Sonbhadra News: मामा का कत्ल करने वाले भांजे को उम्रकैद, कुल्हाड़ी से गर्दन पर वार कर की थी हत्या
Sonbhadra News: तीन साल पूर्व मामा का कत्ल करने वाले भांजे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। नवाटोला में सरसो के फसल की मड़ाई करते आधार सिंह की गर्दन और ठोड़ी पर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी गई थी।
Sonbhadra News: तीन साल पूर्व मामा का कत्ल करने वाले वाले भांजे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामला बभनी थाना क्षेत्र से नवाटोला से जुड़ा हुआ है। नवाटोला में सरसो के फसल की मड़ाई करते आधार सिंह की गर्दन और ठोड़ी पर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी गई थी। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खान की अदालत ने की और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों व अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों पर भांजे अखिलेश कुमार को दोषी पाया गया। निर्मम तरीके से की गई हत्या के लिए आजीवन कारावास के साथ ही, 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
यह है पूरा माजरा
अभियोजन कथानक के मुताबिक घटना को लेकर 21 मार्च 2020 को बभनी थाने में एक तहरीर दी गई। पुलिस को अवगत कराया गया कि आधार सिंह पुत्र शीतल सिंह 20 मार्च 2020 की शाम छह बजे के करीब बलदानी जंगल नवाटोला स्थित पाही पर खलिहान में सरसों की मड़ाई का कार्य कर रहे थे। उनकी पत्नी ममता देवी, बेटा अनिल कुमार और परिवार के अन्य लोग खलिहान से थोड़ी दूरी पर बैठकर भुजा खा रहे थे। तभी जंगल की तरफ से उनका भांजा अभिषेक कुमार पुत्र पहलू सिंह निवासी नवाटोला कुल्हाड़ी लेकर आया और उनके सिर पर पीछे की तरफ से तथा ठोड़ी पर कुल्हाड़ी से कई वार कर, जंगल वाले रास्ते से वापस होते हुए फरार हो गया। शोर मचाते हुए आधार सिंह अपने पत्नी-बच्चों की तरफ दौड़े। उन्हें कहीं उपचार के लिए ले जाया जाता, सिर से काफी खून बहने के कारण मौत हो गई। घटना का कारण पुरानी रंजिश बताया गया और मौके पर वारदात के बाद भागते वक्त आरोपी की चप्पल छूटी होने की जानकारी दी गई।
हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने आला कत्ल कर लिया था बरामद:
मामले में दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया और घटना के कुछ दिन बाद दबिश देकर वारदात को अंजाम देने वाले भांजे को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने गमछे के अंदर छिपाकर रखा गया आला कत्ल कुल्हाड़ी बरामद कर लिया। आरोपी को जेल भेजने के बाद, पुलिस ने विवेचना पूरी करते हुए चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी, जहां लगभग तीन साल मामले की सुनवाई चली। इस दौरान गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों, पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया और दोषी को आजीवन कारावास के साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई गई। दौरान विचारण जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा।