Sonbhadra News: सोनभद्र को घोषित करें सूखाग्रस्त, जानलेवा गड्ढों से दिलाएं निजात, भाकपा ने उठाई आवाज

Sonbhadra News: जिला सचिव कामरेड आरके शर्मा की अगुवाई में पार्टीजनों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और आवाज उठाते हुए मांगों के समाधान की मांग की। मांगों को लेकर जल्द सार्थक पहल न दिखने पर आंदोलन का अल्टीमेटम दिया।

Update: 2024-07-26 13:29 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने, सड़कों पर मौजूद जानलेवा गड्ढों से निजात दिलाने सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से आवाज बुलंद की गई। जिला सचिव कामरेड आरके शर्मा की अगुवाई में पार्टीजनों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और आवाज उठाते हुए मांगों के समाधान की मांग की। मांगों को लेकर जल्द सार्थक पहल न दिखने पर आंदोलन का अल्टीमेटम दिया। जिलाधिकारी को संबोधित पत्रक अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) सुभाषचंद्र यादव को सौंपते हुए, मांगपत्र में उल्लिखित जनसमस्याओं के जल्द समाधान/निस्तारण की मांग उठाई गई।

तो भड़क सकता है जनाक्रोश

कामरेड आरके शर्मा, प्रेमचंद्र गुप्ता, देव कुमार विश्वकर्मा, अमरनाथ सूर्य, हृदय नारायण, लीलाधर संदीप आदि का कहना था कि सोनभद्र का अधिकांश क्षेत्रफल वन और पहाड़ी, पठारी, उसर व बंजर है। खेती ही यहां के लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है। मंहगाई-बेरोजगारी की मार के साथ ही अवर्षण की स्थिति ने किसानों के साथ ही बटाई-पटवतन पर खेती करने वाले लोगों और मजदूरों की आर्थिक हालत खस्ता करनी शुरू कर दी। खेतों में धान की रोपाई कौन कहे, अधिकांश किसानों की नर्सरी या तो ज्यादा दिन होने से खराब हो गई या फिर धूप तेज होने से जल गई। जिले के अधिकांश हिस्सों में बिजली की होती कटौती भी लोगों को जनजीवन अस्त-व्यस्त किए हुए है। सूबे को सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला औद्योगिक प्रधान होने के बावजूद, यहां के बाशिंदों को रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के लिए भटकना पड़ रहा है। कहा गया कि जनसमस्याओं को लेकर संजीदगी नहीं दिखाई गई तो किसी भी दिन जनाक्रोश सतह पर आ सकता है।

इन मांगों को लेकर उठाई आवाज

  • सोनभद्र को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए राहत दिलाया जाए और सहकारी समितियों की व्यवस्था दुरुस्त रखते हुए किसानों को सुगम तरीके से खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए।
  • पूरे प्रदेश को बिजली देने वाले जनपद के ग्रामीण और सभी कस्बाई क्षेत्रों में 20 से 22 घंटे बिजली की उपलब्धता अनिवार्य की जाए। नक्सल प्रभावित क्षेत्र चकरिया सब स्टेशन को तत्काल चालू किया जाए।
  • जिले की लाइफ लाइन कही जाने वाले वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग पर रोजाना लाखों की वसूली के बावजूद राजमार्ग पर जगह जगह जानलेवा गड्ढों को अविलंब दुरूस्त कराया जाए। दोनों छोर की पटरी की साफ-सफाई, निर्देशन बोर्ड, ब्रेकर संकेत, लाईट और सुलभ शौचालय आदि की व्यवस्था दुरूस्त कराई जाए।
  • हाइवे से पड़ोसी राज्यों के साथ ही आदिवासी बहुल इलाकों को जोड़ने वाले तेलगुड़वा से कोन, कोन से विंढमगंज मार्ग, पटवध-वसुहारी मार्ग, मारकुंडी-करगरा मार्ग, चोपन-भरहरी मार्ग पर जानलेवा गड्ढों से मुक्ति दिलाई जाए।
  • जिला अस्पताल/मेडिकल कालेज परिसर स्थित ट्रामा सेंटर को चालू कराया जाए। मच्छर जनित रोगों से मुक्ति के लिए जिले के सभी क्षेत्रों में दवाओं का छिड़काव करवाया जाए।
  • आकाशीय बिजली से होने वाल को कम करने के लिए जनपद के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में तड़ीत चालक यंत्र लगवाये जाएं।
  • बालू भंडारण स्थलों पर रोक के बावजूद चल रही जेसीबी, पोकलेन मशीनों को जब्त करते हुए, संबंधितों से कार्रवाई की जाए। साथ ही ट्रकों पर खनिज लोडिंग का कार्य मजदूरों से कराते हुए अधिक से अधिक रोजगार दिलाया जाए।
  • डाला शहीद स्मारक के पास ओवरब्रिज, डाला वैष्णो मंदिर ( बग्घानाला) ओवरब्रिज , चोपन सोन नदी के दोनों पुल और मारकुंडी घाटी के दोनों साइड के रास्तों पर प्रकाश/ सोलर लाइट की व्यवस्था की जाए।
  • वनाधिकार कानून का सभी आदिवासियों, गरीबों व भूमिहीनों को उसका लाभ दिलाते हुए, आधार कार्ड को लेकर हो रही परेशानियों से निजात दिलाया जाए।
  • सोन नदी और मारकुंडी घाटी के मध्य स्थित पटवध, कुरहुल, करगरा, कनछ, कन्हौरा आदि सभी गांवों को नवसृजित तहसील ओबरा से हटाकर पहले जैसे राबर्ट्सगंज तहसील में किए जाने की मांग उठाई गई।
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