Sonbhadra News : सोनभद्र के लिए मुसीबत बना जाम का झाम, ओवरलोड वाहनों के अनियंत्रित संचालन ने बिगाड़े हालात

Sonbhadra News : हाइवे पर आए दिन लगने वाले जाम का झाम सोनभद्र वासियों के लिए मुसीबत बनने लगा है। ओवरलोड वाहनों के अनियंत्रित संचालन के चलते पिछले एक पखवाड़े से जहां, जब-तब लगने वाले भीषण जाम से ऊर्जांचल परिक्षेत्र की रफ्तार थम सी गई है।

Update:2024-09-13 19:50 IST

Sonbhadra News : हाइवे पर आए दिन लगने वाले जाम का झाम सोनभद्र वासियों के लिए मुसीबत बनने लगा है। ओवरलोड वाहनों के अनियंत्रित संचालन के चलते पिछले एक पखवाड़े से जहां, जब-तब लगने वाले भीषण जाम से ऊर्जांचल परिक्षेत्र की रफ्तार थम सी गई है। वहीं, लोगों के जरूरी कामकाज, आवागमन प्रभावित होने के साथ ही तमाम लोगों का जनजीवन भी अस्त-व्यस्त सा हो गया है। अब लोगों की जिंदगियां भी जाम की भेंट चढ़ने लगी हैं। गुरुवार को जाम के चलते हुए हादसे और एक की मौत से जहां लोगों में हडकंप की स्थिति बनी रही। वहीं, शुक्रवार की अलसुबह से लगा भीषण जाम रेणुकूट से लेकर अनपरा तक के लोगों को रूलाता रहा।

किसी का छूटा स्कूल तो किसी को ड्यूटी से होना पड़ा गैरहाजिर

रेणुकूट के मुर्धवा मोड़ से अनपरा के औड़ीमोड़ के बीच कोयला, खासकर राखड़ लदे ट्रकों के ओवरलोड परिवहन ने आवागमन की व्यवस्था बिगाड़कर रख दी है। हालात यह हो गए हैं कि क्राइम कंट्रोल के लिए स्थापित पुलिस थाने-चौकियां, महज  ट्रैफिक कंट्रोल का माध्यम बनने लगी हैं। शुक्रवार को पूरे दिन जाम का झाम लोगों को रूलाता रहा। घर से विद्यालय के लिए निकले बच्चों को रास्ते से वापस होना तोे कामकाजी लोगों को ड्यूटी की गैरहाजिरी सहनी पड़ी। इलाज के लिए जा रहे मरीज और तीमारदार जहां-तहां फंसकर बिलबिलाते रहे। सफर पर निकले लोग भी, हालात को कोसने में लगे रहे।


लगातार हादसे-जाम, नहीं लग पा रहा ओवरलोड वाहनों पर अंकुश

जाम के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं। गुरुवार से पहले ओवरलोड वाहन से दबकर, एक-दो व्यक्ति नहीं, कार सवार एक परिवार का ही कचूमर निकल चुका है। कभी दो, कभी चार तो कभी सात से आठ वाहन एक साथ सड़क के बीचों-बीच ब्रेकडाउन हालात में खडे़ हो जा रहे हैं। बावजूद प्रभावी अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा? इस सवाल ने लोगों के जेहन को उलझाकर रख दिया है।

सोशल मीडिया पर लोगों का निकलता रहा गुस्सा

हालात को लेकर लोग सोशल मीडिया पर गुस्सा निकालते रहे। लोगों का कहना था कि आरटीओ यानी परिवहन विभाग इस मसले पर चुप्पी साधे हुए है। परिवहन विभाग रोजाना कहीं न कहीं चेकिंग का दावा करता है, लेकिन उसकी नजर फ्लाईऐश और कोयले के ओवरलोड परिवहन पर क्यों नहीं पड़ रही है?


यहां हैं पेंच, इसे लेकर कार्रवाई की जरूरत

यूपी-एमपी सीमा स्थित देश के सबसे बड़े बिजलीघर विंध्यनगर, शक्तिनगर स्थित एनटीपीसी सिंगरौली और बीजपुर स्थित एनटीपीसी रिहंद के ऐशडैम से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन फ्लाईऐश लेकर निकल रहे हैं। लोगों का कहना है कि इन वाहनों पर ज्यादा से ज्यादा 25 से 30 टन ही ऐश लदा होना चाहिए, लेकिन इन पर 70 से 80 टन फ्लाई ऐश लाद दी जा रही है। इसके चलते सड़कों का तो कचूमर निकल ही रहा। पहाड़ी की ऊंची और घुमावदार चढ़ाई पर जहां-तहां वाहन खराब होकर या ऊंचाई चढ़ न पाने के कारण खड़े हो जा रहे हैं। ओवरलोड होने के कारण बीच रास्ते खड़े वाहनों को आसानी से किनारे लगाना संभव नहीं हो पा रहा है। इस कारण भीषण जाम लग जा रहा है। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, शुक्रवार को जगह-जगह सात ट्रकें खराब हो गईं, इस कारण भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हुई।

18 वाहनों पर गाज, लगातार चलेगी कारवाई : एआरटीओ

एआरटीओ राजेश्वर यादव ने बताया कि ओवरलोड वाहनों को लेकर लगातार सख्ती बरती जा रही है। शुक्रवार को रेणुकूट अनपरा के बीच विशेष अभियान चलाकर 18 ओवरलोड वाहनों का चालान किया गया। कहा कि कार्रवाई का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। ओवरलोड के मामले में राख उठान का ठेका लेने वाले संविदाकारों पर जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस सहित अन्य कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

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