Sonbhadra: बारिश से नदी-नालों में उफान, धंधरौल के 22, नगवां के खोले गए फाटक
Sonbhadra News: रिहंद जलाशय में भी जलस्तर अधिकतम के करीब बना हुआ है। स्थिति को देखते हुए, जिले क प्रमुख नदियों-जलाशयों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
Sonbhadra News: जिले में रविवार की दोपहर और आधी रात के बाद जमकर हुई बारिश के चलते नदी-नालों में भी उफान की स्थिति बन गई। नगवां बांध के दो फाटक पहले से खुले हुए हैं। वहीं, सोमवार को धंधैराल बांध के भी 22 फाटक खोलने पड़े। दोनों बांधों से लगभग 17 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने का क्रम घंटों बन रहा। कर्मनाशा नदी पर बने सिलहट बांध में भी लगातार उफान के हालात बने हुए हैं। स्थिति को देखते हुए आस-पास के इलाकों में अलर्ट की स्थिति बनी हुई है।
24 घंटे के भीतर 52 मिमी बारिश की गई रिकार्ड
जिले में रविवार को दिन और रात में हुई कुल बारिश 52.50 मिमी रिकार्ड की गई है। सबसे अधिक बारिश राबटर्सगंज तहसील में 72 मिमी रिकार्ड हुई है। दुद्धी तहसील में 68 मिमी, घोरावल तहसील में 39 मिमी और ओबरा तहसील में 31 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। रिहंद जलाशय में भी जलस्तर अधिकतम के करीब बना हुआ है। स्थिति को देखते हुए, जिले क प्रमुख नदियों-जलाशयों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
सात साल बाद धंधरौल डैम के खोलने पड़े फाटक
घाघर नदी से जुड़ा धंधरौल बांध में सामान्यतया जल्दी अधिकतम जलस्तर की स्थिति सामने नहीं आती। इससे निकली घाघर मुख्य नहर में बारिश के समय लगातार पानी छोड़े जाने से भी, बांध के फाटकों को खोलने की जरूरत नहीं पड़ती। वर्ष 2016 में हुई मजे की बारिश के दौरान रिहंद के सभी फाटकों को खोलकर पानी बहाना पड़ा। उसके बाद अब जाकर ऐसी स्थिति आई है। बताते हैं कि रविवार की रात भी हुई तेज बारिश के चलते जलाशय पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया। इसके चलते नगवां बांध से छोड़े जा रहे 500 क्यूसेक पानी की मात्रा बढ़कर 5023 क्यूसेक पर पहुंच गई। वहीं, धंधैराल बांध से 12000 क्यूसेक पानी बहाया गया। लगभग 11 घंटे तक गेट खुले रखने के बाद, सोमवार की दोपहर जाकर स्थिति नियंत्रित हुई। तब एक-एक कर गेट बंद कर दिए गए।
ग्रामीण अंचलों में बनी रही हायतौबा की स्थिति
लगातार बारिश के चलते जिले की कनहर, कर्मनाशा, बेलन, घाघर, रेणुका, बिजुल सहित अन्य नदियों में उफान की स्थिति बनी हुई है। हालांकि जिले की सबसे बड़ी नदी सोन नदी का जलस्तर नियंत्रण में है। सोमवार की सुबह आठ बजे 6 सेमी प्रतिघंटा की दर से जलस्तर में गिरावट भी दर्ज की गई लेकिन जिस तरह से रविवार से तूेज बारिश का क्रम बना हुआ है, उसको देखते हुए, लगातार नदी-नालों और जलाशयों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। आपदा राहत विभाग के जिला प्रबंधक पवन कुमार शुक्ल ने बताया कि जलस्तर बढ़ने के कारण धंधरौल बांध के सभी गेट कुछ घंटे के लिए खोले गए थे। जलस्तर नियंत्रित होने के बाद गेटों को बंद कर दिया गया है।