Sonbhadra: खलियारी गोलीकांड में श्यामसुंदर थे टारगेट, बदमाश तीन घंटे से कर रहे थे तलाश
Sonbhadra: बिहार बार्डर से सटे रायपुर थाना क्षेत्र के खलियारी में बृहस्पतिवार की रात दो पत्रकारों पर हुई गोलीबारी में श्यामसुंदर पांडेय बदमाशों के सीधे टारगेट में थे।
Sonbhadra: बिहार बार्डर से सटे रायपुर थाना क्षेत्र (Raipur Police Station Area) के खलियारी में बृहस्पतिवार की रात दो पत्रकारों को क्यूं गोली मारी गई? यह सवाल जहां अब तक अनुत्तरित बना हुआ है। वहीं पुलिस की प्राथमिक जांच और लोगों के बीच हो रही चर्चाओं से यह जानकारी सामने आई है कि श्यामसुंदर पांडेय बदमाशों के सीधे टारगेट में थे। घटना के तीन घंटे पूर्व से बदमाशों की तलाश में लगे हुए थे। इसके लिए वह शाम 6 बजे के करीब पत्रकार वेदव्यास मौर्या की तरफ से मां वनदेवी बाराडांड़ मंदिर परिसर में आयोजित भंडारा स्थल पर भी गए थे। वहां से एक व्यक्ति से श्याम सुंदर की मौजूदगी के बारे में जानकारी भी ली। पता चला कि श्यामसुंदर यहां मौजूद नहीं है तो वापस लौट गए। उनके वापस आने के आधे घंटे बाद श्यामसुंदर भंडारा में पहुंचे और प्रसाद ग्रहण करने के बाद, खलियारी के लिए वापस होते समय पनिकप खुर्द स्थित अशोक जायसवाल के दुकान पर कुछ देर के लिए रूके। यहां लगभग आधे घंटे तक रुकने के बाद वह खलियारी चले गए।
फिल्मी अंदाज में बाइक सवार बदमाश ने दोनों हाथों से झोंका फायर
वहां अमरेश पांडेय की दुकान पर चाय पीकर घर जाने की तैयारी में थे। उनके साथ खलियारी के ही अन्य पत्रकार तथा दूसरे लोग मौजूद थे। तभी बाइक सवार दो नकाबपोश पहुंचे और पीछे बैठे युवक ने फिल्मी अंदाज में दोनों हाथों में असलहा लेकर फायर झोंक दिया। दो गोली श्याम सुंदर को लगी और दो गोली उनके साथ बैठे विजय शंकर पांडेय को। जब तक वहां मौजूद दूसरे लोग कुछ समझ पाते तब तक बदमाश वहां से फरार हो गए।
पत्रकार संगठनों में उबाल, किया प्रदर्शन, निकाला पैदल मार्च
Sonbhadra: सरेबाजार दो पत्रकारों को गोली मारने की घटना को लेकर जिले के पत्रकारों में उबाल है। विभिन्न पत्रकार संगठनों के बैनर तले पत्रकारों ने जिला और तहसील मुख्यालय पर मामले के जल्द खुलासे, आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी और इस घटना को लेकर लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग उठाई गई। पत्रकारों का कहना था कि बदमाश तीन घंटे से वारदात के लिए रेकी में लगे हुए थे। मोबाइल के जरिए उन्हें लगातार श्याम सुंदर की लोकेशन बताई जा रही थी। बावजूद पुलिस घटना से पहले, जहां बदमाशों की मौजूदगी तलाश नहीं कर पाई। वहीं घटना के बाद बदमाशों को भागने का पूरा मौका दिया जाए। वरिष्ठ पत्रकार सुनील तिवारी, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन उत्तर प्रदेश (Shramjeevi Journalists Union Uttar Pradesh) के जिलाध्यक्ष बृजेश शुक्ला, यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (UP Working Journalists Union) के जिलाध्यक्ष विजय विनीत, राम प्रसाद यादव, रवि पांडेय, अमित मिश्रा आदि ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम चंद्रविजय सिंह (DM Chandravijay Singh) को ज्ञापन सौंपा।
पूर्वांचल मीडिया क्लब ने अविलंब हमलावरों को गिरफ्तारी की मांग
उधर, पूर्वांचल मीडिया क्लब (Purvanchal Media Club) के अध्यक्ष विवेक कुमार पांडेय ने अविलंब हमलावरों को गिरफ्तारी की मांग करते हुए रायपुर थाना अध्यक्ष को लाइन हाजिर करने कि मांग की। वहीं, पत्रकारों पर हमले के खिलाफ दुद्धी में पत्रकारों ने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को नामित ज्ञापन एसडीएम दुद्धी शैलेन्द्र कुमार मिश्रा को सौंप इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया। कहा कि यह कानून व्यवस्था को सीधा चुनौती है। हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी, घायल पत्रकारों को बेहतर चिकित्सा-सुरक्षा की मांग की गई। उपेन्द्र तिवारी,देवेश मोहन, जितेन्द्र अग्रहरि, विष्णुकांत तिवारी, भीम जायसवाल, मदन मोहन तिवारी, रमेश कुमार यादव सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।
