Sonbhadra News: खूनी फ्लाईओवर की भेंट चढ़ी एक और जिंदगी, स्वर्णजयंती चौक पर ऊंचाई से गिरे युवक ने तोड़ा दम, यहां जा चुकी ह
Sonbhadra News: वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग स्थित खूनी फ्लाईओवर पर रविवार की शाम एक और जिंदगी, मौत की भेंट चढ़ गई।
Sonbhadra News: वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग स्थित खूनी फ्लाईओवर पर रविवार की शाम एक और जिंदगी, मौत की भेंट चढ़ गई। स्वर्णजयंती चौके के ऊपर स्थित घुमावदार मोड़ पर अनियंत्रित होकर एक बाइक सवार सीधे नीचे आ गिरा। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया।
फ्लाईओवर पर रोशनी और सुरक्षा जैसे इंतजार नहीं
यहां अक्सर हादसों की भेंट चढ़ रही जिंदगियों ने जहां जिला मुख्यालय पर हाइवे स्थित इस फ्लाईओवर की पहचान खूनी फ्लाईओवर की बना दी है। वहीं, लगातार मौतें के बावजूद टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी की तरफ से फ्लाईओवर पर रोशनी और गुजरने वालों की सुरक्षा जैसे इंतजार न किए जाने और इसको लेकर सरकारी तंत्र की उदासीनता को लेकर भी तरह-तरह के सवाल बने हुए हैं।
बाइक अनियंत्रित होकर सीधे नीचे जा गिरा युवक
बताते हैं कि राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के पलिया मोकरम गांव निवासी 26 वर्षीय दिनेश पुत्र रामआसरे चंडी तिराहे से होकर फ्लाईओवर से होते हुए कहीं जा रहा था। जैसे ही, वह स्वर्णजयंती चौक से आगे मंडी समिति की तरफ बढ़ा, उसकी बाइक अनियंत्रित हो गई और वह सीधे नीचे जा गिरा। चौक के पास स्थित साइड रोड पर युवक के गिरने से जहां अफरातफरी मच गई। वहीं, युवक को आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना से जहां परिवार में कोहराम मच गया। वहीं जानकारी पाकर जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों में करूणक्रंदन की स्थिति बनी रही।
लगातार मौतें, फिर भी टोल टैक्स वसूलने वालों को नहीं है कोई फिक्र
सरकार की तरफ से भले ही ‘जिंदगी बहुत कीमती है’ स्लोगन, जगह-जगह लिखे और प्रसारित होते मिल जाएं लेकिन वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग से गुजरने वालों के लिए यह स्लोगन और सरकार की जिंदगी मचाने की मंशा, हाइवे से जुड़े लोगों के लिए मायने नहीं रखती। हाइवे पर पर्याप्त संकेतकों का अभाव, लीक वाली सड़क पर हिचकोला भरा सफर लोगों की जिंदगी का दुश्मन तो बना ही है, जिला मुख्यालय स्थित फ्लाईओवर पर निर्माण के सात साल बाद भी अंधेरा और घुमावदार मोड़ पर नीचे गिरने से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों का अभाव, युवाओं की जिंदगियां लीलता जा रहा है। कागजी रिकॉर्ड में रोशनी, यात्रियों की सुविधा, हादसा होने की दशा में त्वरित प्राथमिक राहत जैसी चीजों को लेकर भले ही टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी की जिम्मेदारी तय की गई हो लेकिन फ्लाईओवर पर आवागमन शुरू होने के बाद सात बाद भी जहां अंधेरे का साम्राज्य बना हुआ है। वहीं, अब तक लगभग दर्जन भर युवाओं की जिंदगी, इस फ्लाईओवर की भेंट चढ़ चुकी है।
कदम-कदम पर खतरे, फिर भी बनी है उदासीनता
सिर्फ जिला मुख्यालय पर राबटर्सगंज स्थित फ्लाईओवर ही नहीं, चोपन पुल भी इन दिनों आवागमन करने वालों की जिंदगी खत्म करने वाला पुल बनता जा रहा है। यहां की स्थितियां इतनी खतरनाक हो गई कि हर सप्ताह यहां कोई न कोई हादसा और हर माह किसी न किसी की जिंदगी, हादसे की भेंट चढ़ने का नियम सा बन गया है। बावजूद यहां होने वाले हादसों को लेकर, प्रतिवर्ष टोल टैक्स वसूली में बढ़ोत्तरी पर मुहर लगाने वालों की तंद्रा, अब तक नहीं टूट सकी है। बता दें कि चोपन में जिस पुल से आवागमन होता है। वह पुल राज्य सेतु निगम की तरफ से बनाया गया है। हाइवे निर्माण करने वाली कंपनी ने पास स्थित पुराने पुल को मरम्मत के जरिए कुछ दिन के लिए चालू रखने का प्रयास किया था लेकिन कुछ दिन बाद ही उसे बंद कर दिया गया। उसके बाद से न तो यहां पुराना पुल ही दुरूस्त होकर आवागमन के लिए उपलब्ध हो पाया, न ही यहां नए पुल के निर्माण को लेकर ही अब तक कोई पहल सामने आया। मजबूरन खूनी पुल की शक्ल अख्तियार कर चुके, चोपन के मौजूदा सोन नदी पुल से ही आवागमन मजबूरी बना हुआ है।