UP Politics: 2017 के बाद आज फिर दम दिखाएंगे ‘यूपी के दो लड़के', न्याय यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश
UP Politics: राहुल गांधी की न्याय यात्रा आज ऐतिहासिक शहर आगरा पहुंचने वाली है और यहीं पर राहुल और अखिलेश की जोड़ी एक बार फिर साथ नजर आएगी।
UP Politics: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन कर लिया है। दोनों दलों के बीच हुए इस गठजोड़ के बाद आज फिर आगरा में ‘यूपी के दो लड़कों’ की जोड़ी साथ नजर आएगी। 2017 के बाद यह पहला मौका होगा जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक साथ आगरा की सड़कों पर दिखाई देंगे।
उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था और तब राहुल और अखिलेश ने प्रदेश की सड़कों पर एक साथ उतरकर चुनाव प्रचार किया था। इस तरह सात साल बाद दोनों दिग्गज नेता आज एक साथ उतरकर सपा और कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस के निमंत्रण पर अखिलेश ने भरी हामी
दोनों दलों के बीच गठबंधन के ऐलान से पहले अखिलेश यादव राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि गठजोड़ से पूर्व उनका यात्रा में शामिल होना संभव नहीं होगा। इसके बाद उन्होंने अमेठी, रायबरेली और लखनऊ में राहुल की न्याय यात्रा में हिस्सा नहीं लिया था। दोनों दलों के बीच चुनावी डील पक्की होने के बाद कांग्रेस की ओर से सपा मुखिया को एक बार फिर राहुल की यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बाबत सपा मुखिया अखिलेश यादव को निमंत्रण भेजा था। खड़गे का पत्र लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय सपा कार्यालय पहुंचे थे। इसके बाद अखिलेश यादव ने न्याय यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया था। राहुल गांधी की न्याय यात्रा आज ऐतिहासिक शहर आगरा पहुंचने वाली है और यहीं पर राहुल और अखिलेश की जोड़ी एक बार फिर साथ नजर आएगी।
गठबंधन के बाद विपक्ष में दिख रहा उत्साह
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने के बाद एक बार फिर विपक्ष में काफी उत्साह नजर आ रहा है और दोनों दल भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को चुनौती देने में जुट गए हैं। सभा मुखिया अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने का ऐलान करते हुए शनिवार को लखनऊ में कहा कि यह पीडीए यानी पिछड़ा,दलित और अल्पसंख्यक यात्रा होगी। सपा मुखिया पिछले काफी दिनों से पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को एकजुट बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। न्याय यात्रा के जरिए भी उन्होंने इस समीकरण को साधने की कोशिश की है।
खींचतान के बाद हुआ दोनों दलों में गठबंधन
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में कई दिनों की खींचतान के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश में चुनावी गठबंधन हो गया है। इस गठबंधन के मुताबिक प्रदेश की 17 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी उतारेगी जबकि सपा के खाते में 67 सीटें गई है।
दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन में कांग्रेस को अमेठी, रायबरेली, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बांसगांव, सहारनपुर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया की सीटें मिली हैं। प्रदेश के बाकी बची सीटों पर सपा प्रत्याशी अपनी ताकत दिखाएंगे।
इस बार कितनी ताकत दिखा पाएगा गठबंधन
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने प्रदेश में सात साल बाद गठबंधन किया है। इससे पूर्व 2017 के प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी दोनों दलों ने हाथ मिलाया था। हालांकि उस चुनाव के दौरान दोनों दलों को अपेक्षित सफलता नहीं हासिल हो सकी थी। दोनों दलों ने मिलाकर प्रदेश की 54 विधानसभा सीटें जीती थीं। सपा को 47 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि कांग्रेस सिर्फ सात सीटों पर अटक गई थी। दोनों दलों के बीच गठबंधन के बाद नारा दिया गया था की यूपी को यह साथ पसंद है। उस सणय पार्टी के नेता राहुल और अखिलेश को ‘यूपी के दो लड़के एक साथ’ कहते हुए नजर आए थे।
दोनों दलों ने हाथ मिलाकर इंडिया गठबंधन को संजीवनी तो जरूर दे दी है मगर यह देखने वाली बात होगी कि इस बार के लोकसभा चुनाव में यह गठबंधन कितनी ताकत दिखा पाता है। सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा की मजबूत चुनावी तैयारी को देखते हुए एनडीए को चुनौती देना आसान साबित नहीं होगा।