पत्रकारों ने घटना को लेकर किया प्रदर्शन
उधर, विंढमगंज में भी पत्रकारों ने घटना को लेकर प्रदर्शन किया और नाराजगी जताते हुए पैदल मार्च निकाला। थानाध्यक्ष को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंप हमलावरों के शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रेमचंद वर्मा, रामदास कुशवाहा, सुमन कुमार गुप्ता, प्रभात कुमार, वीरेंद्र कुमार ,राकेश केसरी ,अजय कुमार गुप्ता, नंदकिशोर प्रसाद, जितेंद्र प्रसाद, ओम प्रकाश रावत, विनोद मिश्रा ,रामाशीष यादव, पप्पू यादव आदि ने कहा कि जब पत्रकार ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता के सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
इसी तरह रामगढ़ में पत्रकारों पर हमले को लेकर पत्रकारों ने रामनारायण सर्राफ के आवास पर बैठक की और इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमलाबताते हुए बदमाशों के शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। धर्मवीर सिंह विजय मिश्रा, गोपाल मिश्रा, अखिलेश सिंह, अरविंद गुप्ता, बसंत खेमका, गौरव देव पांडेय, सुधीर कुमार सोनी आदि उपस्थित रहे।
उधर, रामगढ़ उद्योग व्यापार मंडल (Ramgarh Industries Trade Board) अध्यक्ष राजेश केसरी ,समाजसेवी प्रदीप सिंह, राम प्रवेश चौबे, शिव गोविंद उमरवैश्य, व्यापार मंडल अध्यक्ष श्रीगोविंद गुप्ता, युवा व्यापार मंडल अध्यक्ष दुर्गेश केसरी ,अनिल दूबे, विजय कुमार उर्फ मुन्नू सिंह समेत व्यापार मंडल के अन्य पदाधिकारियों ने पत्रकारों पर हमले को लेकर नाराजगी जताते हुए बदमाशों के शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की ।
एनएसयूआई पुर्वी उत्तर प्रदेश के सचिव ने भी घटना पर रोष जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा कार्रवाई की मांग की। कहा कि इस घटना ने सूबे के अपराध व अपराधी मुक्त दावों की पोल खोल कर रख दी है।
Sonbhadra : सो रहे व्यक्ति की कुल्हाड़ी से उड़ाई थी गर्दन, मिली उम्रकैद
Sonbhadra: पांच वर्ष पूर्व सो रहे व्यक्ति की कुल्हाड़ी से वार कर गर्दन उड़ाने के मामले में दोषी मुन्नम तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई करते समय दोषसिद्ध पाकर दोषी मुन्नम तिवारी को उम्रकैद और 56 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश दिया गया। अर्थदंड की धनराशि में से 30 हजार रुपये मृतक के पिता को प्रदान किया जाएगा।
19 अप्रैल 2017 का है मामला
अभियोजन कथानक के मुताबिक चोपन थाने में गत 19 अप्रैल 2017 को कुरहुल गांव की प्रेमा देवी पत्नी छोटक निषाद को तहरीर दी। उसमें आरोप लगाया कि उसके घर पर 16 अप्रैल 2017 को उसके परिचित बबलू उर्फ सुभाष मौर्य पुत्र राजेन्द्र प्रसाद मौर्य निवासी बंधवा बाजार, थाना पट्टी, जिला प्रतापगढ़ आए हुए थे। 18 अप्रैल 2017 की रात्रि 12.30 बजे गांव के मुन्नम तिवारी पुत्र नन्हकू तिवारी अचानक उसके घर में घुस आए और जमीन पर सो रहे बबलू के गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी। चिल्लाने की आवाज सुनकर जब वहमौके पर पहुंची तो देखा कि मुन्नम तिवारी ने हत्या कर दी है। आवाज सुनकर उसके सास, ससुर और बच्चे भी जग गए। इसके पहले भी मुन्नम तिवारी की तरफ से यह धमकी दी थी कि उसके घर पर अगर कोई दूसरा व्यक्ति आया तो वह उसे जान से मार देगा। मिली तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुन्नम तिवारी के खिलाफ धारा 302, 323, 452 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी की और विवेचना पूरी पर चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी मुन्नम तिवारी को उम्रकैद और 56 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा। अर्थदंड जमा होने पर से 30 हजार रुपये मृतक के पिता को बतौर प्रतिकर देने का आदेश पारित किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण राय ने मुकदमे की पैरवी की।