Sonbhadra News: बिजली की उच्च स्तर पर बनी रही डिमांड, पीक आवर में 23565 मेगावाट की हुई आपूर्ति
बुधवार की रात रिकार्ड स्तर पर पहुंची बिजली की मांग में गुरुवार की रात दर्ज की गई मामूली गिरावट
सोनभद्र। आसमान में बादलों के डेरा जमाने के बाद सूर्य देव की तल्खी से तो राहत मिली लेकिन उमस बने रहने के कारण बिजली की उच्च स्तर पर डिमांड बनी हुई है। बुधवार की रात रिकार्ड स्तर पर पहुंची बिजली की मांग में गुरुवार की रात मामूली गिरावट दर्ज की गई। इस दिन पीक आवर में 23565 मेगावाट की मांग दर्ज की गई, जो बुधवार के बाद किस बात की अब तक की सर्वाधिक मांग है। राज्य सेक्टर की परियोजनाओं से महज 1837 मेगावाट बिजली मिल पाने के कारण शेष जरूरत की पूर्ति केंद्र सेक्टर और निजी सेक्टर से बिजली लेकर पूरी की गई।
राज्य सेक्टर की परियोजनाओं की कई इकाइयां अनुरक्षण एवं मेजर ट्रिपिंग फाल्ट के कारण बंद चल रही हैं। इसलिए अभी कुछ दिन तक राज्य सेक्टर से उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद भी दिखाई नहीं दे रही है। मौसम विभाग के लोगों के मुताबिक अभी कुछ दिन यह स्थिति रहने के आसार हैं। हवा का रुख बदलने के बाद ही उमस से राहत मिलने की उम्मीद है। नॉर्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक रात एक बजे बिजली की अधिकतम मांग 23565 मेगावाट दर्ज की गई। सिस्टम कंट्रोल ने केंद्रीय पुल और निजी क्षेत्र से बिजली लेकर किसी तरह हालात संभाला। कई परियोजनाओं में उत्पादन भी बढ़वाया गया। इस दिन न्यूनतम मांग भी बुधवार के बाद सर्वाधिक बनी रही। सुबह आठ बजे न्यूनतम मांग 13668 मेगावाट रिकॉर्ड की गई। बता दें कि राज्य के स्वामित्व वाली परियोजनाओं की वर्तमान में कुल उत्पादन क्षमता 3311 है। वही 2019 मेगावाट उत्पादन की शिड्यूलिंग (इतनी बिजली की लगातार आपूर्ति) भी पावर कारपोरेशन से मिली हुई है लेकिन अधिकतम उत्पादन 1837 मेगावाट तक ही पहुंच पा रहा है। उधर मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ राजन सिंह ने बताया कि करीब एक सप्ताह से पछुआ बयार बहने कारण मानसून में नरमी बनी हुई है इसी के चलते भारी उमस की स्थिति बन रही है अभी कुछ दिन और यही स्थिति रहने के आसार हैं जैसे ही पुरवाई (पुरबी बयार) बहनी शुरू होगी। बारिश का क्रम शुरू हो जाएगा जिससे उमस और तापक्रम दोनों में राहत दिखाई देगी। बृहस्पतिवार को सोनभद्र में अधिकतम तापमान लगभग 32 डिग्री दर्ज किया गया। शुक्रवार को भी यही स्थिति रहने की संभावना है।