Sonbhadra: अमृत सरोवर के रूप में विकसित किए जाएंगे सेनानियों के गांवों के तालाब, सीडीओ ने दिए निर्देश
महोत्सव धूमधाम से मनाया जाना है, इसलिए समय रहते सारी तैयारी कर लें। इसमें किसी तरह की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।;
Sonbhadra Ponds of freedom fighters villages will be developed as Amrit Sarovar (Image: Newstrack)
Sonbhadra: जिले में ऐसे गांव, जहां किसी सेनानी का घर है या आजादी की लड़ाई, अमर सेनानियों से जुड़ा कोई स्मारक है, उन गांवों में स्थित तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार ने मंगलवार को आजादी के अमृत महोत्सव लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिया। इसको लेकर विकास भवन में हुई बैठक में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में स्वतत्रंता आंदोलन से जुड़े स्मारकों और स्थलों की साफ-सफाई तथा वहां अन्य व्यवस्थायें एक सप्ताह के भीतर सुनिश्चित कर ली जाएं।
महोत्सव धूमधाम से मनाया जाना है, इसलिए समय रहते सारी तैयारी कर लें। इसमें किसी तरह की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। इस दौरान उन्होने स्वतत्रंता आंदोलन से जुड़े प्रमुख स्थल परासी दूबे शहीद उद्यान सहित अन्य उद्यानों के सर्वांगीण विकास के लिए भी निर्देशित किया।
डीपीआरओ विशाल सिंह से कहा कि शहीद उद्यान के पास स्थित तालाब को अमृत सरोवर के रूप मंे विकसित किया जाए। नागरिकों एवं पर्यटकों को सुविधा के लिए शौचालय का निर्माण, शहीद उद्यान का विद्युतीकरण, उद्यान स्थित सभागार की पेंटिग, उद्यान में पौधरोपण और मुख्य सड़क पर साइन बोर्ड की पेंटिग सहित आवश्यक कार्यो के लिए भी ताकीद की।
स्कूली बच्चों को गौरवशाली इतिहास से कराएं परिचित, शहीद स्मारकों का कराएं भ्रमणः
जिला बेशिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार को निर्देशित किया कि स्कूली बच्चों में देश प्रेम की भावना और गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने के लिए शहीद स्मारक स्थल का भ्रमण कराया जाए। जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चैहान को निर्देश दिया कि उन गाॅवों के तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करें, जिन गाॅवों में सेनानी का घर है या वहाॅ कोई आजादी का स्मारक हो।
खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक विकास खंड में स्थापित प्रस्तर स्तम्ंभ के पास साफ-सफाई रंग-रोगन की व्यवस्था सुनिश्चित करा लें। आजादी के इस अमृत महोत्सव को पूरे जनपद में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाए। 11 अगस्त से 17 अगस्त के बीच प्रत्येक घरों पर तिरंगा झंडा लगवाना सुनिश्चित करें। ीडीओ ने लोगों से भी आगे आकर अमृत महोत्सव को यादगार बनाने की अपील की। अधिशासी अभियंता विद्युत सर्वेश सिंह को विद्युत व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए सहेजा। अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य को भी जरूरी निर्देश दिए।
21 अप्रैल 1991 को परासी में घोषित हुआ था शहीद उद्यान
जिला मुख्यालय परिक्षेत्र में परासी में स्वतंत्रता आंदोलन का गवाह रहे परासी स्थित उद्यान को 21 अप्रैल 1991 को जिला प्रशासन की तरफ से जिले के शहीद उद्यान का दर्जा दिया गया था। राबर्टसगंज-घोरावल मुख्य मार्ग पर पांच किमी उत्तर स्थित यह शहीद उद्यान स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा है। अविभाजित मिर्जापुर का सन 1941 का व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन और 1942 की महाक्रांति का गौरव इसी स्थल को हासिल है। 1921 के सविनय अवज्ञा आन्दोलन, 1930 के नमक कानून का भंग किया जाना सहित आजादी के आंदोलन की कई बैठकें भी इसी जगह से जुड़ी हुई हैं। यहां स्थापित गौरव स्तंभ पर जिले के सभी सेनानियों के नाम उत्कीर्ण है।