Sonbhadra News: अवर्षण और उमस ने बढ़ाई बिजली खपत, 30298 मेगावाट पहुंची डिमांड, ऊर्जामंत्री ने मांगा सहयोग

Sonbhadra News: उर्जामंत्री एके शर्मा ने मानूसनी समय में, रिकार्ड बिजली खपत को ऐतिहासिक बताया है और पूरे देश में सर्वाधिक बिजली यूपी में देने के लिए विद्युत कर्मियों को बधाई देने के साथ ही, जनता से सहयोग की अपील की है।

Update: 2024-07-23 14:43 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: जुलाई माह में तीन सप्ताह गुजर जाने के बाद भी जहां अवर्षण की स्थिति ने किसानों की रूलाई छुड़ानी शुरू कर दी है। वहीं, भारी उमस केे चलते बिजली की अधिकतम मांग 30298 मेगावाट पहुंच गई है। स्थिति नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार को जहां महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। वहीं, सोनभद्र सहित सूबे के कई हिस्सों में आपात कटौती कर हालात संभाले जा रहे हैं। सूबे के पावर हब का दर्जा रखने वाले जिले केे ओबरा-अनपरा में भीषण कटौती को लेकर नाराजगी, प्रदर्शन की स्थिति बनी हुई है। उधर, ऊर्जामंत्री एके शर्मा ने मानूसनी समय में, रिकार्ड बिजली खपत को ऐतिहासिक बताया है और पूरे देश में सर्वाधिक बिजली यूपी में देने के लिए विद्युत कर्मियों को बधाई देने के साथ ही, जनता से सहयोग की अपील की है।

इस तरह बढ़ी बिजली की खपत, बना नया कीर्तिमान

जून माह में हर तीसरे दिन नया रिकार्ड बिजली खपत में जुलाई माह के पहले सप्ताह में मानसून आने के बाद तेजी से कमी दर्ज की गई। छह जुलाई को अधिकतम मांग गिरकर 22022 मेगावाट पर आ गई। अवर्षण की बनी स्थिति के चलते इसके महज एक दिन बाद आठ जुलाई से बिजली खबर में तेजी से बढ़ोत्तरी का क्रम एक बार फिर से शुरू हो गया। यूपी सिस्टम लोड डिस्पैंच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक बिजली की अधिकतम खपत आठ जुलाई को 25119 मेगावाट, 10 जुलाई को 26748 मेगावाट, 12 जुलाई को 27721 मेगावाट, 15 जुलाई को 29142 मेगावाट, 22 जुलाई की रात 11 बजे के करीब, मांग बढ़कर 30298 मेगावाट पर पहुंच गई। न्यूनतम बढ़त में भी तेजी से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। सात जुलाई को 12226 मेगावाट दर्ज की जाने वाली न्यूनतम खपत, मंगलवार यानी 23 जुलाई को 21603 मेगावाट पर जा पहुंची है।

लगातार कटौती से बन रही धरना-प्रदर्शन की स्थिति

ओबरा में गत गुरूवार की रात जहां लोगों ने अघोषित कटौती के विरोध में चक्काजाम कर एतराज जताया। वहीं, शनिवार को बिजली के मसले पर एसडीएम की तरफ से बुलाई गई बैठक में भी लगातार कटौती की स्थिति पर नाराजगी जताई गई। उधर, अनपरा परिक्षेत्र में भी घंटों कटौती को लेकर नाराजगी जतानी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया हैंडलों पर आवाज उठाने के साथ ही धरना-प्रदर्शन का अल्टीमेटम दिए जाने का क्रम शुरू हो गया है।

खरीदकर पूरी करनी पड़ रही जरूरत की आधी से अधिक बिजली

राज्य सेक्टर की तरफ से जो बिजली घर स्थापित किए गए हैं, उससे 5 से 6000 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है। एनटीपीसी और ज्वाइंट वेंचर ओर शत-प्रतिशत बिजली यूपी को देने के करार वाले निजी घरानों से से मिलने वाली बिजली की भी गणना अधिकतम पांच से छह हजार मेगावाट ही है। शेष बिजली की जरूरत राज्य सरकार को निजी घरानों से पूर्व में हुए करार और एनर्जी एक्सचेंज से महंगी दरों पर खरीदकर पूरी करनी पड़ रही है।

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