Sonbhadra: हाइवे की महज 16 किमी दूरी, गड्ढे-लकीरों और दरारों ने बढ़ाया हादसे का खतरा

Sonbhadra News: एनजीटी की सख्ती और शासन के कड़े निर्देश के बावजूद, अनपरा (औड़ी)-शक्तिनगर के बीच स्थित वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। टू लेन से फोरलेन में तब्दील किए गए इस मार्ग पर करोड़ों खर्च के बावजूद जहां कई जगह सड़क अधूरी पड़ी है।

Update: 2024-07-25 15:03 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: एनजीटी की सख्ती और शासन के कड़े निर्देश के बावजूद, अनपरा (औड़ी)-शक्तिनगर के बीच स्थित वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। टू लेन से फोरलेन में तब्दील किए गए इस मार्ग पर करोड़ों खर्च के बावजूद जहां कई जगह सड़क अधूरी पड़ी है। वहीं, जगह-जगह गड्ढे, गहरी लकीरें और दरारों ने रास्ते को जानलेवा बना दिया है। बृहस्पतिवार को हुई हल्की बारिश ने कई जगह जानलेवा स्थिति बना दी। कुछ जगहों पर नर्सों-स्थानीय लोगों ने निशान लगाकर, आवागमन कर रहे लोगों को गड्ढे के प्रति आगाह किया लेकिन संबंधित महकमे की तरफ से हालात को लेकर चुप्पी बनी रही।

निर्माण के पांच साल बाद भी पूरी सड़क नहीं हो सकी दुरूस्त

बताते चलें कि अनपरा से शक्तिनगर के बीच स्थित एसएच फाइव-ए के देखरेख की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड की है। लगभग डेढ़ सौ करोड की लागत से योगी-वन की सरकार में निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड़ ने तत्कालीन समय पूजा-अर्चन कर कार्य की शुरूआत कराई। 19 माह में सड़क पूरी तरह से निर्मित हो जाने का दावा किया गया लेकिन 19 माह कौन कहे, पांच साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है और अभी भी अनपरा-शक्तिनगर क्षेत्र के बाशिंदे सड़क को दुरूस्त होने की बाट जोह रहे हैं।

अधूरी सड़क ने कई जगहों पर अख्तियार किया जानलेवा रूप

मौजूदा हालत यह है कि कई जगह सड़क टूट गई है। गहरी लकीरें-दरारें जहां हादसों का कारण बने हुए हैं। वहीं कई जगह, बने गड्ढे और उसमें भरते पानी से भी इस मार्ग पर आवागमन खतरों भरा साबित होने लगा है। बृहस्पतिवार को औड़ी मोड़ स्थित चर्च के पास बने गहरे गड्ढों में पानी और उसमें से वाहनों के आवागमन की स्थिति ने लोगों को डरा करके रख दिया। पास स्थित हॉस्पिटल की नर्सं आगे आकर ईंट से गड्ढे को चिन्हित कर, आवागमन कर रहे लोगों को सचेत करने में जुटी रही। ज्यादा बारिश की दशा में इन गड्ढों से कैसे बचाव होगा? इसकी चिंता लोगों को सताए रही।

अफसरों की तरफ से नहीं मिला कोई जवाब

कुछ लोगों ने एक्सईएन निर्माण खंड को कॉल की तो दावा किया गया कि सभी गड्ढे भरवा दिए गए हैं, फिर ऐसी स्थिति क्यों बन रही है? लोगों के मुताबिक इस सवाल पर चुप्पी साध ली गई। इसको लेकर एक्सईएन निर्माण खंड अनिल कुमार सरोज से जानकारी लेने के लिए फोन पर संपर्क साधा गया। उनके दोनों नंबरों पर कॉल लगाई गई लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।

कागजों पर कभी बहानेबाजी तो कभी सब कुछ चकाचक होने का दावा

बता दें कि अनपरा-शक्तिनगर मार्ग की खराब हालत के चलते बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी की ओर से वर्ष 2018 में ही सड़क को फोरलेन और पूर्णरूप से गड्ढामुक्त बनाने का निर्देश दिया गया था । उस पर अमल करते हुए सड़क निर्माण पर लगभग 200 करोड़ खर्च कर दिए गए लेकिन जहां सड़क निर्माण बीच में ही ठप कर दिया गया वहीं अफसरों की तरफ से भी किसी न किसी बहाने, सड़क दुरूस्त कराने की बात से कन्नी काटी जाती रही। सड़क पर गड्ढे, गहरी लकीरें और दरारें आए दिन हादसे का कारण बन रही हैं। लोगों की जानें जा रही है लेकिन अभी भी पीडब्ल्यूडी महकमे के अफसर कागजी दावे के जरिए सब कुछ चकाचक होने का दावा करने में लगे हुए हैं।

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