Sonbhadra News: भवन स्वामी था बाहर, बिक गया मकान, तीन साल बाद लौटा घर तब हुई जानकारी
Sonbhadra News: मकान मालिक दवा-इलाज के सिलसिले में लगभग तीन साल से वाराणसी में रह रहा था। इधर, पड़ोसियों ने दूसरे व्यक्तियों को खडा कर उसका पूरा मकान ही बैनामा करवा लिया और कागजात में हेरफेर कर उस पर कब्जा भी जमा लिया।
Sonbhadra News: जिले के ओबरा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति के खाली पड़े मकान को हड़पने के लिए पड़ोसियों की अजीबोगरीब कारस्तानी सामने आई है। मकान मालिक दवा-इलाज के सिलसिले में लगभग तीन साल से वाराणसी में रह रहा था। इधर, पड़ोसियों ने दूसरे व्यक्तियों को खडा कर उसका पूरा मकान ही बैनामा करवा लिया और कागजात में हेरफेर कर उस पर कब्जा भी जमा लिया।
पड़ोस के सगे भाइयों ने किया कब्जा
तीन साल बाद जब भवन स्वामी वापस ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी (भलुआ टोला) स्थित मकान पर पहुंचा तो पता चला कि उसका मकान बिकने के साथ ही, उस पर पड़ोस में रहने वाले सगे भाइयों का कब्जा हो चुका है। हैरान-परेशान पीड़ित ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। उसकी तहरीर पर धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं में मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है।
आरोपी ने ऐसा कराया बैनामा
56 वर्षीय नितेश्वर ठाकुर उर्फ नितेश भारद्वाज निवासी भलुआ टोला, ओबरा की तरफ से ओबरा थाने पहुंचकर एक तहरीर दी गई। अवगत कराया गया कि 20 वर्ष पहले आबादी खाते में उसने एक मकान बनवाया था। दो-तीन वर्ष पूर्व दिल का दौरा एवं अन्य बीमारी की वजह से दवा इलाज के लिए वाराणसी रहने लगा। इस बीच मकान खाली देख मौके का फायदा उठाते हुए, दीपक जायसवाल और सत्यप्रकाश जायसवाल निवासी भलुआ टोला ने जनजाति बिरादरी के दो व्यक्तियों को अपने बहकावे में लेकर, उनसे उक्त मकान बैनामा करवा लिया।
बैनामा कराते वक्त, उनकी जाति जनजाति की न दिखाकर पिछड़ी जाति की दिखा दी गई और कागजात में हेरफेर कर मकान पर कब्जा जमा लिया गया। हालत में सुधार होने पर जब वह ओबरा, तब पूरे मामले की जानकारी हुई। मामले में ओबरा पुलिस की तरफ से दीपक और सत्यप्रकाश के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 458, 471, 448 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। इस बारे में एएसपी/सीओ ओबरा शंकर प्रसाद से उनके सीयूजी नंबर पर संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन आउट आफ कवरेज एरिया होने के कारण बात नहीं हो पाई।