Sonbhadra News: ऐतिहासिक धाम शिवद्वार के श्रावणी मेले की बनी रणनीति, हाथरस हादसे को देखते हुए होंगे विशेष इंतजाम, जानिए क्या दिखेगा बदलाव
Sonbhadra News: श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा हो और न हीं कहीं कोई कोई अप्रिय स्थिति बने, इसको लेकर कई उपाय सुझाए, जिस पर प्रशासन की ओर से समुचित पहल की सहमति जताई गई।
Sonbhadra News: गुप्तकाशी के प्रवेश द्वार का दर्जा रखने वाले ऐतिहासिक धाम शिवद्वार में श्रावणी मेले को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। श्रावण माह, खासकर सोमवार को यहां उमड़ने वाले श्रद्धालुओं-कांवड़ियों को रेले को देखते हुए शुक्रवार को मंदिर परिसर में पुजारियों, इलाके के संभ्रांत व्यक्तियों और प्रशासन-पुलिस के लोगों की बैठक हुई। इस दौरान जहां मंदिर में दर्शन-पूजन के साथ ही, पूरे मेला परिसर की सीसी टीवी कैमरे से निगरानी का निर्णय लिया गया। वहीं, हाथरस में हुए हादसे को देखते हुए, इस बार आने वाली भीड़ को नियंत्रित और श्रद्धालुओं को व्यस्थित रखने के लिए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए जाने के निर्णय लिए गए।
श्रावणी मेले को लेकर आयोजित बैठक में एसडीएम घोरावल राजेश सिंह, क्षेत्राधिकारी घोरावल राहुल पंाडेय, प्रभारी निरीक्षक घोरावल कमलेश पाल, एसडीओ विद्युत धर्मेंद्र सिंह, शिव पार्वती प्राचीन काशी सेवा समिति के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी, ममंदिर के पुजारी, मंदिर की व्यवस्था से जुड़े संजय मोदनवाल, प्रधान सियाराम यादव सहित इलाके के कमई प्रधान, संभ्रांत नागरिक, पूर्व ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख राज बहादुर सिंह, वरिष्ठ समाजसेवी श्रीकांत दुबे, एडीओ पंचायत रामचरण सहित कई की मौजूदगी बनी रही। श्रीकांत दुबे आदि ने श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा हो और न हीं कहीं कोई कोई अप्रिय स्थिति बने, इसको लेकर कई उपाय सुझाए, जिस पर प्रशासन की ओर से समुचित पहल की सहमति जताई गई।
जानिए, किन-किन इंतजामों पर जताई गई सहमति
- हाथरस हादसे को देखते हुए, कहीं भी ज्यादा भीड़ जमा न होने पाए, न ही श्रद्धालुओं, खासकर कांवड़ियों के लिए कहीं दिक्कत की स्थिति बनने पाए, इसके लिए पांच स्थानों पर बैरियर और जरूरत अनुसार रूट डायवर्जन का निर्णय लिया गया।
- यातायात व्यवस्था बनी रहे और मंदिर परिसर में अनावश्यक या भारी भीड़ जमा होने की स्थिति न बनने पाए, इसके लिए मंदिर के आस-पास तथा घोरावल कोहरथा मोड पर बैरियर स्थापित करने पर सहमति जताई गई।
- सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर गेट के साथ ही, मंदिर परिसर और मंदिर के भीतर पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ ही, सीसी टीवी कैमरे से 24 घंटे निगरानी बनाए रखने की योजना बनाई गई।
- परिसर के अंदर जो पहले से दुकानें लगती चली आ रही हैं, उन्हें ही दुकान लगाने की अनुमति दी जाएगी। शेष किसी को भी नई दुकान/नई परंपरा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- बिजली और स्वास्थ्य दोनों महकमों से जुड़ी टीमें श्रावणी मेला के दौरान मंदिर परिसर में मौजूद रहेंगी। बिजली व्यवस्था बेहतर बनी रहे, इसको लेकर 24 घंटे निगरानी बनाई जाएगीं। वहीं स्वास्थ्य महकमे की टीम किसी श्रद्धालु के साथ आपात स्थिति बनने पर तत्काल उसे चिकित्सा मुहैया कराएगी।
- जिन-जिन ग्राम पंचायतों से होकर श्रद्धालुओं का समूह-कांवड़ यात्रा गुजरेगी, उन-उन ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिव भी स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे। कहीं कोई दिक्कत आती है तो स्वयं से मदद उपलब्ध कराने के साथ ही, तत्काल उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना प्रेषित करेंगे।
- हाथरस के हादसे को देखते हुए यातायात-भीड़ प्रबंधन पर विशेष फोकस रहेगा। इसके लिए यहां तैनात की जाने वाली पुलिस फोर्स की संख्या में इस बार बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।
मंदिर खुलने की यह होगी समय-सारिणी
सोमवार को जलाभिषेक और दर्शन-पूजन के लिए उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए रविवार की रात एक बजे ही, मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इससे पहले रात 12 बजे से एक बजे तक विशेष/मंगला आरती का आयोजन किया जाएगा। शेष दिनों में भोर के चार बजे से रात 10 बजे तक मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे।