Sonbhadra: अप्रैल की तपिश ने बिजली खपत के तोड़े सारे रिकार्ड, 21000 मेगावाट से अधिक की मांग

Sonbhadra: सोनभद्र में अप्रैल से ही पारा 40 के ऊपर पहुंचा हुआ है। वहीं बिजली की मांग भी पीक आवर में 22 हजार मेगावाट को पार करने लगी है। बुधवार की रात को भी जहां पीक आवर में बिजली की मांग 21000 मेगावाट के करीब पहुंच गई।

Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-04-28 12:34 GMT

बिजली की 21000 मेगावाट से अधिक की मांग। (Social Media) 

Sonbhadra: एक तरफ तपिश तो दूसरी तरफ बिजली खपत नित नए रिकार्ड बना रही है। इस बार जहां अप्रैल से ही पारा 40 के उपर पहुंचा हुआ है। वहीं बिजली की मांग भी पीक आवर में 22 हजार मेगावाट को पार करने लगी है। बुधवार की रात को भी जहां पीक आवर में बिजली की मांग 21000 मेगावाट के करीब पहुंच गई। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (State Load Despatch Center) के मुताबिक बृहस्पतिवार की दोपहर में भी बिजली की मांग 20 हजार मेगावाट के इर्द-गिर्द बनी रही। इसके चलते जहां गांव से लेकर शहर तक ताबड़तोड़ कटौती होती रही। वहीं प्रदेश के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों को रोशन करने वाले सोनभद्र में भी गांव-कस्बों के साथ ही, औद्योगिक परिक्षेत्र में होती बिजली कटौती लोगों को पसीने से तरबतर किए रही।

लगातार आठ रुपये प्रति यूनिट खरीदनी पड़ रही बिजली

अप्रैल माह में ही बिजली की रिकार्ड खपत ने बिजली उपलब्धता के इंतजामों की हवा निकालकर रख दी है। हालत यह है कि राज्य सेक्टर से 3500 से 4000 मेगावाट ही बिजली मिल पा रही है। एनटीपीसी से भी पूरी क्षमता से बिजली न मिल पाने के कारण लगातार आठ रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी पड़ रही है। बावजूद गांव से शहर तक कई-कई घंटे आपात कटौती का सहारा लेना पड़ रहा है।


2312 मेगावाट तक की करनी पड़ी आपात कटौती

बुधवार की रात पीक आवर और पीक आफ दोनों में बिजली कटौती की गई। नार्दर्न रीजन लोड डिस्पैच सेंटर के मुताबिक जहां नार्दन रीजन के तीनों फेजों में ग्रिड फ्रिक्वेंसी बनाए रखने के लिए आठ रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी पड़ रही है। वहीं बुधवार की रात पीक आवर में बिजली की खपत 18 हजार मेगावाट को पार करते ही हायतौबा की स्थिति बन गई। स्थिति नियंत्रित रखने के लिए यूपी के सिस्टम कंट्रोल को 2162 मेगावाट बिजली की आपात कटौती करानी पड़ी। आधी रात के बाद के पीक आफ में भी बिजली उपलब्धता के हालात खराब बने रहे। इस दौरान 2312 मेगावाट की बिजली कटौती कराकर हालात संभाले गए। बृहस्पतिवार को दिन में भी बिजली की मांग उर्जा सेक्टर के लोगों के पसीने छुड़ाए रही और बीच-बीच में कटौती का क्रम जारी रहा।


12 सालों में ढाई गुना बढ़ गई बिजली की खपत

एक तरफ जहां बिजली की मांग साल दर साल बढ़ती जा रही है। वहीं उसके मुकाबले बिजली उपलब्धता को लेकर लगातार चुनौतियां बढ़ती जा रही है। नार्दर्न रीजन लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल 2010 में बिजली की अधिकतम खपत 8320 मेगावाट दर्ज की गई थी। वहीं अप्रैल 2021 में यह आंकड़ा 19837 पहुंच गया। अप्रैल 2022 में यह खपत बढ़कर 20 से 21000 मेगावाट पहुंच गई है। इसी तरह पूरे साल में रहने वाले अधिकतम मांग में भी 12 सालों में लगभग ढाई गुना की वृद्धि दर्ज हुई है।


43.6 डिग्री पर पहुंचा पारा

अप्रैल की शुरूआत से ही हीटवेव (Heat Wave) की चपेट में चल रहे सोनभद्र में तपिश से राहत मिलने के आसार फिलहाल नहीं दिखाई दे रहे। बृहस्पतिवार को भी पारे में बढ़ोतरी का क्रम बना रहा। इस दिन अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री रिकार्ड किया गया। पूरे दिन गर्म हवाओं के थपेड़े बदन झुलसाते रहे। घर के अंदर हो या बाहर, हर जगह बेचैनी की स्थिति बनी रही। धूप में जो भी निकला, कुछ देर के ही सफर में ही उसकी हालत बीमारों वाली हो गई। तपिश की हालत यह थी कि पंखे-कूलर बेकार साबित होते रहे। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को उठानी पड़ी। तमाम लोग बदन दर्द, मितली, बेचैनी, कमजोरी की शिकायत लेकर चिकित्सकों के यहां पहुंचे रहे।


अप्रैल में बिजली खपत का वर्ष वार आंकड़ा

  • 27 अप्रैल 2010- 8320 मेगावाट
  • 29 अप्रैल 2011- 10041 मेगावाट
  • 06 अप्रैल 2012- 11645 मेगावाट
  • 30 अप्रैल 2013- 10638 मेगावाट
  • 30 अप्रैल 2014- 11875 मेगावाट
  • 24 अप्रैल 2015- 12347 मेगावाट
  • 30 अप्रैल 2016- 14197 मेगावाट
  • 21 अप्रैल 2017- 17332 मेगावाट
  • 23 अप्रैल 2018- 16733 मेगावाट
  • 30 अप्रैल 2019- 19929 मेगावाट
  • 24 अप्रैल 2020- 16889 मेगावाट
  • 29 अप्रैल 2021- 19837 मेगावाट
  • अप्रैल 2022- 20 से 21000 मेगावाट।

कुछ इस तरह साल दर साल बिजली की मांग में हो रही बढ़ोतरी

वर्ष             खपत         मांग

  • 2010-11- 10672- 11082 मेगावाट
  • 2011-12- 11767- 12223 मेगावाट
  • 2012-13- 12048- 14300 मेगावाट
  • 2013-14- 12327- 15044 मेगावाट
  • 2014-15- 13003- 15670 मेगावाट
  • 2015-16- 14503- 16988 मेगावाट
  • 2016-17- 16110- 17886 मेगावाट
  • 2017-18- 18061- 20274 मेगावाट
  • 2018-19- 20062- 21128 मेगावाट
  • 2019-20- 21632- 22599 मेगावाट
  • 2020-21- 23867- 23917 मेगावाट
  • 2021-22 -24795- 25117 मेगावाट

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