Sonbhadra: गैंग लीडर और उसके साथी को 10 वर्ष की सजा, मादक पदार्थो की तस्करी से जुड़ा मामला

Sonbhadra News: गैंग बनाकर अंतर्राज्यीय स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी किए जाने के मामले में गैंग लीडर और उसके साथी को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। सजा से जुड़ा प्रकरण विंढमगंज थाना से जुड़ा हुआ है।

Update: 2024-07-05 14:33 GMT

Symbolic Image (Pic: Social Media)

Sonbhadra News: गैंग बनाकर अंतर्राज्यीय स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी किए जाने के मामले में गैंग लीडर और उसके साथी को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। सजा से जुड़ा प्रकरण विंढमगंज थाना से जुड़ा हुआ है। प्रकरण की शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) अर्चना रानी की अदालत ने सुनवाई की। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की दलीलों के आधार पर दोषी पाते हुए गैंग लीडर प्रियाशु श्रीवास्तव निवासी बनकटा, पुलिस चौकी निचला घाट, थाना कोतवाली, जिला बलिया और उसके साथी मनीष गिरि गिरि निवासी नगरी पुलिस चौकी हनुमानगंज, थाना सुखपुरा जिला बलिया को 10-10 वर्ष कैद की सजा के साथ ही, पांच-पांच हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक-एक माह अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

विंढमगंज थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सोनकर ने गैंगस्टर के तहत केस दर्ज कराया था। दी गई तहरीर में अवगत कराया था कि उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को जनपदीय और अंतराज्यीय स्तर पर मादक पदार्थों की (गांजा) तस्करी का बड़ा गिरोह है। वह मादक पदार्थों की बिक्री कर धनोपार्जन करते हैं। इसके परिप्रेक्ष्य में जानकारी दी गई कि छह फरवरी 2021 को विंढमगंज थाना क्षेत्र के बुटवेढ़वा गांव स्थि तिराहे से गोल्डन कलर की कार, जो गढ़वा, झारखंड की तरफ से आ रही थी, से 74 किलो गांजा बरामद किया गया था और मौके से उपरोक्त दोनों गिरफ्तार किए गए थे।

गैंग का इलाके में भय होने का किया गया था दावा

पुलिस का दावा था कि गैंग लीडर प्रियांशु श्रीवास्तव और उसके साथी मनीष गिरि का क्षेत्र में इतना अधिक भय और आतंक व्याप्त है कि कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखवाने या गवाही देने का साहस नही कर पाता। बताया गया था कि उपरोक्त दोनों स्वयं और अपने गैंग के सदस्यों के आर्थिक, भौतिक व दुनियाबी लाभ के लिए तथा अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर मादक पदार्थ गांजा की बड़े पैमाने पर तस्करी करने के भी आदी हैं। उनके कृत्य से युवा पीढ़ी का भविष्य पूर्णतः प्रभावित हो रहा है। इसके आधार पर विंढमगंज थाने में धारा 3(1) उ0प्र0 गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत मामला दर्ज कर दोनों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में भेजी गई थी। वहां सुनवाई के दौरान दोषी पाए जाने पर दोनों दोषियों को 10-10 वर्ष की सश्रम कैद के साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता धनंजय शुक्ला ने मामले की पैरवी की।

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