Sonbhadra News: सात अफसरों की टीम करेगी अवैध कोल भंडारण का निस्तारण, छापेमारी में मिला था लाखों टन कोयला

Sonbhadra News: 32 बीघे में पकड़े गए लाखों टन अवैध कोल भंडारण मामले को लेकर आए दावों का निस्तारण सात अफसरों की समिति करेगी।

Update: 2022-10-03 13:34 GMT

छापेमारी में लाखों टन पकड़ा गया था अवैध कोल

Sonbhadra News: कृष्णशीला कोल रेलवे साइडिंग के पास बांसी गांव की जमीन पर 32 बीघे में पकड़े गए लाखों टन अवैध कोल भंडारण मामले को लेकर, आए दावों का निस्तारण सात अफसरों की समिति करेगी। शासन से आए निर्देश के क्रम में डीएम चंद्र विजय सिंह ने मामले के सम्यक निस्तारण के लिए, प्रशासन, पुलिस, रेलवे, खान महकमा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कोल सेक्टर से जुड़े अफसरों को टीम में शामिल करने के साथ ही, अवैध भंडारण वाले कोयले के स्वामित्व के संबंध में प्राप्त दावों का निस्तारण कर, रिपोर्ट/संस्तुति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। एक तरफ जहां इस कोल भंडारण के तार वाया धनबाद पश्चिम बंगाल तक जुड़े होने की चर्चाएं सामने आ चुकी हैं। वहीं शासन से आए निेर्देश और डीएम की तरफ से दावों के सत्यापन और निस्तारण के लिए गठित की गई कमेटी को देखते हुए माना जा रहा है कि जल्द ही भंडारण से जुड़ा एक बड़ा नेटवर्क सामने आ सकता है।

डीएम द्वारा गठित् की गई में अपर जिलाधिकारी (वित्त-राजस्व) सहदेव मिश्रा को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं इसमें ज्येष्ठ खान अधिकारी आशीष कुमार सचिव, उपजिलाधिकारी दुद्धी शैलेंद्र मिश्रा, पुलिस क्षेत्राधिकारी, पिपरी प्रदीप सिंह चंदेल, क्षेत्रीय अधिकारी, राज्यस प्रदूषण नियंण बोर्ड टीएन सिंह, रेलवे के मंडल यातायात प्रबंधक चोपन विशाल, एनसीएल के बीना कोल प्रोजेक्ट के जीएम अरविंद कुमार सदस्य नामित किए गए हैं। जारी निर्देश में अवगत कराया गया है कि पूर्व में इस बात की शिकायत मिली थी कि एसआरटी बासी से खोखरी गाॅव के समीप ट्रांसपोटरों ने अवैध कोल डिपो बना रखा है। बताते चलें कि इसका संज्ञान लेते हुए जहां 22 जुलाई को स्थलीय निरीक्षण कर कृष्णशिला रेलवे साइडिंग एवं आस-पास की नार्दल कोल्ड फिल्डस लिमिटेड के नाम दर्ज लगभग 32 बीघा भूमि पर अनुमानित लगभग एक मिलियन टन भडारण पाया गया था। मौके पर इसको लेकर कोई दावेदार सामने न आने तथा भंडारण के लिए किसी तरह से कोई अनुज्ञा या एनओसी जारी न होने को देखते हुए, मिले अवैध कोल भंडारण को सीजल करते हुए प्रभारी निरीक्षक शक्तिनगर की सुपुर्दगी में सौंपा गया था और बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति के भण्डारित कोयले का विक्रय उठान व परिवहन प्रतिबंधित किया गया था। मामले को लेकर डीएम की तरफ से शासन को रिपोर्ट भी की गई थी, जिसके क्रम में उर्जा अनुभाग-तीन और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश की तरफ से कृष्णशिला साइडिगं पर सीज किए गए भंडारित कोयले के स्वामित्व के सम्बन्ध में प्राप्त दावाकृत आवेदनों के निस्तारण का निर्देश दिया गया। इसके क्रम में डीएम की तरफ से उपरोक्त समिति का गठन किया गया है। समिति दावाकृत आवेदनों के साथ दिए गए प्रपत्रों की सम्यक जाॅच कर, उसकी रिपोर्ट/संस्तुति डीएम के यहां आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रस्तुत करेगी।  

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