Sonbhadra News: निकाय मतदाता सूची में ढेरों खामियां, हजारों लोग सूची से गायब
Sonbhadra News: तमाम निकाय वासियों को मालूम ही नहीं कि कब बीएलओ सर्वेक्षण के लिए आए और कब किससे जानकारी लेकर फाइनल टच दे दिया गया।
Sonbhadra News: जिले में नगर निकायों को लेकर तैयार की गई मतदाता सूची में ढेरों खामियां सामने आई हैं। जिले की एकमात्र नगरपालिका राबर्ट्सगंज, नवसृजित नगर अनपरा नगर पंचायत सहित जिले की अन्य कई नगर पंचायतों में घर बैठे या किसी एक व्यक्ति के यहां बैठकर ही पूरे वार्ड की सूची बीएलओ द्वारा तैयार किए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
तमाम निकाय वासियों को मालूम ही नहीं कि कब बीएलओ सर्वेक्षण के लिए आए और कब किससे जानकारी लेकर फाइनल टच दे दिया गया, यह लोग नहीं समझ पा रहे हैं। अनंतिम सूची जारी होने के बाद जैसे-जैसे खामियां सामने आ रही हैं वैसे वैसे नाराजगी के स्वर उठने लगे हैं। अनपरा के मामले को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को मेल के जरिए मामले की जानकारी देकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है।
जिले में स्थित एकमात्र नगरपालिका राबर्ट्सगंज को कुछ दिन पहले ही बड़ा विस्तार दिया गया है। नए तरीके से वाहनों का सृजन करते हुए बीएलओ को जिम्मेदारी भी सौंपी गई लेकिन तमाम लोग बीएलओ के सर्वेक्षण के लिए मोहल्ले में आने की बाट ही जोहते रहे और सूची को फाइनल टच दे दिया गया। सिविल लाइंस रोड से सटे वार्डों और ब्रह्म नगर में जहां सबसे ज्यादा गड़बड़ी बरते जाने के आरोप लगाया जा रहे हैं। वही विस्तार के चलते पहली बार नगरपालिका में वोट देने की सोच रहे लोगों को भी बीएलओ द्वारा तैयार की गई कथित मनमानी सूची से जबरदस्त झटका लगा है। राबर्ट्सगंज नगर पालिका एक ऐसी नगरपालिका है जहां आबादी से ज्यादा वोटरों की संख्या भी लोगों को अचरज में डाले हुए हैं। यह हाल तब है जब नगर में घर मकान बनाकर लंबे समय से निवास कर रहे तमाम लोग सूची से वंचित कर दिए गए हैं। लोगों का आरोप है कि कई वार्डों में अपनी पसंद के सभासदों और नगर पंचायत अध्यक्ष के संभावित प्रत्याशियों को लाभ पहुंचाने के लिए नगर के बाहर के लोगों को बड़े स्तर पर मतदाता सूची में जगह दे दी गई है।
मतदाता सूची की खामियों को लेकर नाराजगी
वहीं दूसरी तरफ, नवसृजित अनपरा नगर पंचायत में मतदाता सूची की खामियों को लेकर नाराजगी चरम पर है। यहां एक और अजीबोगरीब स्थिति सामने आई है। नगर पंचायत से पूर्व वजूद में रहे ग्राम पंचायतों में कितने वोटर थे उससे भी कम वोटर निकाय सूची में मतदाता बनाए गए हैं। दिलचस्प मसला यह है कि यहां की मतदाता सूची से ऐसे भी कई नाम गायब हैं जो पिछले कई महीनों से सभासद और नगर पंचायत चेयरमैनी की दावेदारी मजबूत करने में जुटे हुए थे।
दावा किया जा रहा है कि अनपरा नगर पंचायत के मतदाता सूची के पुनरीक्षण में 1,000, 2,000 नहीं 50,000 मतदाताओं का नाम गायब कर दिया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा ने मेल के जरिए राज्य चुनाव आयुक्त मनोज सिंह को भेजे शिकायती पत्र में मतदाता सूची से गायब किए गए नामों की संख्या 50,000 से भी अधिक होने की बात कही है। मामले में अविलम्ब हस्तक्षेप करने तथा शत प्रतिशत अर्ह मतदाताओ का नाम मतदाता सूची मे सम्मिलित कराने के लिए निर्देश देने की मांग की है। यह भी अनुरोध किया है कि जब तक अनपरा नगर पंचायत की मतदाता सूची दुरुस्त ना हो जाए, तब तक अनपरे के नगरीय निकाय चुनाव से संबंधित कार्यवाही स्थगित रखी जाए।
अनपरा में इन बिंदुओं को लेकर मतदाता सूची पर उठाए जा रहे हैं सवाल
मिश्रा ने भेजे पत्र में बताया है कि नगर पंचायत अनपरा के अस्तित्व मे आने से पूर्व इस एरिया में छह पूर्ण ग्राम पंचायतें (ककरी, रेहटा, औडी, परासी, अनपरा, गरबंधा) और एक आंशिक ग्राम पंचायत (कुलडोमरी) विद्यमान थी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वर्ष 2015 में बनाई गई मतदाता सूची को आधार बनाकर 2022 के निकाय चुनाव के लिए बूथ लेवल कर्मियों को पुनरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
2015 में मतदाताओ की संख्या 74944 थी। पुनरीक्षण में यह संख्या घटकर 74659 के इर्द-गिर्द आ गई। जबकि नगर पंचायत अनपरा मे सम्मिलित ग्राम पंचायतों में वर्ष 2015 मे जिस व्यक्ति की आयु 11 वर्ष से 17 वर्ष के मध्य थी वह वर्तमान मे 18 से 26 वर्ष की आयु पुर्ण कर चुका है, जिनकी नगर पंचायत अनपरा की कुल आबादी में 30 से 35 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। उसमें 25 से 27 प्रतिशत यानी लगभग 32 हजार युवा मतदाता पहली बार नगर पंचायत चुनाव मे मतदान करने वाले थे। वहीं 20 हजार से अधिक लोगों ने नगर पंचायत निर्वाचक नामावली 2022 में नाम मतदाता के रुप में सम्मिलित न होने की बात कहते हुए बीएलओ को प्रपत्र सौंपे थे। दावा किया गया है कि अगर इन सभी मतदाताओं का नाम जोड़ा गया होता तो मतदाताओं की संख्या सवा लाख को पार कर गई होती।