Sonbhadra: भीषण लू अलर्ट के बीच बिजली को लेकर हाहाकार, चार दिन से अंधाधुंध कटौती ने बिगाड़ा दिनचर्या का शेड्यूल
Sonbhadra News: गांव तो गांव, कस्बों के साथ ही जिला मुख्यालय पर चार दिन से बिजली की अंधाधुंध कटौती ने हजारों लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है।
Sonbhadra News: प्रदेश की जरूरत की आधी बिजली पैदा करने वाले सोनभद्र में बढ़ती गर्मी के ताप के बीच जहां एक तरफ भीषण लू का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ लगातार 5 दिनों से 29000 मेगावाट को पार कर रही बिजली की मांग के साथ ही बिजली की अंधाधुंध कटौती ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। गांव तो गांव, कस्बों के साथ ही जिला मुख्यालय पर चार दिन से बिजली की अंधाधुंध कटौती ने हजारों लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है। दिन में जहां पसीने से तरबतर बदन लोगों को तड़पा रहा है। वहीं, रात में घंटों गुल हो रही बिजली के चलते लोगों को बेचैनी भरी रात गुजारनी पड़ रही है। इससे दिनचर्या प्रभावित होने के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता दिखाई देने लगा है।
कुछ इस तरह 24 घंटे आपूर्ति के शेड्यूल का उड़ाया जा रहा मजाक
जिला मुख्यालय पर 24 घंटे आपूर्ति का शेड्यूल है लेकिन पावर हब का दर्जा रखने वाले सोनभद्र के जिला मुख्यालय पर आपूर्ति की स्थिति यह है कि गत शनिवार को जहां शाम 5 बजे से लेकर आधी रात के बाद रात 2 तक स्वर्ण जयंती चौक से मेन चौक तक न्यू मार्केट वाली एरिया में बिजली गुल रही। लोग सड़कों पर टहलते रहे अफसर के फोन घनघनाते रहे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अगले दिन यानी रविवार को दिन में बिजली के आने जाने का क्रम बना रहा। रात में भी चार से पांच घंटे बिजली की कटौती हुई। सोमवार को भी दिन के साथ ही रात में चार से पांच घंटे की कटौती ने लोगों को खासा परेशान किया। मंगलवार की रात सिविल लाइंस रोड से लेकर विकास नगर एरिया के बड़े हिस्से में पूरी रात लोगों को बिन बिजली गुजारनी पड़ी। बुधवार को भी दोपहर में जाकर आपूर्ति ठीक-ठाक तरीके से बहाल हुई लेकिन हर आधे-एक घंटे पर बिजली जाने का क्रम बना रहा। रात गहराते ही पूरे नगर क्षेत्र की बिजली गुल हो गई। आधी रात के बाद तक लोग कटौती का कारण जानने के लिए एक दूसरे के फोन घनघनाते रहे। छतों और सड़कों पर टहलकर रात गुजारी जाती रहीव अफसरों से भी संपर्क साधा जाता रहा लेकिन घंटों कटौती की वजह का कहीं से कोई जवाब नहीं मिल पाया। रात 2 बजे जाकर आपूर्ति बहाल हुई तब लोगों ने राहत की सांस ली। उधर, कटौती के चलते बुधवार की रात पीक आवर में 28,000 मेगावाट के इर्द-गिर्द दर्ज की गई अधिकतम मांग रात दो बजे आपूर्ति बहाल होने के साथी 29072 मेगावाट पर पहुंच गई।
सत्ता पक्ष के धुरंधरों की मौजूदगी के बावजूद अंधाधुंध कटौती ने लोगों को किया विस्मित
एक तरफ सत्ता पक्ष के कई मंत्री चोपन में आयोजित गृह मंत्री अमित शाह की रैली को सफल बनाने को लेकर सोनभद्र में डेरा डाले हुए थे। जिले में सत्ता पक्ष की जितनी भी चुनावी जनसभा हुई बिजली की बेहतरी को लेकर बड़े दावे किए गए। मुख्यालय पर विधायक, जिलाध्यक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के प्रत्याशी और उनकी पार्टी से जुड़े धुरंधरों की मौजूदगी के बावजूद जिस तरह से बिजली के गुलगपाड़े की स्थिति सामने आई है, उसने लोगों को विस्मित तो किया ही, मुख्यालय पर वर्षों बाद बिजली कटौती का एक नया इतिहास रच दिया।
कटौती का यह खेल कहीं बिगाड़ न दे सियासी गणित
योगी-मोदी मैजिक और राम मंदिर के मुद्दे को जीत का बड़ा समीकरण मानकर चल रहे सत्ता पक्ष के लिए बिजली कटौती का करंट बड़ा झटका साबित हो सकता है। जिस तरह से इस बिजली कटौती ने आम हो या खास सबके जीवन चर्या पर असर डाला है और जिस तरह से लगातार चार दिन से अंधाधुंध बिजली कटौती के बावजूद सत्ता पक्ष के कद्दावरों खासकर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी सामने आई है उसने लोगों को नाराज करके रख दिया है। एक तरफ बिजली अफसरों का गैर जिम्मेदाराना रवैया और दूसरी तरफ जनप्रतिनिधियों की चुप्पी, यूपी के आखिरी छोर पर आखिरी चरण के चुनाव में सियासी समीकरण को लेकर नई पटकथा न लिख दे, इसको लेकर चर्चा बनी हुई है।
मुख्यालय पर ट्राली ट्रांसफार्मर के बावजूद घंटे बिजली गुल होने का नहीं मिल पा रहा जवाब
सिविल लाइंस रोड और इससे जुड़े विकास नगर एरिया में बार-बार बिजली गुल होने के पीछे जहां ट्रांसफार्मर की खराबी को कारण बताया जा रहा है। वहीं, आफ द रिकॉर्ड पूरे नगर क्षेत्र में बिजली गुल होने के पीछे अचानक से बड़ी खपत के कारण बिजली न मिल पाने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया जा रहा है। लेकिन ट्राली ट्रांसफार्मर की मौजूदगी के बावजूद लोगों को ट्रांसफार्मर की खराबी का दंश क्यों झेलना पड़ रहा है, आखिर किन वजहों से पूरे नगर क्षेत्र की घंटों बिजली गुलकर लगभग दो लाख की आबादी को जागते हुए रात गुजारने को विव किया जा रहा है जाने का कारण क्या है? कटी बिजली कब तक आएगी इस पर किसी भी बिजली अवसर का कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है जिसको लेकर लोगों में नाराजगी तो है ही, सत्ता पक्ष के खिलाफ भी खासा असंतोष देखने को मिल रहा है।