Sonbhadra: बालिका वधू बनने से बची दो बेटियां, गहमागहमी के बीच टीम ने रोकवाया विवाह

Sonbhadra News: बाल संरक्षण इकाई की सक्रियता से सोमवार को दो बेटियों को बालिका वधू बनने से बचा लिया गया। नाबालिग की शादी करना/कराना अपराध बताते हुए जहां परिजनों को, कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

Update:2024-07-08 21:53 IST

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: बाल संरक्षण इकाई की सक्रियता से सोमवार को दो बेटियों को बालिका वधू बनने से बचा लिया गया। नाबालिग की शादी करना/कराना अपराध बताते हुए जहां परिजनों को, कार्रवाई की चेतावनी दी गई। वहीं दोनों किशोरियों को विधिक संरक्षण में जिला मुख्यालय लाया गया। यहां उन्हें बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। मिले निर्देश के क्रम में दोनों को बाल गृह बालिका में आवासित कर दिया गया है।

पंचमुखी मंदिर पर कराई जा रही थी नाबालिग की शादी

चाईल्ड हेल्पलाइन को दोपहर में सूचना प्राप्त हुई कि कोतवाली राबर्ट्सगंज अंतर्गत रौप गांव स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर पर एक नाबालिग बालिका की शादी कराई जा रही है। इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी पुनीत टंडन ने जिला बाल संरक्षण इकाई से ओआरडब्ल्यू शेषमणि दूबे, चाईल्ड हेल्पलाइन यूनिट से केस वर्कर सीमा शर्मा, अनिल यादव, सुपरवाईजर सुधा गिरी की मौजूदगी वाली टीम गठित करते हुए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने के लिए निर्देशित किया। चौकी चुर्क से समन्वय स्थापित करते हुए टीम पंचमुखी पहाड़ी पहुंची। वहां 16 वर्षीय किशोरी की शादी होती पायी गई। तत्काल शादी रूकवाते हुए पीड़िता को विधिक अभिरक्षा मे ले लिया गया। केस वर्कर सीमा शर्मा ने बताया कि बालिका की काउंसलिंग के उपरात नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी।

शादी की तैयारियों के बीच धमकी चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम तो मच गई अफरातफरी

दूसरा मामला दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के डूमरडीहा गांव का है। शाम को चाइल्ड हेल्पलाइन लखनऊ को फोन के जरिए सूचना मिली कि 16 वर्षीय नाबालिग की शादी बीजपुर निवासी एक व्यक्ति से रचाई जा रही है। इसके क्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी पुनीत टंडन के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता आकांक्षा उपाध्याय चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर नीलू यादव, सुपरवाइजर सत्यम चौरसिया, धर्मवीर सिंह की संयुक्त टीम गठित कर मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया। दुद्धी थाने से समन्वय स्थापित करते हुए टीम डुमरडीहा गांव पहुंची। वहां पता चला कि बीजपुर से बारात आ रही है। महिलाएं विवाह की रस्म अदा कराने में जुटी हुई थीं।

बारातियों के स्वागत के लिए भोजन इत्यादि की व्यवस्था की जा रही थी। तत्काल शादी रूकवाते हुए लड़की पक्ष को नाबालिक की शादी करना अपराध बताया गया। इसको लेकर लड़की पक्ष के लोगों ने टीम के साथ नोक झोंक भी की। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के सहयोग से टीम ने, पीड़िता को विधिक संरक्षण में लेकर उम्र संबंधित साक्ष्य की जांच की तो लड़की की 16 वर्ष पाई गई। इसके बाद पीड़िता को जिला मुख्यालय लाकर बाल गृह बालिका में आवासित करा दिया गया। बताया गया कि काउंसलिंग के बाद कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। इस दौरान प्रधान प्रतिनिधि सुभाष सहित कई ग्रामीणों की मौजूदगी बनी रही।

चार साल में बाल वधू बनने से बची 96 बेटियां

ओआर डब्ल्यू शेषमणि दूबे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 मे अभी तक कुल 21 नाबालिग बालिकाओं को वधू बनने से बचाया गया है। इसमें ब्लाक राबर्ट्सगंज में चार, घोरावल में तीन, दुद्धी में चार, चतरा में तीन, नगवां में दो, म्योरपुर में दो, बभनी में एक, कोन में एक, चोपन में एक बाल विवाह रोका गया है। वहीं, इससे पहले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 07, 2022-23 में 15, 2023-24 में 38 बाल विवाह रोकने में कामयाबी मिल चुकी है।

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