Sonbhadra News: भ्रष्टाचार के जाल ने तोड़ दी पक्के छत की आस, पात्रता सूची में नाम के बावजूद नहीं मिल सका आवास
Sonbhadra News: लाभार्थी के पति तरफ से जब इसकी शिकायत की गई तो जांच में ब्लाक स्तरीय अफसरों ने इस बात को स्वीकार किया कि पीड़ित की पत्नी, आवास के लिए पात्र है।
Sonbhadra News: पीएम मोदी और सीएम योगी की सरकार एक तरफ गरीबों को पक्के छत देने को लेकर प्रतिबद्धता जता रही है। वहीं, स्थानीय स्तर पर, आवास जैसे बुनियादी मसले में भी भ्रष्टाचार का जाल पक्की छत की आस को तोड़ने में लगा हुआ है। राबटर्सगंज ब्लाक अंतर्गत कुरथा गांव से जुड़े एक ऐसे ही मामले में पीड़ित पांच साल से दफ्तर का चक्कर काट रहा है लेकिन कोई राहत नहीं मिल सकी है। इसको लेकर, की गई सुनवाई में न्यायालय ने माना है कि प्रकरण भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। चूंकि भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकारी वाराणसी स्थित विशेेष न्यायालय को है। इसलिए स्थानीय स्तर पर न्यायालय से पीड़ित को कोई राहत नहीं मिल पाई।
यह है पूरा माजरा, जिस पर उठ रहे तीखे सवाल
कुरथा निवासी इंद्रावती पत्नी चिंतामणि निवासी कुरथा, थाना राबर्ट्सगंज, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था। पात्र व्यक्तियों की पहली सूची में इन्द्रावती का नाम भी शामिल हो गया। आरोप है कि मामले में स्थानीय सतर पर संबंधितों ने सुविधा शुल्क की अपेक्षा की। मांग पूरी न होने पर, बाद में नाम पात्रता सूची से हटा दिया गया।
जांच में पात्र पाए जाने के बाद भी नहीं आवंटित हुआ आवास
लाभार्थी के पति तरफ से जब इसकी शिकायत की गई तो जांच में ब्लाक स्तरीय अफसरों ने इस बात को स्वीकार किया कि पीड़ित की पत्नी, आवास के लिए पात्र है। इसके बाद पीड़ित ब्लाक से लेकर कलेक्ट्रेट तक चक्कर काटता रहा लेकिन अब तक जल्द ही आवास आवंटन प्रक्रिया अपनाई जाएगी. का आश्वासन देकर अब तक मामले को लटकाए रखा गया है।
न्यायालय में लगाई दरख्वास्त तब जाकर स्वीकारी गई चूक
पीड़ित ने मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर न्यायालय में गुहार लगाई। इसको लेकर अदालत की तरफ से कई बार आख्या तलब की गई लेकिन जहां आख्या देने में ही लंबा वक्त गुजार दिया गया। वहीं, वर्ष 2023-24 जो आख्या प्रेषित की गई, उसमें चूक स्वीकारते हुए जानकारी दी गई कि नाम शामिल करते समय घर के कॉलम में अदर हाउस आप्सन दर्शाया गया इस कारण आवेदन निरस्त हो गया। यह भी कहा गया कि संबंधित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी से कराई गई जांच में इंद्रावती को पात्र पाया गया है। नाम आवास आवंटन सूची में शामिल कर लिया गया है। प्राथमिकता के आधार पर लाभार्थी के पक्ष में आवास आवंटन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
न्यायालय ने माना, भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला
न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए यह माना कि मामले में प्रथमदृष्ट्या अपराध, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित होता है। चूंकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अनुसार मामले का संज्ञान लेने का क्षेत्राधिकार धारा-3 के अंतर्गत विशेष न्यायालय को है। सोनभद्र के मामले में सुनवाई का क्षेत्राधिकार विशेष न्यायालय वाराणसी को है।