Sonbhadra: जच्चा-बच्चा की मौत पर डीएम सख्त, अस्पताल सील, संचालक के खिलाफ एफआईआर

Sonbhadra News: प्रेरणा फाउंडेशन हास्पिटल में जच्चा-बच्चा की मौत, नवजात को परिजनों पर दबाव देकर दफनवाने के मामले में डीएम चंद्र विजय सिंह की ओर से बड़ी कार्रवाई सामने आई है।

Update: 2024-07-02 15:25 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: दुद्धी तहसील मुख्यालय पर संचालित प्रेरणा फाउंडेशन हास्पिटल में जच्चा-बच्चा की मौत, नवजात को परिजनों पर दबाव देकर दफनवाने के मामले में डीएम चंद्र विजय सिंह की ओर से बड़ी कार्रवाई सामने आई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जहां अस्पताल को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। वहीं, अस्पताल संचालक के खिलाफ दुद्धी कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। बताते चलें कि हाथीनाला थाना क्षेत्र के बहेराडोल निवासी सोनू पटेल की 23 वर्षीय पत्नी संगीता देवी को प्रसव के लिए दुद्धी तहसील मुख्यालय स्थित प्रेरणा फाउंडेशन हास्पीटल ले जाया गया था। वहां प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई। कुछ घंटे बाद प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया। हद तब हो गई, जब बगैर पुलिस को सूचना दिए, नवजात का शव अस्पताल से चंद कदम की दूरी पर स्थित नदी के किनारे दफनवा दिया। मंगलवार की सुबह हंगामे की खबर पर पहुंची पुलिस को जब वाकए की जानकारी हुई तो वह भी दंग रह गई। परिजनों का कडी कार्रवाई का भरोसा देकर शांत कराया और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

खबरों का डीएम ने लिया संज्ञान तब जिम्मेदारों की टूटी तंद्रा

प्राइवेट चिकित्सालयों का नोडल का कार्यभार संभालने वाले जिम्मेदारों की तंद्रा तब टूटी, जब इसको लेकर मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लेते हुए डीएम चंद्रविजय सिंह ने कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिए। स्थिति यह थी कि काफी देर नोडल का फोन कवरेज एरिया से बाहर होने का उत्तर देता रहा। बाद में देर तक वेटिंग जाने की स्थिति बनी रही। हालांकि जब डीएम चंद्र विजय सिंह ने मामले की संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए तो उसके बाद महज एक घंटे के भीतर सीएचसी प्रभारी दुदी डॉक्टर शाह आलम और प्राइवेट चिकित्सालयों के नोडल अधिकारी डॉ. जीएस यादव संबंधित अस्पताल पर पहुंच गए और अस्पताल गेट में ताला जड़ते हुए, उसे सील कर दिया। अब मामले में जहां स्वास्थ्य महकमे की ओर से अस्पताल के संचालक के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही हैं। मृतका के जेठ विंध्याचल पटेल की ओर से भी एक तहरीर पुलिस को सौंपे जाने की जानकारी सामने आई है।

स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों की भूमिका जांचे जाने की उठी आवाज

मानकों को ताक पर रखकर संचालित किए जा रहे संबंधित अस्पताल में महज माह भर पूर्व छापेमारी की गई थी। पाई गई खामियों को दृष्टिगत रखते हुए ओटी को सीज कर दिया गया था। बावजूद जहां अब तक नोटिस दर नोटिस का खेल चलता रहा। वहीं, संबंधित अस्पताल में बगैर प्रसूति विशेषज्ञ डाक्टरों की मौजूदगी, के प्रसूताओं को भर्ती कर प्रसव का भी क्रम जारी रहा। इसी तरह जिले में कई अस्पतालों को कागज पर सील करने और गंभीर तथा प्रसव वाले मरीजों को भर्ती कर, आर्थिक शोषण का क्रम जारी है। लोगों का कहना है कि इस पर अंकुश के लिए जरूरी है कि, इससे जुड़े स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों की भी जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई अमल में लाई जाए।

जो भी होगी दोषी, उसके खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई: डीएम

डीएम चंद्रविजय सिंह ने कहा कि मामले में अस्पताल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई चल रही है। वहीं, प्रकरण की जांच भी नोडल अधिकारी से कराई जा रही है। डीएम ने कहा कि जो भी इस प्रकरण में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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