवंती देवी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर घटना को विरलतम से विरलतम माना और उम्रकैद की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता विजय प्रकाश यादव द्वारा की गई।

दुद्धी विधायक से जुड़े मामले में म्योरपुर इंस्पेक्टर अदालत में हुए उपस्थित, दिया स्पष्टीकरण

आठ वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के दुष्कर्म मामले में अदालत ने कार्यवाही तेज कर दी है। इस मामले में आरोपी दुद्धी विधायक रामदुलार बुधवार को दोपहर बाद करीब ढाई बजे कोर्ट में हाजिर हुए। कोर्ट ने उसने धारा 437 के प्रोसेस का अनुपालन कराया। सफाई साक्ष्य के लिए 30 जनवरी की तिथि नियत की गई। उधर, अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत में विधायक को गिरफ्तार न करने के मामले में म्योरपुर के दरोगा बृजेश कुमार पांडेय की ओर से म्योरपुर इंस्पेक्टर अविनाश कुमार सिंह ने स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया। सरकारी अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि म्योरपुर इंस्पेक्टर ने अदालत को थाने में नई तैनाती होने, गिरफ्तारी के लिए समय कम होने सहित कई तथ्यों को अवगत कराया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया

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