Sonbhadra: फर्जी परमिट गिरोह के सदस्यों से क्रशर प्लांटों की रसीद बरामद
Sonbhadra News: फर्जी परमिट पर गिट्टी-बालू परिवहन कराने वाले गिरोह के खुलासे के बाद, पकडे़ गए आरोपियों के पास से क्रशर प्लांटों से जुडी रसीदें बरामद की गई हैं।
Sonbhadra News: जिले में फर्जी परमिट पर गिट्टी-बालू परिवहन कराने वाले गिरोह के खुलासे के बाद, जांच की सुई खनन बेल्ट की तरफ मुड़ने लगी है। पकडे गए आरोपियों के पास से क्रशर प्लांटों से जुडी जो रसीदें बरामद की गई हैं उसके जरिए फिलहाल सात क्रशर प्लांटों का सामने आया है। इन रसीदों से जुड़े क्रशर प्लांटों का फर्जी परमिट से क्या कनेक्शन है? इसको लेकर जांच शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि जल्द ही पुलिस की टीम क्रशर बेल्ट में, मामले को लेकर छानबीन, धर-पकड़ करती दिखाई दे सकती है।
परमिट फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था
बताते चलें कि करमा थाना क्षेत्र के धौरहरा स्थित एक प्रिंटिंग प्रेस के जरिए शरिवार को बड़े स्तर पर उपखनिज परिवहन के परमिट फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। इस खुलासे के बाद जहां हडकंप की स्थिति बनी हुई है। वहीं, पुलिस की शक की सुई, फर्जी परमिट प्रपत्र इस्तेमाल करने वाले वाहन स्वामी, चालकों और खनन बेल्ट, खासकर क्रशर प्लांट संचालकों पर टिकी हुई है। मामले को लेकर गत शुक्रवार की शाम जब पुलिस ने धौरहरा स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छापेमारी की थी तो वहां से 10 ऐसे वाहनों के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई थी, जिनको शुक्रवार को ही फर्जी परमिट थमाया गया था। वहीं, कथित सृष्टि कंस्ट्रक्सन के जरिए, चोरी की गिट्टी खपाने वाले वाहन स्वामी, के भी पुलिस के पकड़े में आने का मामला, इस रैकेट से जुड़े लोगों की नींद उड़ाए हुए है।
आरोपियों के पास इन-इन क्रशर प्लांटों का पाया गया है इनवायस
ओबरा क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी स्थित मेसर्स विंध्य स्टोन प्रोडक्ट, मां थावे देवी स्टोन प्रोडक्ट, काशी इंजीनियर्स, मेसर्स सारादह स्टोन वर्क्स, मेसर्स बैभव ग्रुप, मेसर्स मुन्नीलाल एंड कंपनी के नाम की इनवायस आरोपियों के पास से पाई गई है। इन क्रशर प्लांटों की गिरोह से कोई संलिप्तता है या नहीं यह तो पुलिस जांच के बाद पता चलेगा। फिलहाल, इसको लेकर जहां तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले से जुडे़़ हर पहलू की जांच जारी है। विवेचना के दौरान जिन लोगों की संलिप्तता सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।