Sonbhadra : क्रशर प्लांटों-सड़क किनारे भंडारित ’डोलो स्टोन गिट्टी’ के टेेंडर पर सवाल, भाजपा नेता ने कहा-स्टोन डस्ट को बताया जा रहा गिट्टी

Sonbhadra News: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने बयान जारी कर, जहां टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, दावा किया है कि मौके पर भस्सी और हाफ इंची पड़ी हुई है जिसकी रायल्टी दर 160 निर्धारित कर, बड़़े खनन व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

Update:2024-11-20 17:47 IST

Sonbhadra News ( Pic- News Track)

Sonbhadra News: ओबरा तहसील क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में सड़क किनारे तथा क्रशर प्लांटों के इर्द-गिर्द भंडारित पाए गए कथित 3,73,026 घनमीटर डोलो स्टोन गिट्टी को लेकर अपनाई जा रही टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने बयान जारी कर, जहां टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, दावा किया है कि मौके पर भस्सी और हाफ इंची पड़ी हुई है जिसकी रायल्टी दर 160 निर्धारित कर, बड़़े खनन व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। दूसरी तरफ, खान महकमे का दावा है कि प्रक्रिया पूरी तरह वैध है। जहां छह एमएम से उपर गिट्टी की साइज है, वहां 160 की दर से ही रायल्टी की प्रक्रिया लागूू होती है।

प्रशासन की तरफ से हुई थी जहां-तहां भंडारित गिट्टी की नापी

गत नौ नवंबर को डीएम बद्रीनाथ सिंह की तरफ से खनिज अनुभाग के जरिए एक विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि 18 आराजी नंबरों में स्टोन क्रशरों के आस-पास एवं सड़क किनारे मौजूद डोला स्टोन गिट्टी की नापी कराई गई थी जिसकी मात्रा 4,07,501 घनमीटर पाई गई है। कहा गया था कि संबंधित भंडारित गिट्टी डोला स्टोन के स्वामित्व के संबंध में जिस किसी को दावा/आवेदन प्रस्तुत करना हो। वह 16 नवंबर तक प्रमाणित साक्ष्यों के साथ, ज्येष्ठ खान अधिकारी कार्यालय में कर सकता है।

3,73,026 घनमीटर के लिए जारी की गई ई-निविदा

इसके बाद गत 18 नवंबर को जिलाधिकारी के जरिए खनिज अनुभाग की तरफ से 10 आराजी नंबरों में भंडारित 3,73,026.50 घनमीटर डोला स्टोन गिट्टी की ई-निविदा निकाली गई। खनिज निकासी की अवधि चार माह तय करते हुए, रायल्टी दर 160 रुपये निर्धारित की गई है। 26 नवंबर की शाम पांच बजे तक निविदा दाखिल करने का समय निर्धारित करते हुए, 27 नवंबर की दोपहर टेंडर ओपेन करने का समय तय किया गया है।
 नियमों को ताक पर रखकर काम कर रहा खनन विभागः डॉ धर्मवीर

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ धर्मवीर तिवारी ने टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा है कि खनन विभाग बड़े व्यवसायियों को लाभ देने के लिए नियम को ताक पर रखकर काम कर रहा है। ऐसे टेंडरों के जरिए खनन विभाग छोटे-छोटे ब्लागों की जगह, बड़े ब्लॉग बनाकर टेंडर देने की फिराक में है। दावा किया है कि इससे परमिट की कालाबाजारी बढ़ेगी और खनिज सामग्री की कीमत में भी जबरदस्त उछाल आएगा । कहा कि इससे पूर्व के अधिकारी छोटे-छोटे ब्लागों को ज्यादा प्रोत्साहित करते थे ताकि कालाबाजारी पर लगाम लग सके।

खनिज नियमावली के उल्लंघन का भी लगाया गया आरोप

डॉ तिवारी ने जारी बयान में कहा है कि बिल्ली मारकुडी में सड़क किनारे पड़े डोलो स्टोन और गिट्टी जो अवैध रूप से पड़ी है, उसकी ई-निविदा निकाली गई है, जिसका रेट 160 रुपये रखा गया है। जबकि मौके पर भस्सी और हाफ इंच पड़ा हुआ है जिसका रॉयल्टी रेट लगभग 100 रुपये होता है। आरोप लगाया कि बड़े व्यवसायियों को लाभ देने के लिए गलत जानकारी भी दी जा रही है। ई-टेंडरिंग में, शासनादेश संख्या 2021 उत्तर प्रदेश खनिज नियमावली के पेज संख्या 27 के क्लाज दो के उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया है। डीएम से टेंडर को निरस्त करने की मांग उठाई गई है।

कहीं कोई गड़बड़ी नहीं, टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक: खान अधिकारी

ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने फोन पर कहा कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं बरती गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक है। टेंडर के पीछे किसी भी रूप में बड़े व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने की मंशा नहीं है। सिक्स एमएम से अधिक साइज की गिट्टी के लिए रायल्टी दर 160 से कम नहीं किया जा सकता। ऐसा न किया जाना वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आ जाएगा।

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