Sultanpur News: भाजपा के ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर मंडराया खतरा, 36 BDC ने अविश्वास के लिए दिया एफिडेविट, भ्रष्टाचार का आरोप

Sultanpur News: सुमन गौतम ने बताया आज हम ब्लॉक प्रमुख विनोद गौतम के खिलाफ अविश्वास लेकर आए थे। वो कोई भी कार्य सही से करते नहीं हैं। कभी भी बीडीसी को बुलाकर बैठक नहीं किए। जो करते हैं अपने मन से करते हैं।

Report :  Taaquweem Fatma
Update:2024-07-30 17:03 IST

भाजपा के ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ लगा भ्रष्टाचार का आरोप, 36 बीडीसी ने अविश्वास के लिए दिया एफिडेविट: Photo- Newstrack

Sultanpur News: प्रदेश में जिस तरह भारतीय जनता पार्टी में उठापटक मची हुई है ऐसा ही कुछ जिले की राजनीति में भी हो रहा है, भाजपा के करौंदीकला ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर एक बार फिर खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है। मंगलवार को दो तिहाई क्षेत्र पंचायत सदस्यों का जत्था जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना से मिला, सभी ने अविश्वास प्रस्ताव का पत्र उन्हें सौंपा, ऐसे में जिले का सियासी तापमान फिर बढ़ गया है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य सुमन गौतम के नेतृत्व में मंगलवार को करीब 36 बीडीसी अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस लेकर डीएम ऑफिस पहुंचे। संयुक्त रूप से सभी ने डीएम को अविश्वास प्रस्ताव का पत्र सौंपा। बीडीसी ने ब्लॉक प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही निष्पक्ष चुनाव की मांग किया है।


ब्लॉक प्रमुख पर मनमानी करने का लगा आरोप

सुमन गौतम ने बताया आज हम ब्लॉक प्रमुख विनोद गौतम के खिलाफ अविश्वास लेकर आए थे। वो कोई भी कार्य सही से करते नहीं हैं। कभी भी बीडीसी को बुलाकर बैठक नहीं किए। जो करते हैं अपने मन से करते हैं। उन्होंने बताया कि कुल 48 बीडीसी में से 36 लोगों ने शपथ पत्र पर साइन करके डीएम को दिया है।

इसी मामले में पूर्व बार अध्यक्ष व अधिवक्ता नरोत्तम शुक्ला ने बताया कि क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत अधिनियम के तहत नियम ये है कि दो वर्ष के बाद अगर आधे से अधिक कार्य से असंतुष्ट होकर प्रमुख के खिलाफ अविश्वास का नोटिस दे सकते हैं। उसके बाद डीएम को अधिकार है नोटिस जारी करके तीस दिनों के अंदर एक बैठक कराए। मीटिंग के बाद वोटिंग होगी उसमे दो तिहाई मेंबर अविश्वास के पक्ष में रहेंगे तो वो हटा दिया जाएगा।

पहले भी विरोध हुआ था

बता दें कि ब्लॉक प्रमुख विनोद गौतम का इससे पहले भी विरोध हुआ था, नवंबर 2023 में भी उनके विरुद्ध ब्लॉक पर बैठक हुई थी और अविश्वास का मुद्दा गरमाया था। उस समय 37 सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा दिया था। मामला डीएम के पास तक पहुंचा और यहां कार्रवाई नहीं होने पर जनवरी माह में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था।

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