Sonbhadra News: दुर्दांत नक्सली मुन्ना और लालव्रत को उम्रकैद, मांची और कोन थाना क्षेत्र में दो की उड़ा दी थी गर्दन

Sonbhadra News Today: सोनभद्र में की गई दो हत्याओं के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट सोनभद्र एहसानुल्लाह खान की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और लालब्रत कोल को उम्रकैद तथा अर्थदंड से दंडित किया।

Update: 2023-02-03 15:02 GMT

Sonbhadra News (Newstrack)

Sonbhadra News: मांची और कोन थाना क्षेत्र में 15-16 वर्ष पूर्व मेठ जयराम वादी तथा उदय प्रताप कनौजिया की कुल्हाड़ी से गर्दन उड़ाकर की गई नृशंस हत्या के मामले में दो नक्सलियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में आतंक का पर्याय रहे दोनों नक्सलियों का नाम 100 से अधिक हत्याओं, बम विस्फोट और नरसंहार जैसे वारदातों में सामने आ चुका है।

ऑपरेशन चक्रव्यूह के जरिए हुई थी गिरफ्तारी 

वर्ष 2012 में तत्कालीन एसपी सुभाष चंद्र दुबे की तरफ से ऑपरेशन चक्रव्यूह के जरिए दोनों की गिरफ्तारी की गई थी। शुक्रवार को सोनभद्र में की गई दो हत्याओं के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट सोनभद्र एहसानुल्लाह खान की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और लालब्रत कोल को उम्रकैद तथा अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर पर 3- 3 वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख रूपये मृतक उदय प्रताप कनौजिया की पत्नी लीलावती को मिलेगा। दोनों नक्सलियों को कड़ी सुरक्षा के बीच वज्र वाहन से नैनी और जौनपुर जेल से अदालत में पेशी के लिए लाया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को वज्र वाहन से वापस ले जाया गया।

दोनों नक्सलियों को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा 

अभियोजन कथानक के मुताबिक मांची थाना क्षेत्र के चिचलिक गांव निवासी मैनेजर वादी पुत्र गुलाब वादी ने 11 जुलाई 2006 को मांची थाने में जाकर तहरीर दी थी। अवगत कराया था कि उसका भाई जयराम वादी चौरा से खोडै़ला के रास्ते पर मेठ का काम करता था। 9 जुलाई 2006 को घर से काम पर गया था। पता चला है कि चौरा गांव के गहबड़िया जंगल में शाम साढ़े छ बजे उसके भाई की हत्या कर दी गई है और उसका गर्दन सर से अलग पड़ा हुआ है। एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई तो हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा पुत्र तिलकधारी निवासी कम्हारडीह थाना राबर्टसगंज, सोनभद्र और नक्सली लालव्रत कोल का नाम प्रकाश में आया। इस मामले में अदालत ने दोनों नक्सलियों को उम्रकैद व 54-54 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।

दूसरा मामला कोन थाना क्षेत्र का वर्ष 2007 का है। 26 फरवरी 2007 को कोन थाने में लीलावती पत्नी उदय प्रताप कनौजिया ने तहरीर दी थी। अवगत कराया था कि प्रधानी चुनाव में उसके जेठ चुनाव लड़ने वाले थे और उसका पति उनका साथ दे रहे थे। बीरबल चेरो और उनके साथी न बैठने पर हत्या करने की धमकी दे रहे थे। इसकी वजह से जेठ चुनाव नहीं लड़े और बीरबल प्रधान हो गए। जब भी कोई मीटिंग होती तो गलत काम का उसके पति विरोध करते थे। इसकी वजह से उनके पति से प्रधान नाराज था। 25 फरवरी 2007 की रात 10 बजे हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा अपने साथियों के साथ उसके दरवाजे पर आया और उसके पति को पकड़ कर घर से कुछ दूर ले जाकर कुल्हाड़ी से गर्दन उड़ा दी। अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी मुन्ना विश्वकर्मा को उम्रकैद और एक लाख 29 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक सी शशांक शेखर कात्यायन ने मामले की पैरवी की।

11 वर्ष पूर्व हुए मुठभेड़ में दोनों किए गए थे गिरफ्तार

तत्कालीन एसपी रहे सुभाष चंद्र दुबे के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मुठभेड़ में 11 वर्ष पूर्व इन्हें गिरफ्तार किया था। तभी से दोनों जेल में हैं। मुन्ना विश्वकर्मा के ऊपर 10 लाख का इनाम था। इसका पांच प्रांतों यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड व छत्तीसगढ़ में आतंक था। दोनों नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद से सोनभद्र में लगभग नक्सलियों का सफाया हो गया था।

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