Sultanpur News : पूर्वांचल का प्रसिद्ध पांडे बाबा मेला, जहां लाठियों का लगता है बाज़ार,...पीछे की कहानी भी है दिलचस्प

Sultanpur News : मेले में पांडे बाबा की लाठी काफी प्रसिद्ध है। कई जिलों के लठैत लाठी खरीदने यहीं आते हैं। यहां का गट्टा और पेठा के साथ गुड़ वाली जलेबी भी मशहूर है।

Report :  Fareed Ahmed
Update:2023-10-26 15:52 IST

पांडे बाबा मेला (Social media) 

Sultanpur News : यूपी के सुल्तानपुर जिले के मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर कादीपुर तहसील (Kadipur Tehsil) में सिद्ध स्थल पांडे बाबा (Pandey Baba) पर विजयादशमी का मेला लगता है। यह मेला समूचे पूर्वांचल में प्रसिद्ध है। यहां लाठियों का मेला लगता है। यहां दूरदराज के गांव के लोग खेतों की रखवाली सहित अन्य ज़रूरतों के लिए यहां से लाठियां खरीदने आते हैं। 

कई जिलों के व्यापारी लगाते हैं दुकान, होता है लाखों का व्यापार

आपको बता दें, इस मेले की ख़ासियत ये है कि दशहरे के दिन इस मेले की शुरुआत होती है। मेले में रायबरेली, प्रतापगढ़ अमेठी, सीतापुर, आंबेडकरनगर, जौनपुर, अयोध्या, गोंडा सहित अनेक जिलों के व्यापारी अपनी दुकान लगाने आते हैं। इस मेले में ज़्यादातर लकड़ियों से बने समान ही मिलते हैं। 

पांडे बाबा की लाठी प्रसिद्ध

इस मेले में पांडे बाबा की लाठी काफी प्रसिद्ध है। कई जिलों के लठैत लाठी खरीदने यहीं आते हैं। यहां का गट्टा और पेठा के साथ गुड़ वाली जलेबी भी मशहूर है। मेले में लकड़ी से बने उत्पाद, लोहे के उत्पाद, कृषि के उपयोगी सामान, घरेलू सामान काफी मात्रा में कम कीमत पर मिलते हैं। लोगों को इस मेले का इंतजार रहता है। 

300 साल पुरानी है पांडे बाबा की कहानी

इसके पीछे भी कहानी है। कहा जाता है 300 साल पहले इसी गांव के रहने वाले एक तपस्वी धर मंगल पांडे हुआ करते थे। ये सिद्ध पुरुष थे। एक भूखंड को लेकर उनका विवाद दियरा राजवंश से हुआ था। तब राजा ने उनकी हत्या पीपल के वृक्ष के नीचे करवा दी थी। जिसका बदला बाबा ने राजवंश के संपूर्ण विनाश से लिया। भक्त उनके मंदिर निर्माण के साथ उन्हें धान और अन्न चढ़ाकर उनकी पूजा करने लगे। आज भी वो संस्कृति बदस्तूर जारी है।

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