Sonbhadra News: रेलवे कांट्रैक्टर की हत्या के लिए हाइवे पर लूटी गई थी कार, नक्सलियों से जुड़ा मिला कनेक्शन
Sonbhadra News: यह जानकारी भी सामने आई है कि इस वाहन का प्रयोग सासाराम, बिहार में रेलवे कांट्रैक्टर की हत्या और लूट में किया जाना था। कुल पांच रेलवे कांट्रैक्टर इनके हिट लिस्ट में पाए गए हैं।
Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र के सलखन में महामंगलेश्वर मोड़ के पास से दो दिन पूर्व हाइवे पर लूटी गई कार का चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। जहां इस लूटकांड का नक्सलियों से कनेक्सन जुड़ा मिला है। वहीं यह जानकारी भी सामने आई है कि इस वाहन का प्रयोग सासाराम, बिहार में रेलवे कांट्रैक्टर की हत्या और लूट में किया जाना था। कुल पांच रेलवे कांट्रैक्टर इनके हिट लिस्ट में पाए गए हैं। फिलहाल क्राइम ब्रांच और चोपन पुलिस की टीम ने घटना में शामिल जिले के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हैं फरार आरोपी, 25-25 हजार इनाम
वहीं फरार एक सक्रिय नक्सली सहित दो की गिरफ्तारी कि लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। पुलिस की छानबीन में उनकी संलिप्तता नक्सली गतिविधियों के साथ ही कई आपराधिक घटनाओं में सामने आई है। इसको देखते हुए उन पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया है। सीमा सील कर वाहनों की आवाजाही पर नजर रखने के साथ ही, संभावित जगहों पर उनको लेकर सुरागसी भी कराई जा रही है। एसपी डा. यशवीर सिंह ने सोमवार को पुलिस लाइन में लूटकांड का खुलासा किया।
असलहा दिखाकर हाइवे पर लूट ली गई थी कार
बताया गया कि गत तीन फरवरी की रात तेजाबुद्दीन अंसारी पुत्र इस्लाम शेख निवासी निमियाडीह, थाना गढवा, जनपद गढवा (झारखंड) का वाहन कुछ लोगों ने गुरमुड़ा मोड़ के लिए बुक कराया और गढ़वा के रंका मोड़ पर उस वाहन में सवार हो गए। जैसे ही कार हाथीनाला टोल प्लाजा पार की, पेशाब करने के बहाने उसे रोकवा लिया। इसके बाद असलहा दिखाकर, वाहन चला रहे तेजाबुद्दीन को पीछे बैठा लिया। सलखन के अवई में महामंगलेश्वर पहाड़ी पर उसे उतारकर, वाहन लेकर ओबरा की तरफ भाग निकले। तहरीर पर चोपन पुलिस ने धारा 392 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।
क्राइम ब्रांच और चोपन पुलिस ने पाई कामयाबी
जैसे ही यह बात एसपी के संज्ञान में आई उन्होंने एएसपी (मुख्यालय) कालू सिंह और सीओ सिटी राहुल पांडेय के पर्यवेक्षण में अपराध शाखा की स्वाट/एसओजी/सर्विलांस और चोपन पुलिस की संयुक्त टीम गठित कर जल्द मामले के खुलासे के निर्देश दिए। इसके बाद बार्डर सील कर वाहनों की चेकिंग और सुरगसी का क्रम शुरू कर दिया गया। मिली सूचना के आधार पर सोमवार को सिंदुरिया-खैरटिया तिराहा, चोपन से वारदात में शामिल दो आरोपियों को रिकेश सिंह उर्फ बस्तिया पुत्र विजय कुमार सिंह और आशीष कुमार उर्फ गुड्डू पुत्र महेश सिंह निवासी सेक्टर 10 नई बस्ती थाना ओबरा को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से से लूटी गई कार भी बरामद कर ली गई। 'गिरफ्तारी/बरामदगी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक चोपन लक्ष्मण पर्वत, निरीक्षक साजिद सिद्दिकी प्रभारी सर्विलांस सेल, निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह प्रभारी एसओजी, एसआई त्रिभुवन राय थाना चोपन, एसआई आशीष पटेल चैकी प्रभारी लोढ़ी, हेड कांस्टेबल चंद्रजीत सिंह, दिलीप कश्यप, जगदीश मौर्या, अतुल सिंह, शशिप्रताप सिंह, अमर सिंह, सतीश सिंह, सौरभ राय, प्रकाश सिंह, कांस्टेबल अर्पित मिश्रा, अजीत कुमार, संदीप पाल, अमित सिंह, अजीत, रितेश, प्रेमप्रकाश चैरसिया की भूमिका प्रमुख रही।
महज 10 हजार के लालच में वारदात में शामिल हो गए दो आरोपी
जो आरोपी पकड़े गए हैं, वह महज 10-10 हजार के लालच में घटना में शामिल हो गए। पांच-पांच हजार पहले मिल चुके थे। शेष रकम सीमा पर उन्हें वाहन सौंपने के बाद मिलनी थी, इससे पहले ही आरोपी वाहन सहित पुलिस के हतथे चढ़ गए। उन्होंने पुलिस को जिस तरह की जानकारियां दी, उसने हर किसी के होश उड़ा कर रख दिए। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जहां इस गिरोह का सरगना सुशील कुमार उर्फ गुरु उर्फ रितेश पुत्र बैजनाथ राम निवासी ढाचाबार, थाना पांडू, जिला पलामू, झारखंड है। वहीं दिलीप कुमार पासवान पुत्र संजय पासवान निवासी बासडीह खुर्द, थाना केतार, जिला गढ़वा झारखंड की भी इस तरह के वारदातों में मुख्य भूमिका है।
झारखंड का सक्रिय नक्सली है दिलीप, ओबरा को बनाए हुए था ठिकाना
आरोपियों से पुलिस को मिली जानकारी पर ध्यान दे ंतो दिलीप झारखंड का सक्रिय नक्सली है और झारखंड में उसका और उसके साथ सुशील का नाम कई वारदातों में शामिल है। दोनों के खिलाफ झारखंड-बिहार के विभिन्न थानों में संगीन वारदातों के कई मुकदमे दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि दोनों में एक पर देशद्रोह का भी मुकदमा दर्ज है। फिलहाल पकडे गए आरोपी पहली बार जिले के किसी वारदात में शामिल पाए गए हैं। वहीं फरार दोनों आरोपियों का अच्छा-खासा रिकार्ड मिला है। दिलीप इन दिनों ओबरा को ठिकाना बनाए हुए थे। यहां वह किराए के मकान में रहकर दुसान कंपनी में मजदूरी/कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था। इसको देखते हुए, पुलिस ने सभी सेवायोजकों और किराएदारों को सत्यापन के बाद किसी को किराए या काम पर रखने की हिदायत दी है। कहीं और भी बाहर के अपराधी-नक्सली जिले में छिपे तो नहीं है, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।