इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उपनिरीक्षक, सहायक उपनिरीक्षक (लिपिक) एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड ए भर्ती परीक्षा निरस्त कर देने के विरुद्ध दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व पुलिस भर्ती बोर्ड से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने पंकज जायसवाल व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार पुलिस भर्ती बोर्ड ने पहले उपनिरीक्षक गोपनीय, सहायक उपनिरीक्षक (लिपिक) लेखा के 609 पद और उसके बाद कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड ए के 666 पद विज्ञापित किए।
13 सितंबर 2017 को दोनों भर्तियों की ऑनलाइन परीक्षा हुई और उसके आठ दिन बाद आंसर-की जारी की गई। अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद 13 नवम्बर 2017 को संशोधित आंसर-की जारी हुई। बाद में 29 जनवरी 2018 को परीक्षा निरस्त कर दी गई। कहा गया कि आंसर-की पर आई आपत्तियां सही हैं। इससे परीक्षा की शुचिता व पारदर्शिता प्रभावित होगी। याचिका में कहा गया कि सभी भर्ती बोर्ड आंसर-की व संशोधित आंसर-की जारी करते हैं। केवल आंसर-की में आपत्तियों के आधार पर परीक्षा निरस्त करना गलत है