Sonbhadra News: एडीएम के औचक निरीक्षण में मिली ढेरों गड़बड़ी, सब रजिस्ट्रार भी मिले नदारद

Sonbhadra News: एडीएम वित्त एवं राजस्व सहदेव मिश्र की तरफ से बृहस्पतिवार को उपनिबंधक कार्यालय राबर्ट्सगंज के औचक निरीक्षण से हड़कंप की स्थिति बनी रही। इस दौरान जहां सब रजिस्ट्रार नदारद पाए गए।

Update: 2024-07-25 16:03 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: एडीएम वित्त एवं राजस्व सहदेव मिश्र की तरफ से बृहस्पतिवार को उपनिबंधक कार्यालय राबर्ट्सगंज के औचक निरीक्षण से हड़कंप की स्थिति बनी रही। इस दौरान जहां सब रजिस्ट्रार नदारद पाए गए। वहीं, उनके स्थान पर कार्यालय लिपिक तो कार्य संपादित करते मिले ही, उप निबंधक और लिपिक के ड्राइवर सहित कई बाहरी व्यक्तियों द्वारा कार्यालयीय कार्य के संपादन का नजारा एकबारगी, एडीएम को भी भौंचक करने वाला रहा। जून माह के कई नामांतरण लेखपत्र भी अभी तक लंबित पाए गए। बताते हैं कि इसको लेकर जवाब तलब करते हुए, विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

एडीएम अचानक से बृहस्पतिवार को उप निबन्धक कार्यालय राबर्टसगंज धमक पड़े। इससे वहां मौजूद कर्मियों एवं अन्य में अफरातफरी की स्थिति बन गई। इस दौरान जहां उप निबंधक आनंद कुमार शुक्ला कार्यालय में उपस्थित नहीं पाए गए। वहीं उनके स्थान पर कार्यालय के लिपिक सिद्धार्थ सिंह और उनके साथ कम्प्यूटर आपरेटर जुलियन रस्ट्रिी आदि की कार्यवाही सम्पादित करते मिले। सिद्धार्थ सिंह ने एडीएम को बताया कि उप निबंधक स्थलीय जांच में कहीं गए हैं। जॉच स्थल का नाम नहीं बताया गया। लगभग 5 मिनट बाद एआईजी स्टांप और 20 मिनट बाद उप निबंधक कार्यालय में उपस्थित हुए।

इन्होंने स्वयं की मौजूदगी के बारे में दी यह जानकारी

निरीक्षण के के दौरान कार्यालय में जितेंद्र श्रीवास्तव उर्फ गुड्डू, राकेश सिंह, सूरज, सौरभ, सोनू, कृष्णानन्द उर्फ बच्चा प्राइवेट व्यक्ति होने के बावजूद कार्यालयीय कार्य संपादित करते पाए गए। जितेंद्र श्रीवास्तव उर्फ गुड्ड ने पूछने पर बताया कि वह वसीका नवीस हैं। राकेश सिंह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। सूरज ने स्वयं को लिपिक सिद्धार्थ सिंह का ड्राइवर बताया। सौरभ ने प्राइवेट मुहर्रिर, सोनू ने स्वयं को उप निबंधक का ड्राइवर और कृष्णानंद उर्फ बच्चा ने खुद को प्राइवेट मुहर्रिर बताया।

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक उपरोक्त सभी प्राइवेट व्यक्ति व्यक्ति उप निबंधक कार्यालय के कंप्यूटरयुक्त पटलों पर बैठकर अनधिकृत रूप से कार्यालयीय कार्य का निष्पादन करते हुए पाए गए। इसको देखते हुए एडीएम ने जहां नाराजगी जताई। वहीं, उप निबंधक कार्यालय में बाहरी व अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर कार्यालय की गोपनीयता व शुचिता प्रभावित होने की स्थिति को देखते हुए, कड़ी फटकार भी लगाई।

जून माह के 64 बैनामों का लंबित मिला ऑनलाइन प्रेषण

इस दौरान लेखपत्रों के आनलाइन प्रेषण की स्थिति जांची गई तो पता चला कि माह जून 2024 के 64 लेखपत्र तहसीलदार कार्यालय को नामांतरण के लिए ऑनलाइन प्रेषित किया जाना अवशेष है। जबकि शासनादेश के अनुसार पंजीकृत लेखपत्रों को उसी दिन अथवा अगले दिन तहसीलदार को प्रेषित कर दिया जाना चाहिए। एडीएम ने कहा कि इतने लेखपत्रों का ससमय तहसीलदार को प्रेषित न किया जाना शासनादेश का स्पष्ट उल्लंघन और कर्तव्यों के प्रति उदासीनता का द्योतक है। एडीएम ने उप निबंधक की कार्यप्रणाली पर चिंता जताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी और जवाबतलब करने का निर्देश दिया।

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