Sonbhadra News: हादसे के 30 दिन बाद सउदी अरब कमाने गए युवक का लौटा शव, भारतीय दूतावास को करना पड़ा हस्तक्षेप, परिजनों में कोहराम

Sonbhadra News: घर की माली हालत सुधारने की लालसा लिए सउदी अरब के रियाद गए युवक का शव बृहस्पतिवार को उसके घर लौटा तो कोहराम मच गया। 22 दिनों तक शव वहां फंसे रहने के बाद, परिजनों ने भारतीय दूतावास से गुहार लगाई थी। दूतावास के हस्तक्षेप के 30 दिन बाद शव घर लाया जाना संभव हो पाया।

Update:2023-12-07 20:07 IST

हादसे के 30 दिन बाद सउदी अरब कमाने गए युवक का लौटा शव, भारतीय दूतावास को करना पड़ा हस्तक्षेप: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: घर की माली हालत सुधारने की लालसा लिए सउदी अरब के रियाद गए युवक का शव बृहस्पतिवार को उसके घर लौटा तो कोहराम मच गया। 22 दिनों तक शव वहां फंसे रहने के बाद, परिजनों ने भारतीय दूतावास से गुहार लगाई थी। दूतावास के हस्तक्षेप के 30 दिन बाद शव घर लाया जाना संभव हो पाया। शव जैसे ही घर पहुंचा, परिजन दहाड़े मारकर रो पड़े। नात-रिश्तेदार, परिवारीजन उन्हें ढांढ़स बंधाने में लगे रहे।

बताते हैं कि गत अक्टूबर माह में विंढमगंज थाना क्षेत्र के धूमा गांव का रहने वाला नीरज कुमार पाल पुत्र शंभू पाल, परिवार वालों को घर की माली स्थिति सुधारने का भरोसा देकर, सऊदी अरब के रियाद शहर गया हुआ था। परिवार वालों के मुताबिक वहां उसे रियाद स्थित एक कंपनी में क्रेन चलाते का काम मिला हुआ था। क्रेन चलाने के दौरान ही गत छह नवंबर को दुर्घटना का शिकार हो गया और इसके चलते उसकी मौत हो गई।


भारतीय दुतावास के हस्तक्षेप के बाद हुई कार्रवाई

हादसे के बाद परिवार वालों को जानकारी मिली लेकिन शव मिलने को लेकर की जाने वाली औपचारिकताओं ने मामले को उलझा कर रख दिया। 22 दिन बाद भी जब शव मिलने की उम्मीद परिवार वालों को नहीं दिखी तो पत्नी शिंभा देवी ने 28 नवंबर को सऊदी अरब स्थित भारतीय दुतावास को प्रार्थना पत्र भेजकर हस्तक्षेप की फरियाद लगाई गई।

अवगत कराया गया है कि औपचारिकताओं की पूर्ति के लिए, महज चार हजार रूपये अदा करने में कंपनी की तरफ से आनाकानी की जा रही है। कंपनी के जिम्मेदारों की शव न सौंपे जाने की मंशा होने की आशंका भी जताई गई। जैसे ही दूतावास के संज्ञान में यह मामला आया, शव को भारत लाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। आखिरकार, हादसे के 30 दिन बाद शव सोनभद्र स्थित मृतक के घर पहुंच गया। इसको लेकर जहां परिवार के लोग दूतावास के प्रति कृतज्ञता जताते रहे। वहीं, घर के कमाऊ पूत की असमय मौत उन्हें, सदमे में डाले रही। पत्नी के साथ ही, उसके दो छोटे-छोटे बच्चों का पालन-पोषण कैसे होगा, इसको लेकर भी लोगों में चिंता की स्थिति बनी रही।

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