Sonbhadra : सिदहवा में पहाड़ी खोदकर पाटी जा रही राख का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

Sonbhadra News: परियोजनाओं से निकलने वाली फ्लाई ऐश (कोयले की राख) को लेकर एक बड़ा खेल सामने आया है। अजीबोगरीब फार्मूला अपनाकर आबादी के करीब पाटी जा रही राख को लेकर दावा किया जा रहा है;

Update:2025-03-23 20:30 IST

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Sonbhadra News : बिजली परियोजनाओं से निकलने वाली फ्लाई ऐश (कोयले की राख) को लेकर एक बड़ा खेल सामने आया है। अजीबोगरीब फार्मूला अपनाकर आबादी के करीब पाटी जा रही राख को लेकर दावा किया जा रहा है कि रेणुकूट वन प्रभाग अंतर्गत अनपरा रेंज के सिदहवा (कुलडोमरी ग्राम पंचायत) में पहाड़ी खोदकर उसे बड़े गड्ढे की शक्ल दी जा रही है।

जिस जगह यह कारनामा किया जा रहा है, उसके आस-पास आबादी एरिया भी मौजूद है। इसके चलते पर्यावरण को तो नुकसान पहुंच ही रहा है, आबादी क्षेत्र में मानव स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा मौजूद हो गया है। इसको लेकर वीडियो सामने आने के साथ ही, प्रकरण को लेकर शिकायत किए जाने की भी बात सामने आई है। हालांकि खनन महकमे ने इसे वन महकमे और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़ा मसला बताया है। अब प्रकरण से संबंधित महकमे की तरफ से क्या कार्रवाई सामने आती है, इस पर निगाहें टिकी हुई है।

हैरान कर देने वाली हैं वीडियो-तस्वीरें

बताते चलें कि एनजीटी के साथ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से बिजली घरों से निकलने वाली राख के सुरक्षित निस्तारण के कड़े निर्देश जारी हैं। इसको देखते हुए, बड़े ट्रांसपोर्टरों को एनएचआई सहित अन्य जगहों पर राख पहुंचाने के लिए कंपनियों की एनटीपीसी सहित अन्य कंपनियों की तरफ से टेंडर दिए गए है। रोजाना सैकड़ों ट्रक की ढुलाई और इसके जरिए सुरक्षित निस्तारण का दावा किया जा रहा है लेकिन अनपरा-पिपरी के बीच स्थित सिदहवा एरिया से जो वीडियो-तस्वीरें सामने आई हैं, वह हैरान कर देने वाली है।

कुछ इस तरह हो रहा निस्तारण का बड़ा खेल

अनपरा और रेणुकूट के बीच हाइवे किनारे की अधिकांश एरिया जंगल से आच्छादित हैं। वहीं, अधिकांश आबादी वाली इन जंगलों के पीछे छिपा हुआ है। बताया जा रहा है कि इसका फायदा उठाकर, ट्रांसपोर्टरों और कुछ पत्थर खननकर्ताओं ने, मिलकर पहाड़ी की खुदाई कर पत्थर निकालने और उसके चलते हो रहे गड्ढे को राख से पाटकर उस पर हल्की मिट्टी गिराने का फार्मूला अपनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि स्थानीय स्तर, पर इससे जुड़े जिम्मेदारों को भी राख निस्तारण के इस अजीबोगरीब फार्मूले की जानकारी है। आबादी क्षेत्र से सटे इस तरह का कारनामा होने से, सब कुछ खुली आंखों के सामने हो रहा है। कहा जा रहा है कि लंबे समय से हो रहे इस खेल पर अब तक आधिकारिक रूप से किसी की नजर नहीं पड़ पाई है।

 खान महकमे ने कहा: वन महकमे-यूपीपीसीबी का क्षेत्राधिकार

प्रकरण को लेकर भाजपा नेता आकाश पांडेय की तरफ से गत चार को सीएम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके क्रम में प्रभारी अधिकारी (शिकायत), कलेक्ट्रेट की तरफ से खान महकमे को प्रकरण की जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। मामले में गत 17 मार्च को प्रभारी अधिकारी (शिकायत) कलेक्ट्रेट को एक पत्र उपलब्ध कराया गया, जिसमें कहा गया कि मामला वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़ा हुआ है।

जानिए, खान महकमे की रिपोर्ट में क्या दी गई है जानकारी?

खान निरीक्षक की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जिले के अनपरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कुलडोमरी के सिदहवां में खुलेआम अवैध खनन किये जाने और पहाड़ खोदकर वहां फ्लाईऐश भरे जाने की शिकायत की गई है। बताया गया है कि संबंधित शिकायती क्षेत्र वन विभाग के अधीन है, जिसमें वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जॉच किया जाना उचित प्रतीत होता है। शासनादेश संख्या 277 19 जनवरी 1998 का हवाला देते हुए कहा है कि राजस्व क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने का उत्तरदायित्व जिला प्रशासन और खनन प्रशासन का है तथा वन क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने का उत्तरदायित्व वन विभाग का है।

मामले की जांच कर की जाएगी कार्रवाई: डीएफओ

डीएफओ भानेंद्र प्रताप सिंह ने प्रकरण की जांच कराई जाएगी। अगर संबंधित स्थल, खान विभाग की तरफ से दी गई जानकारी अनुसार, वन क्षेत्र से जुड़ा पाया गया कि प्रकरण को लेकर संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जांच का मिला निर्देश तो वह भी लेंगे एक्शन: आरओ

यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ऋतेश तिवारी ने कहा कि चूंकि प्रकरण को लेकर शिकायत एक फोरम पर विचाराधीन है। खान महकमे की तरफ से प्रभारी अधिकारी (शिकायत), कलेक्ट्रेट को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, अगर उसके क्रम में उन्हें जांच या कार्रवाई का निर्देश मिलेगा तो वह भी प्रकरण की जांच करते हुए त्वरित कार्रवाई करेंगे। मामला पर्यावरण से जुड़े होने के कारण यूपीपीसीबी सीधा एक्शन नहीं ले सकता? इस सवाल पर कहा कि चूंकि प्रकरण में एक फोरम की तरफ से प्रक्रिया अपनाई जा रही है इसलिए उनकी तरफ से, इसको लेकर सीधा एक्शन उचित नहीं होगा।

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