Sonbhadra: नहर में तब्दील हुई करोड़ों की सड़क, महज दो साल पूर्व हुआ था निर्माण

Sonbhadra News: डायवर्जन के दौरान ध्वस्त हुई सड़क की आवाज उठाए जाने के बाद भी, वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर टोल वसूलने वाली कंपनी की तरफ से जरा भी ध्यान न दिए जाने को लेकर भी लोगों में आक्रोश की स्थिति बनी रही।

Update: 2024-07-04 16:55 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: बड़े गड्ढे और नहर की शक्ल में जमा पानी ने आवागमन कर रहे लोगों की खासी फजीहत कराई। महज दो साल पूर्व पीडब्ल्यूडी के जरिए डीएमएफ कोटे से करोड़ों खर्च कर निर्मित की गई सड़क की हालत को लेकर नाराजगी भरे स्वर उठते रहे। डायवर्जन के दौरान ध्वस्त हुई सड़क की आवाज उठाए जाने के बाद भी, वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर टोल वसूलने वाली कंपनी की तरफ से जरा भी ध्यान न दिए जाने को लेकर भी लोगों में आक्रोश की स्थिति बनी रही।

बताते चलें कि वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग स्थित बग्घानाला फ्लाईओवर के पास से कटकर ओबरा के लिए गई सड़क पर आवागमन खासा परेशानी भरा साबित हो रहा था। बग्घानाला स्थित रेलवे पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद, इस मार्ग से कई महीने तक भारी वाहनों का आवागमन कराया गया था। इसके चलते महज दो साल पूर्व बनी सड़क कई जगह से गड्ढों में तब्दील हो गई। दो माह पूर्व जब पुल से पूर्व की तरह आवागमन शुरू किया गया तो लोगों ने शासन-प्रशासन दोनों जगह पत्र भेजकर, सड़क के मरम्मत की गुहार लगाई।

डायवर्जन मार्ग से वाहनों के आवागमन के बावजूद टोल टैक्स वसूलने वाले कंपनी के लोगों से, क्षतिग्रस्त हुई सड़क की मरम्मत कराने का अनुरोध किया गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। खस्ताहाल सड़क पर जैसे-तैसे आवागमन हो रहा था लेकिन बृहस्पतिवार को ओबरा-चोपन क्षेत्र में इस सीजन की पहली बार हुई महजे की बारिश ने सड़क को नहर में तब्दील कर रख दिया गया। इसके चलते जहां देर तक जाम की स्थिति बनी रही। जाम खुलने के बादर भी, चारपहिया वाहन जैसे-तैसे जमा पानी से निकलते रहे।

नाली निर्माण पर ध्यान न दिया जाना भी बना पानी जमा होने का कारण

दो साल पूर्व कराए गए कार्य की गुणवत्ता बरकरार रहे, इसके लिए डीएमएफ कोटे से होने वाले कार्य का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया था लेकिन लोगों का आरोप है कि नालीनिर्माण की तरफ ध्यान ही नहीं दिया गया। इसका परिणाम हुआ कि ओबरा के शारदा मंदिर से बग्घानाला के बीच के सड़क का एक बड़ा हिस्सा नहर में तब्दील सा नजर आने लगा है। लोगों का कहना था कि एक तरफ वाहन का पंजीयन कराते हुए एक मुक्त रोड टैक्स तो जमा कराया ही जाता है, डायवर्जन के समय इस रास्ते से आवागमन करने वाले भारी वाहनों से वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर टोल वसूलने वाली कंपनी ने अच्छा-खासा रकम वसूला लेकिन जब सड़क के मरम्मत की बारी आई तो मुंह मोड़ लिया गया।

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