Sonbhadra News: 40 लाख के शिशु डेस्क में बंदरबांट, आधी-अधूरी आपूर्ति, गुणवत्ता खराब होने का आरोप, भाजपा नेता ने उठाई कार्रवाई की मांग

Sonbhadra News: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में चांदी की जगह गिलट का पायल दिए जाने के मामले के पटाक्षेप के बाद, अब बेसिक परिषदीय विद्यालयों में शिशु डेस्क की आपूर्ति में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं।

Update: 2024-02-03 15:12 GMT

4508 शिशु डेस्क के आपूर्ति में घोटाला, भाजपा नेता ने उठाई कार्रवाई की मांग: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में चांदी की जगह गिलट का पायल दिए जाने के मामले के पटाक्षेप के बाद, अब बेसिक परिषदीय विद्यालयों में शिशु डेस्क की आपूर्ति में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। 40 लाख की इस आपूर्ति में खराब किस्म के डेस्क और निर्धारित अवधि व्यतीत होने के लंबे समय से बाद भी, आधी-अधूरी आपूर्ति का आरोप लगाया गया है। यह आरोप किसी और की तरफ से नहीं, बल्कि सत्तापक्ष से जुड़े, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. धर्मवीर तिवारी की तरफ से लगाए गए हैं। उन्होंने डीएम से टीम गठित कराकर पूरे मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। कहा है कि कुछ लोगों का सिंडीकेट सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने में लगा हुआ है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।

4508 शिशु डेस्क के आपूर्ति का दिया गया था ठेका

बेसिक शिक्षा महकमे की तरफ से बीएसए हरिवंश कुमार की तैनाती के समय में, मार्च 2023 में मिर्जापुर की एक फर्म को बेसिक परिषदीय विद्यालयों में 4508 शिशु डेस्क की आपूर्ति का ठेका दिया गया था। प्रत्येक डेस्क की दर 888 रुपये फाइनल करते हुए, कुल 40 लाख 314 रुपये के सामग्री की आपूर्ति का टेंडर फाइनल किया गया था। तीन मार्च 2023 को फाइनल किए गए टेंडर के क्रम में दो मई 2023 तक आपूर्ति फाइनल कर देनी थी लेकिन जैसा आरोप है कि 2023 की मई कौन कहे, 2024 का मई माह आने में महज दो माह शेष रह गया है लेकिन अभी तक पूरी आपूर्ति नहीं दी गई है।

जो दिखाया गया सैंपल, उससे अलग दी गई आपूर्ति

डॉ. धर्मवीर तिवारी का आरोप है कि टेंडर के समय जो सैंपल दिखाए गए थे। आपूर्ति उससे बिल्कुल विपरीत की जा रही है। अभी तक पूरी आपूर्ति भी नहीं हुई और उसे कागजों पर पूरा दिखा लिया गया है। सोनभद्र में सोलर लाइटों, हाई मास्क लाइटों में भी गड़बड़ी बरते जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि टेंडर लेते समय सैंपल तो बड़े ब्रांड की कंपनी का दिखाया जाता है लेकिन आपूर्ति लोकल ब्रांड की कर सरकार की छवि को नुकसान पहंुचाया जा रहा है। उनका कहना है कि चंद अधिकारी और ठेका फर्मों का गठजोड़ लगातार सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। डीएम से मांग की गई है कि ऐसे अधिकारियों और सस्थाओं/फर्मों की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए।

डेस्कों के सत्यापन का चल रहा काम, गड़बड़ी पर होगी कार्रवाईः बीएसए

बीएसए नवीन कुमार पाठक ने फोन पर बताया कि आधी-अधूरी आपूर्ति और खराब शिशु डेस्क का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वैसे भी अभी उसका भुगतान नहीं हुआ है। सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। सत्यापन में लगाए गए आरोपों का भी ख्याल रखा जाएगा। गड़बड़ी की पुष्टि होने पर, उसके अनुपात में भुगतान की जाने वाली राशि काट ली जाएगी।

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