Sonbhadra News: मुख्य मार्ग पर जलजमाव के लिए प्रांतीय खंड ने खनन व्यवसायियों को ठहराया जवाबदेह, एसडीएम को भेजा पत्र

Sonbhadra News:सरकारी नाला को खनन व्यवसायियों द्वारा भस्सी डालकर बंद कर दिया गया है, जिसके कारण वर्षा का जल, मार्ग से निकल नहीं पा रहा है, मार्ग अवरूद्ध हो जा रहा है।

Update:2024-07-09 20:32 IST

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Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र के बग्घानाला से ओबरा जाने वाले मुख्य मार्ग पर बारिश के दौरान हो रहे जलजमाव और इसके चलते यातायात प्रभावित होने की बन रही स्थिति के लिए लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड ने खनन व्यवसायियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनकी ओर से भस्सी डालकर नालों को बंद करने का आरोप लगाते हुए, एसडीएम को हस्तक्षेप करने के लिए पत्र भेजे जाने की जानकारी दी गई है। बताते चलें कि न्यूजट्रैक की खबर का संज्ञान लेते हुए लोक निर्माण महकमे की ओर से जिले के प्रांतीय खंड से आख्या मांगी गई थी।

एक्सईएन की तरफ से भेजी गई विभागीय आख्या में अवगत कराया गया है कि बग्धानाला से ओबरा मार्ग में विल्ली चढ़ाई से शारदा मंदिर के मध्य सरकारी नाला को खनन व्यवसायियों द्वारा भस्सी डालकर बंद कर दिया गया है, जिसके कारण वर्षा का जल, मार्ग से निकल नहीं पा रहा है। मार्ग अवरूद्ध हो जा रहा है। मार्ग पर यातायात के लिए, सरकारी नाले से अतिक्रमण हटाने के लिए उपजिलाधिकारी ओबरा को पत्र प्रेषित किया गया है। चोपन-बग्घानाला मार्ग पर पहली बार ही मजे की बारिश के चलते नहर में तब्दील हुई सड़क पर जमा पानी ने आवागमन कर रहे लोगों की खासी फजीहत कराई थी। महज दो साल पूर्व पीडब्ल्यूडी के जरिए डीएमएफ कोटे से करोड़ो खर्च कर निर्मित की गई सड़क की हालत देख जहां लोगों ने खासा आक्रोश जताया था।वहीं डायवर्जन के दौरान ध्वस्त हुई सड़क की आवज उठाए जाने के बाद भी, वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर टोल वसूलने वाली कंपनी की तरफ से ध्यान न दिए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई गई थी।

 टोल प्लाजा वसूलने वाली कंपनी से सड़क की मरम्मत कराए जाने की मांग

उल्लेखनीय है कि बग्घानाला स्थित रेलवे पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद, बग्घानाला-ओबरा मार्ग से लगभग नौ महीने तक भारी वाहन गुजारे गए थे। इसके चलते जहां सड़क कई जगह ध्वस्त हो गई थी। वहीं, गड्ढों के चलते लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसको देखते हुए लोगों ने, टोल प्लाजा वसूलने वाली कंपनी से सड़क की मरम्मत कराए जाने की मांग की थी। वहीं, दो साल पूर्व बनाई गई सड़क के दौरान नाली की स्थिति पर ध्यान न दिए जाने को लेकर भी हस्तक्षेप की मांग की गई थी। बावजूद जहां बारिश में गड्ढों और जल जमाव के बीच इस मार्ग से लोगों की गुजरना नियति बनी हुई है। वही,ं जमा पानी के लिए अब प्रांतीय खंड की ओर से खनन व्यवसायियों को जवाबदेह ठहराते हुए, उन पर पानी निकासी से जुड़े नालों को अवरूद्ध करने का आरोप लगाया है। ऐसे में पानी निकासी को लेकर अभी भी कोई ठोस पहल सामने आएगी या फिर आरोप-प्रत्यारोप का क्रम बना रहेगा, इसको लेकर चर्चा बनी हुई है।

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