Sonbhadra News: सोनभद्र में 51 लाख से अधिक का गबन का मामला उजागर, मचा हड़कंप
Sonbhadra News: जनपद की राबर्ट्सगंज तहसील में 51 लाख के राजस्व के गबन का मामला सामना आया है। जानकारी के मुताबिक 2017 से 2022 के बीच की इस धनराशि का गबन किया गया।
Sonbhadra News: जनपद की राबर्ट्सगंज तहसील में 51 लाख के राजस्व के गबन का मामला सामना आया है। जानकारी के मुताबिक 2017 से 2022 के बीच की इस धनराशि का गबन किया गया। इस मामले में तहसीलदार राबर्ट्सगंज ने राबर्ट्सगंज कोतवाली में प्रभारी नायब नाजिर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
अधिकारियों के नाक के नीचे वर्षों तक चलता रहा राजस्व राशि के गबन का खेल
सोनभद्र के सरकारी खजाने में जमा करने के लिए विभिन्न मदों से आई राजस्व की धनराशि में से 50 लाख रूपये उड़ाए जाने का मामला सामने आया है। मामला सदर तहसील से जुड़ा है। यह करतूत उस नायब नाजिर की बताई जा रही है, जिस पर इस धनराशि को ग्रहण करने के बाद सरकारी खजाने राजकोष में जमा करने की जिम्मेदारी थी। दिजचस्प मसला है कि वर्ष 2017 से 2023 तक यह खेल चलता रहा लेकिन न तो किसी अधिकारी ने, राजस्व के रूप में आने वाली धनराशि, सरकारी कोष में जमा क्यों नहीं की जा रही? इसे जानने की जरूरत समझी न ही इससे संबंधित रजिस्टर को ही कभी तलब कर उसकी निगरानी करने का ख्याल किया गया। लगभग पांच वर्ष से चल रहे गबन के इस खेल का खुलासा तब हुआ, जब पिछले दिनों डीएम चंद्रविजय सिंह की तरफ से कर्मियों के तबादले के क्रम में नायब नाजिर का भी तबादला दूसरी जगह कर दिया गया।
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सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी की
पुलिस के मुताबिक तहसीलदार अरूण कुमार गिरि की तरफ से बृहस्पतिवार को राबटर्सगंज कोतवाली पहुंचकर, गबन के मामले में एक तहरीर दी गई। अवगत कराया गया कि संग्रह एवं नजारत के रिकार्ड रूम और आलमारी की जांच में गठित कमेटी से मिली रिपोर्ट के मुताबिक सहायक वासिल बाकी नवीस/प्रभारी नायब नाजिर विजयशंकर श्रीवास्तव ने रजिस्टर नंबर चार वित्तीय वर्ष 2017-18, 2019-20, 2020-21, 2021-22 के सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी की और राजस्व के रूप में विभिन्न मदों से आई 51 लाख की धनराशि का गबन कर लिया। प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत ने बताया कि मामले में मिली तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 409 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। वर्ष 2017 से 2022 तक गबन का खेल चलते रहने, राजस्व के रूप में आने वाली धनराशि के सरकारी कोष में जमा न होने का मामला होने के बावजूद, इसपर तहसील के किसी भी अधिकारी की नजर न पड़ने को लेकर जहां तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं, नायब नाजिर की तरफ से भी अपने ही अधिकारियों पर कई आरोप लगाए जाने की चर्चा बनी हुई है। इस बारे में आरोपी नायब नाजिर से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो वह नाट रिचेबल मिले। वहीं, तहसीलदार अरूण कुमार गिरि का कहना था कि विभागीय जांच में जो भी चीजें सामने आई थीं, उसके तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई है।