Sonbhadra News: दारोगा-लेखपाल सहित चार को कोर्ट ने किया तलब, दलित की फसल नष्ट करने-धमकाने का मामला

Sonbhadra News: दलित के खेत में लगी फसल को, कब्जे की नियत से नष्ट करने, धमकाने के मामले में सब इंस्पेक्टर, लेखपाल सहित चार को न्यायालय में सुनवाई के लिए तलब कर लिया गया है।

Update:2024-03-30 18:26 IST

दलित की फसल नष्ट करने के मामले में दारोगा-लेखपाल सहित चार को न्यायालय ने किया तलब: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: दलित के खेत में लगी फसल को, कब्जे की नियत से नष्ट करने, धमकाने के मामले में सब इंस्पेक्टर, लेखपाल सहित चार को न्यायालय में सुनवाई के लिए तलब कर लिया गया है। मामला बीजपुर थाना क्षेत्र के बखरिहवां गांव से जुड़ा हुआ है। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) एक्ट आबिद शमीम की अदालत ने मामले में धारा 504, 506 आईपीसी और धारा-3 (1)जी एससी-एसटी एक्ट के तहत संज्ञान लेते हुए, मामले में सुनवाई की अगली तिथि 28 मई तय की है। आरोपियों को जरिए समन, सुनवाई तिथि पर उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तलबी आदेश जारी किया गया है।

जमीनी मामले में बगैर किसी आदेश के हस्तक्षेप पड़ा महंगा

मुन्ना सिंह गोंड़ पुत्र जगरनाथ निवासी अंजानी-बखरिहवा, थाना बीजपुर ने अधिवक्ता के जरिए विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट की अदालत में धारा 156(3) आईपीसी के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। अवगत कराया था कि उसके पिता जगरनाथ अंजानी गावं में आराजी संख्या 3798घ रकबा 3.4270 हेक्टेअर में संक्रमणीय भूमिधर सहखातेदार हैं। उक्त जमीन पर धान की फसल रोपी गई थी। आरोप है कि गत 27 अगस्त 2023 को दोपहर बाद तीन बजे बालेश्वर सिंह पुत्र भूखन सिंह निवासी रेणुकूट, अपने साथ थाना बीजपुर के एसआई अमिताभ चंद, तीन सिपाही, क्षेत्रीय लेखपाल राजेश कुमारचौबे, बीजपुर लेखपाल संतोष यादव, विकास चौबे निवासी जरहां, को लेकर पहुंचे और बिना किसी आदेश के उसके खेत में लगी धान की फसल को जेसीबी से उखाड ़कर जबरन पीलर गाड़ने लगे। एतराज पर सभी लोगों ने उसे अपशब्द कहे।

हत्या कर गड्ढे में गाड़ने की धमकी देने का लगाया गया आरोप

आरोपों के मुताबिक वादी को जातिसूचक शब्दो ंसे अपमानित करते हुए गड्ढे में गाड़ देने की धमकी दी। एतराज करने पर उसे दौड़ा लिया गया और वहां से जाते वक्त कहीं इसकी शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। मामले में स्थानीय स्तर पर कोई मदद न मिलने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया और धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल कर कार्रवाई की याचना की गई।

न्यायालय ने लिया मामले का संज्ञान, परिवाद के रूप में शुरू की सुनवाई:

न्यायालय ने गत 30 अक्टूबर 2023 को मामले का संज्ञान लेते हुए प्रकरण को परिवाद के रूप में पंजीकृत कर मामले की सुनवाई शुरू की गई। मौखिक साक्ष्य क रूप में श्सिाकायतकर्ता और उसके साक्षियों का बयान दर्ज किया गया। दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में बीजपुर थाने मेंऔर एसपी को भेजे गए शिकायती पत्र/तहरीर प्रस्तुत किया गया। बयानों-साक्ष्यों का परिशीलन करने के बाद न्यायालय ने पाया कि आरोपी बालेेश्वर सिंह, अमिताभ चंद्र एसआई थाना बीजपुर, क्षेत्रीय लेखपाल राजेश कुमार चौबे, संतोष कुमार यादव और विकास चौबे द्वारा कथित घटना के दिनांक व समय पर परिवादी तथा उसकी पत्नी एवं पिता को जातिसूचक शब्दो ं का प्रयोग करते हुए अपशब्दों के जरिए अपमानितकिया गया तथा जान से मारने की धमकी दी गई। कोर्ट ने माना कि प्रथम दृष्टया धारा- 504, 506 आ ईपीसी और धारा- 3 (1)जी एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत अपराध कारितकिया जाना प्रकट होता है।

अपराध के विचारण के लिए चारों आरोपियों को किया गया तलब

साक्ष्यों और गवाहों के बयानों को दृष्टिगत रखते हुए कोर्ट ने आदेश जारी किया कि उक्त चारों आरोपियों को उपरोक्त धारा और एक्ट के तहत अपराध के विचारण के लिए तलब किया जाता है। परिवादी को गवाहान सूची दाखिल करने और समन को लेकर पैरवी करने के आदेश दिए गए। वहीं, आरोपियों को जरिए समन 28 मई 2024 को मामले के विचारण के लिए तलब किया गया।

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