Sonbhadra News: रिकॉर्ड 24674 मेगावाट पहुंची बिजली की मांग, हालात संभालने में अधिकारियों के छूटे पसीने

पावर हब सोनभद्र स्थित बिजली परियोजनाओं में क्षमता से कम उत्पादन से राज्य के पावर सेक्टर की मुश्किलें बढ़ीं

Published By :  Sushil Shukla
Update: 2021-07-01 06:09 GMT

सोनभद्र। बारिश थमने के साथ ही लगातार तीन दिन से जारी उमस के बीच बिजली की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई है। बुधवार की रात बिजली की मांग 24674 मेगावाट पहुंच गई। यह इस वर्ष की अब तक सर्वाधिक मांग है। इसकी आपूर्ति में सिस्टम कंट्रोल के पसीने छूट गए। वहीं पीक आवर में 100 मेगावाट की सार्टेज (कमी) आने के बाद राज्य के कुछ हिस्सों में आपात कटौती का सहारा लेना पड़ा। राज्य सेक्टर में महज 1837 मेगावाट बिजली उत्पादन के चलते केंद्रीय और निजी सेक्टर से बिजली लेकर शेष मांग की पूर्ति की गई। पावर हब सोनभद्र स्थित बिजली परियोजनाओं में क्षमता से कम उत्पादन से राज्य के पावर सेक्टर की मुश्किलें बढ़ी रही हैं।

नार्दन लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की रात दस बजे तक बिजली की मांग रिकॉर्ड 24674 मेगावाट पर पहुंच गई। कई परियोजनाओं में उत्पादन बढ़ाकर तथा केंद्रीय पूल से भी बिजली खरीदकर हालात संभाले गए। बावजूद पीक आवर में 100 मेगावाट बिजली की कमी बनी रही। इस दिन न्यूनतम मांग में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। मंगलवार को 12180 पर ही न्यूनतम डिमांड बुधवार को 14752 पर पहुंच गई। इस दिन राज्य सेक्टर (ओबरा, अनपरा, पारीक्षा, हरदुआगंज) से महज 1837 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो पाएगी इसके चलते दिन और रात दोनों समय बिजली परियोजनाओं में उत्पादन बढ़ाने पर फोकस बना रहा। बता दें कि मंगलवार को बिजली की मांग उस समय के रिकॉर्ड 23787 मेगावाट तक पहुंच गई थी और अभियंताओं के कठिन परिश्रम के चलते इसकी मांग भी आसानी से पूरी कर ली गई थी लेकिन अगले ही दिन करीब 1000 मेगावाट की बढ़ी मांग और गुरूवार को भी भारी उमस बने रहने के कारण पावर सेक्टर में मशक्कत की स्थिति बनी रही।

 बुधवार की रात बिजली मांग की स्थिति  

बताते चलें कि जिले में राज्य सेक्टर की 2630 मेगावाट वाली अनपरा परियोजना, 1094 मेगावाट की ओबरा परियोजना, निजी क्षेत्र की 1200 मेगावाट वाली लैंको परियोजना, केंद्रीय सेक्टर की 2000 मिलावट वाली सिंगरौली परियोजना, 3000 मेगावाट वाली रिहंद परियोजना, निजी सेक्टर की 1200 मेगावाट वाली लैंको (अनपरा सी), करीब 800 मेगावाट की हिंडालको रेणुपावर परियोजना संचालित है। इसमें राज्य सेक्टर की और लैंको परियोजना की पूरी बिजली प्रदेश को मिलती है। केंद्रीय सेक्टर की परियोजनाएं करार के मुताबिक तथा हिंडाल्को रेणुपावर परियोजना अपनी जरूरत से बची बिजली राज्य को देती है। वर्तमान में अनपरा परियोजना से अधिकतम 1307 ओबरा परियोजना से अधिकतम 560 ओबरा सी परियोजना से अधिकतम 1092 मेगावाट बिजली मिल पा रही है। 2000 मेगावाट वाली एनटीपीसी सिंगरौली परियोजना में भी इस समय उत्पादन 12 मेगावाट के इर्द-गिर्द बना हुआ है। इसके चलते मांग में आई तेजी से वृद्धि के कारण सिस्टम कंट्रोल को पीक आवर में बिजली की बेहतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।


Tags:    

Similar News