अखिलेश यादव ने खोला राज, आखिर यूपी में क्यों कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहली बार कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं करने पर बोला है। उन्होंने कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखने की वजह बताई है।

Update: 2019-01-22 12:01 GMT
अखिलेश यादव की फ़ाइल फोटो

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहली बार कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं करने पर बोला है। उन्होंने कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखने की वजह बताई है।

अखिलेश यादव ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का बेहद सम्मान करते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखना पड़ा। अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए मजबूत चुनावी गणित की जरूरत थी, इसी वजह से एसपी-बीएसपी गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया गया।

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चुनावों के बाद कांग्रेस के साथ काम करने की संभावना को खारिज किए बिना अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनके संबंध अच्छे हैं और वह 'खुश' होंगे अगर अगला प्रधानमंत्री उनके गृह राज्य से हो।

चुनाव के बाद सपा कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तैयार होगी इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, 'हम अभी इसका जवाब नहीं दे सकते। हम चुनाव के बाद इसका जवाब देंगे। लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि देश एक नया प्रधानमंत्री चाहता है और चुनावों के बाद उसे यह मिलेगा।'

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अखिलेश यादव ने बीएसपी के साथ गठबंधन पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप उत्तर प्रदेश की सीटें निकाल दें, तो आप देखेंगे कि बीजेपी बहुमत के साथ सरकार नहीं बना पाती। बीजेपी लगातार सोशल इंजीनियरिंग की बात कर रही है। इसलिए, मैंने भी अपना चुनावी गणित ठीक करने का फैसला किया और बीएसपी के साथ गठबंधन करके मैंने ऐसा ही किया।

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बहुत से विकास कार्य किए। इसके बावजूद, उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में हार मिली, क्योंकि उनका चुनावी अंकगणित सही नहीं था।

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अखिलेश ने कहा, इसलिए, मैंने अपना अंकगणित ठीक करने का फैसला किया। बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के साथ मिलकर हमने अंकगणित ठीक किया और दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दीं।

बता दें, समाजवादी पार्टी ने 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन इस चुनाव में एसपी-कांग्रेस गठबंधन को बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

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