Sonbhadra News: नगर पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की शुरू हुई जांच, लाखों का घपला पकड़े जाने का दावा

Sonbhadra News: प्रकरण को लेकर आवाज उठा रहे सभासदों का आरोप है कि महज चार कार्यों की स्थलीय जांच में ही 25 लाख से अधिक का घपला पकड़ा गया है।

Update: 2024-07-03 14:02 GMT

नगर पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की शुरू हुई जांच, लाखों का घपला पकड़े जाने का दावा: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: सोनभद्र के आदर्श नगर पंचायत का दर्जा रखने वाले ओबरा नगर पंचायत में कथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू हो गई है। एडीएम सहदेव मिश्र के निर्देश पर बुधवार को कई कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। बृहस्पतिवार को भी कार्यों के भौतिक सत्यापन का क्रम जारी रहेगा। प्रकरण को लेकर आवाज उठा रहे सभासदों का आरोप है कि महज चार कार्यों की स्थलीय जांच में ही 25 लाख से अधिक का घपला पकड़ा गया है। पहले दिन की ही जांच में जिस तरह की स्थिति सामने आई है, उसमें सभी कार्यों की जांच पर करोड़ों की घपलेबाजी पकड़े जाने का दावा किया जाने लगा है।

बताते चलें कि पिछले माह सभासदों ने नगर पंचायत में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आंदोलन किया था और 10 बिंदुओं पर जांच कराए जाने की मांग उठाई थी। प्रकरण का संज्ञान लेते हुए डीएम चंद्रविजय सिंह ने एडीएम सहदेव मिश्रा को प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए थे। इसके क्रम में उनकी ओर से ओबरा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी मधुसूदन जायसवाल को शिकायतकर्ताओं की उपस्थिति में कराए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया था।

सभासदों की ओर से यहां-यहां घपलेबाजी का दावा

सभासद संघ के अध्यक्ष राकेश मिश्रा की तरफ से आरोप लगाया गया कि बुधवार को कार्यों की हुई स्थलीय जांच के दौरान वार्ड 18 में राजकीय पीजी कॉलेज चौराहे से लेकर बजरंग मेडिकल स्टोर तक सोलिंग गिट्टी के नाम पर लगभग पौने पांच लाख रुपए का घपला किया गया है। वार्ड 18 में ही नाला सफाई के नाम पर साढ़े चार लाख रुपए की घपलेबाजी सामने आई है। रामदास होटल के समीप जीएसबी गिट्टी के नाम पर 4 लाख 71 हजार रुपये का घपला सामने आया है। नगर पंचायत द्वारा बनवाया गया एमआरएफ सेंटर जिसका शुभारंभ 14 जनवरी 2024 को हुआ था लेकिन संबंधित कार्य पर अक्टूबर 2023 से ही लगभग साढे 11 लाख रुपए का भुगतान की स्थिति सामने आई है।

बाकी बचे स्थानों पर सामने आ सकती हैं कई गड़बड़ियां

राकेश मिश्रा का दावा है कि महज चार कार्यों के जरिए ही लगभग साढे़ 25 लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। अभी अन्य स्थानों पर भी जांच की जानी है। दावा जा रहा है कि बाकी बचे स्थानो पर भी नगर पंचायत के जिम्मेदारों की ओर से काफी भ्रष्टाचार किया गया है। जांच के दौरान सभासद प्रतिनिधि विकास सिंह,सभासद राजू साहनी, राकेश कुमार पासवान, अजीत कनौजिया, सुनील सिंह, गिरिजा देवी, नगर पंचायत कर्मी राजेश यादव सहित अन्य की मौजूदगी बनी रही।

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