Sonbhadra News: शिव मंदिर से जुड़े चर्चित मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, चकबंदी अदालतों के आदेश पर रोक, मांगा जवाब
Sonbhadra News: शंकर मंदिर प्रकरण को लेकर चकबंदी के समय पारित आदेश के वर्षों बाद, पुनर्स्थापन को लेकर जारी किए हालिया आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
Sonbhadra News: घोरावल के बहुचर्चित शंकर मंदिर प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। चकबंदी के समय पारित आदेश के वर्षो बाद, पुनर्स्थापन को लेकर जारी किए हालिया आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। प्रकरण में पक्षकारों से जवाब-तलब करते हुए, सुनवाई की अगली तिथि 23 अगस्त 2024 तय की गई है।
यह है मामला
बताते हैं कि घोरावल कोतवाली के पास स्थित शंकर मंदिर के लिए घोरावल के ही दो व्यक्तियों की ओर से जमीन दान की गई थी। बाद में दानदाताओं की मौत हो गई। वर्ष 1985 में चकबंदी प्रक्रिया अपनाई गई, उस दौरान मंदिर प्रबंध समिति और दानदाताओं के वारिसानों के बीच एक समझौता हुआ जिसके आधार पर मंदिर खाते में लगभग एक बिघा 16 विश्वा जमीन दर्ज की गई।
यहां आकर घटनाक्रम ने लिया मोड़
बताते हैं कि वर्ष 2018 में इस मामले को लेकर एक पक्षकार और वर्ष 2021 में एक पक्षकार की तरफ से चकबंदी न्यायालय में चकबंदी के समय पारित आदेश को लेकर पुनर्स्थापन पत्र दाखिल किया गया। मंदिर समिति ने वर्षो पुराने मामले में अब जाकर पुनर्स्थापन प्रार्थना पत्र दाखिल करने को लेकर आपत्ति की। हालांकि चकबंदी न्यायालय की तरफ से इसे 22 फरवरी 2023 को स्वीकार कर लिया गया। तब मंदिर समिति की ओर से उप निदेशक चकबंदी के यहां रिवीजन दाखिल किया गया। वहां से भी गत सात मार्च 2024 को पुनर्स्थापन के पक्ष में ही आदेश जारी किया गया।
यहां जाकर मामले को दी गई हाईकोर्ट में चुनौती
इससे क्षुब्ध होकर, शंकर जी विराजमान मंदिर समिति की ओर से अधिवक्ता अनिल मिश्रा के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। वहां न्यायमूर्ति चंद्र कुमार राज की बेंच ने पिछले दिनों मामले की सुनवाई की। याचिककर्ता पक्ष की तरफ से दी गई दलीलों और पेश किए गए साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए, 22 फरवरी 2023 और सात मार्च 2024 को पारित आदेशों के क्रियान्वयन पर फिलहाल रोक लगा दी गई। मामले में सुनवाई की अगली तिथि 23 अगस्त निर्धारित करते हुए, पुनर्स्थापन प्रार्थना पत्र दाखिल करने वाले पक्षकारों को छह सप्ताह के भीतर काउंटर एफीडेविड दाखिल करने के लिए कहा गया है।