Sonbhadra News: सोन नदी का घटा जलस्तर तो सामने आया फसलों की बर्बादी का मंजर, सैकड़ों हेक्टेअर फसल बताई जा रही बर्बाद

Sonbhadra News: सेमिया, घोरिया, कुरछा, चतरवार, चौरा बिजौरा, अलऊर, गुरदह, गोठानी, महलपुर आदि गांवों में नदी किनारे स्थित तिल, अरहर, सावां, मक्का की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है।

Update: 2024-08-05 14:04 GMT

सोन नदी का जलस्तर घटने के बाद सैकड़ों हेक्टेअर फसल बर्बाद: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: वर्ष 2018 के बाद पहली बार सोन में आया तेज उफान बारिश थमने के बाद नियंत्रित हो गया है। लगभग 36 घंटे तक लगातार बारिश और इसके चलते जहां सोन में जबरदस्त उफान की स्थिति बनी। वहीं, रविवार को नदी का पानी खतरे का निशान पार कर गया। बारिश न होने के कारण सोमवार को नदी का जलस्तर नियंत्रित हो गया। इसके साथ ही, तटवर्ती क्षेत्रों में फैला पानी तेजी से उतरना शुरू हो गई। वहीं, इसके साथ, सामने आ रहे फसलों की बर्बादी के मंजर ने किसानों की रूलाई छुड़ानी शुरू कर दी है।

बताते चलें कि जिले के साथ ही, मध्यप्रदेश के शहडोल और सीधी जिले में हुई मजे की बारिश के चलते शनिवार को सोन नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया था। शनिवार को प्रति घंटे पांच सेमी की गति से होने वाली बढ़ोत्तरी रविवार को 30 सेमी प्रति घंटा पर पहुंच गई। रविवार देर शाम आते-आते नदी का पानी खतरे का निशान 171 मीटर को पार कर आगे बढ़ गया।


हालांकि बारिश का सिलसिला रविवार को थम जाने के कारण, सोमवार सुबह से ही स्थिति नियंत्रित होनी शुरू हो गई और सोमवार शाम आते-आते सोन नदी का जलस्तर काफी घट गया। इससे जहां सोन और इससे जुड़ी बिजुल-रेणुका नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के बाशिंदों ने राहत की सांस ली। वहीं, पानी उतरने के साथ ही सामने आए, सैकड़ों हेक्टेअर मोटे अनाज की फसल के बर्बादी के मंजर ने किसानों की रूलाई छुड़ानी शुरू कर दी।


यहां-यहां फसलों का बताया जा रहा खासा नुकसान

बताते हैं कि सेमिया, घोरिया, कुरछा, चतरवार, चौरा बिजौरा, अलऊर, गुरदह, गोठानी, महलपुर आदि गांवों में नदी किनारे स्थित तिल, अरहर, सावां, मक्का की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। कनछ-कन्हौरा के बड़ी एरिया में सोन नदी का पानी घुसने के कारण यहां लगी मक्के की फसल बर्बाद हो गई है। नंदलाल गिरी, बद्री पुरी, त्रिपुरारी कुशवाहा, सत्येंद्र कुशवाहा, विनय चौधरी, मुन्ना यादव, हरि आदि किसानों की फसलों को बड़ा नपुकसान बताया जा रहा है।

बाढ़ के पानी से मक्के की फसल बर्बाद

ग्रामीणों का कहना था कि तिल, अरहर, सावां की फसल को तो नुकसान पहुंचा ही, मक्के की फसल लगभग तैयार थी लेकिन बाढ़ के पानी ने उसे बर्बाद करके रख दिया। अपना दल एस के जिला महासचिव श्यामाचरण गिरी बबलू ने जिला प्रशासन से फसलों का नुकसानी का सत्यापन कराकर किसानों को मदद दिए जाने की मांग की है।

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